संविधान संशोधन- 48वाँ
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संविधान संशोधन- 48वाँ
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विवरण | 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है। |
संविधान लागू होने की तिथि | 26 जनवरी, 1950 |
48वाँ संशोधन | 1984 |
संबंधित लेख | संविधान सभा |
अन्य जानकारी | 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है। |
भारत का संविधान (48वाँ संशोधन) अधिनियम, 1984
- भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
- संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन पंजाब राज्य के बारे में राष्ट्रपति द्वारा जारी की गई उद्घोषणा तब तक एक वर्ष से अधिक समय तक लागू नहीं रह सकती, जब तक कि उक्त अनुच्छेद के खंड 5 में उल्लिखित शर्त पूरी नहीं होती।
- चूंकि यह महसूस किया गया है कि उक्त उद्घोषणा का लागू रहना आवश्यक है, इसलिए यह संशोधन किया गया है, ताकि इस मामले में अनुच्छेद 356 के खंड 5 में उल्लिखित शर्तें लागू न होने पाएं।
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