संविधान संशोधन- 43वाँ

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संविधान संशोधन- 43वाँ
भारत का संविधान
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
43वाँ संशोधन 1977
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (43वाँ संशोधन) अधिनियम, 1977

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस अधिनियम के द्वारा अन्य बातों के साथ-साथ, संविधान (42वां संशोधन) अधिनियम, 1976 के लागू होने से उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र में जो कटौती हो गई थी, उसे बहाल करने का उपबंध किया गया और तदनुसार उक्त संशोधन द्वारा संविधान में शामिल किए गए अनुच्छेद 32क,131क, 144क, 226क, और 228क को इस अधिनियम द्वारा हटा दिया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा अनुच्छेद 31घ को भी, जिसके द्वारा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के कतिपय क़ानून बनाने के लिए संसद को विशेष शक्तियाँ दी गई थीं, हटा दिया गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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