संविधान संशोधन- 16वाँ

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संविधान संशोधन- 16वाँ
भारत का संविधान
भारत का संविधान
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
16वाँ संशोधन 1963
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (16वाँ संशोधन) अधिनियम, 1963

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा अनुच्छेद 19 में संशोधन किया गया, जिसमें भारत की प्रभुसत्ता और अखंडता के हित में वाक और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य, शांतिपूर्ण और शस्त्ररहित सम्मेलन तथा संस्था बनाने के अधिकारों पर प्रतिबंध लगाया गया।
  • संसद और राज्य विधानमंडलों के निर्वाचन के लिए उम्मीदवारों द्वारा ली जाने वाली शपथ या अधिनियम का संशोधन करके उसमें यह शर्त भी शामिल की गई कि वे भारत की प्रभुसत्ता और अखंडता को अक्षुण रखेंगे।
  • इन संशोधनों का उद्देश्य राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है।


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