संविधान संशोधन- 69वाँ
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संविधान संशोधन- 69वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
69वाँ संशोधन | 1991 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (69वाँ संशोधन) अधिनियम, 1991
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- भारत सरकार ने 24 दिसम्बर 1987 को दिल्ली के प्रशासन से संबंधित विभिन्न मामलों का अध्ययन करने तथा प्रशासनिक ढाँचे को चुस्त बनाने के उपाय सुझाने के लिए एक कमेटी गठित की थी।
- पूरी जाँच-पड़ताल और अध्ययन के बाद इस समिति ने यह सिफारिश की थी कि दिल्ली एक केंद्रशासित प्रदेश बना रहे और इसमें एक विधानसभा तथा एक मंत्रिपरिषद भी हो, जो आम आदमी से संबंधित मामलों के बारे में पूरी तरह से अधिकारसंपन्न हो।
- कमेटी ने यह सिफारिश की थी कि स्थायित्व और सुदृढ़ता को दृष्टि में रखते हुए एसी व्यवस्था की जाए, जिससे राष्ट्रीय राजधानी को अन्य केंद्रशासित प्रदेशों की तुलना में एक विशेष दर्जा प्राप्त हो।
- यह अधिनियम उपरोक्त सिफारिशों को लागू करने के लिए पारित किया गया।
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