संविधान संशोधन- नौवाँ
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संविधान संशोधन- नौवाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
नौवाँ संशोधन | 1960 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (नौवाँ संशोधन) अधिनियम, 1960
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- भारत और पाकिस्तान की सरकारों के बीच हुए करारों के अनुसरण में पाकिस्तान को कतिपय राज्य क्षेत्रों का हस्तांतरण करने की दृष्टि से यह संशोधन किया गया।
- यह संशोधन इसलिए आवश्यक हुआ कि बेरुबाड़ी के हस्तांतरण के मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय दिया था कि किसी राज्य-क्षेत्र को किसी दूसरे देश को देने के करार को अनुच्छेद 3 के अधीन बनाई गई किसी विधि द्वारा क्रियांवित नहीं किया जा सकता, अपितु इसे संविधान में संशोधन करके ही क्रियांवित किया जा सकता है।
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