"प्रयोग:अश्वनी5": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
पंक्ति 12: पंक्ति 12:
<div style="padding:3px">[[चित्र:Kolaz-Varanasi.jpg|right|botom|100px|वाराणसी के विभिन्न दृश्य |link=वाराणसी]]</div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:Kolaz-Varanasi.jpg|right|botom|100px|वाराणसी के विभिन्न दृश्य |link=वाराणसी]]</div>
*<u>'''[[वाराणसी]]'''</u> के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। [[काशी]] से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।  
*<u>'''[[वाराणसी]]'''</u> के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। [[काशी]] से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।  
*इस नगर के धनी व्यापारियों को व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि [[बनारस]] के व्यापारी [[दिशाकाक]] लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। '''[[वाराणसी|.... और पढ़ें]]'''
*इस नगर के धनी व्यापारियों को व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि [[बनारस]] के व्यापारी [[दिशाकाक]] लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। [[वाराणसी|.... और पढ़ें]]
----
----
<center>
<center>
पंक्ति 29: पंक्ति 29:
<div style="padding:3px">[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]]</div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:Khajuraho-Temples.jpg|right|100px|खजुराहो मंदिर|link=खजुराहो]]</div>
*'''[[खजुराहो]]''' की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।  
*'''[[खजुराहो]]''' की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।  
*कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देते हैं। '''[[खजुराहो|.... और पढ़ें]]'''
*कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देते हैं। [[खजुराहो|.... और पढ़ें]]
|-
|-
| class="bg69" style="border:1px solid #dfc867;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f9e89e; border:thin solid #dfc867;">'''ऐसा भी हुआ !!!'''</div>  
| class="bg69" style="border:1px solid #dfc867;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f9e89e; border:thin solid #dfc867;">'''ऐसा भी हुआ !!!'''</div>  
* 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों दो हज़ार साल पहले ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए '''[[अगलस्सोई|.... और पढ़ें]]'''
* 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों दो हज़ार साल पहले ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए [[अगलस्सोई|.... और पढ़ें]]
*मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ [[वीनू मांकड़]] ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया कि सब दंग रह गए। '''[[क्रिकेट#मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम|... और पढ़ें]]'''
*मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ [[वीनू मांकड़]] ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया कि सब दंग रह गए। [[क्रिकेट#मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम|... और पढ़ें]]
|-
|-


| class="headbg43" style="border:1px solid #b1bcc3;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#b4bfc6; border:thin solid #b1bcc3;">'''[[सूक्ति और कहावत]]'''</div>
| class="headbg43" style="border:1px solid #b1bcc3;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#b4bfc6; border:thin solid #b1bcc3;">'''[[सूक्ति और कहावत|आज की सूक्ति]]'''</div>
*जब मरने के बाद श्मशान में डाल दिए जाने पर सभी लोग समान रूप से पृथ्वी की गोद में सोते हैं, तब मूर्ख मानव इस संसार में क्यों एक दूसरे को ठगने की इच्छा करते हैं।  -'''[[वेदव्यास]]''' ([[महाभारत]], स्त्रीपर्व|4|18)
*हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -'''[[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]]''' (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43) [[सूक्ति और कहावत|.... और पढ़ें]]
*हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -'''[[स्वामी विवेकानन्द|विवेकानन्द]]''' (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43)
*यह मनुष्य अन्तकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर को त्याग करता है, वह उस-उस को ही प्राप्त होता हैं; क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है । '''- [[गीता|श्रीमद्भागवत गीता]]'''
*अनेक विद्याओं का अध्ययन करके भी जो समाज के साथ मिलकर आचरण्युक्त जीवन व्यतीत करना नहीं जानते, वे अज्ञानी ही समझे जायेंगे। - '''तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 140)'''  '''[[सूक्ति और कहावत|.... और पढ़ें]]'''
 
|-
|-
{{सामान्य ज्ञान-06}}
{{सामान्य ज्ञान-06}}
पंक्ति 53: पंक्ति 49:
|-
|-
| class="bg69" style="border:1px solid #dfc867;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f9e89e; border:thin solid #dfc867;">'''भूला-बिसरा भारत'''</div>  
| class="bg69" style="border:1px solid #dfc867;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#f9e89e; border:thin solid #dfc867;">'''भूला-बिसरा भारत'''</div>  
*पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- ''[[ओखली]]'' 
*पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- [[ओखली]]  
* पहले किसान खेत में पानी लगाने के लिये प्रयोग करते थे --- ''[[ढेकली]]''
*पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- [[ओखली]]
* ऐसे ही कुछ भूली वस्तुओं के बारे में जानने के लिये देखें --- ''[[.... और पढ़ें]]''
*पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- [[ओखली]]
|-
|-
| class="bg45" style="border:1px solid #d7d8ec;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d2d2ff; border:thin solid #b5b5f6;">'''एक व्यक्तित्व'''</div>  
| class="bg45" style="border:1px solid #d7d8ec;padding:10px; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px;" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#d2d2ff; border:thin solid #b5b5f6;">'''एक व्यक्तित्व'''</div>  
<div style="padding:3px">[[चित्र:Satyajit-Ray.jpg|right|100px|सत्यजित राय|link=सत्यजित राय]] </div>
<div style="padding:3px">[[चित्र:Satyajit-Ray.jpg|right|100px|सत्यजित राय|link=सत्यजित राय]] </div>
* '''[[सत्यजित राय]]''' मानद ऑस्कर अवॉर्ड, [[भारत रत्न]] के अतिरिक्त [[पद्म श्री]] (1958), [[पद्म भूषण]] (1965), [[पद्म विभूषण]] (1976) और रमन मैगसेसे पुरस्कार (1967) से सम्मानित हैं।
* '''[[सत्यजित राय]]''' मानद ऑस्कर अवॉर्ड, [[भारत रत्न]] के अतिरिक्त [[पद्म श्री]] (1958), [[पद्म भूषण]] (1965), [[पद्म विभूषण]] (1976) और रमन मैगसेसे पुरस्कार (1967) से सम्मानित हैं।
*विश्व सिनेमा के पितामह माने जाने वाले महान निर्देशक अकीरा कुरोसावा ने राय के लिए कहा था "सत्यजित राय के बिना सिनेमा जगत वैसा ही है जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान" '''[[सत्यजित राय|.... और पढ़ें]]'''
*विश्व सिनेमा के पितामह माने जाने वाले महान निर्देशक अकीरा कुरोसावा ने राय के लिए कहा था "सत्यजित राय के बिना सिनेमा जगत वैसा ही है जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान" [[सत्यजित राय|.... और पढ़ें]]
----
----
<center>
<center>

14:57, 9 मई 2011 का अवतरण

'भारत डिस्कवरी' विभिन्न भाषाओं में निष्पक्ष एवं संपूर्ण ज्ञानकोश उपलब्ध कराने का अलाभकारी शैक्षिक मिशन है। कृपया यह भी ध्यान दें कि यह सरकारी वेबसाइट नहीं है और हमें कहीं से कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं है।


ज्ञान का हिन्दी-महासागर

कुल पृष्ठ- 1,95,496   •   देखे गये पृष्ठ- साँचा:NUMBEROFVIEWS
कुल लेख- 63,134   •   कुल चित्र- 19,523
सदस्यों को सम्पादन सुविधा उपलब्ध है।

आज का दिन - 27 जून 2025

यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें

विशेष आलेख
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
वाराणसी के विभिन्न दृश्य
  • वाराणसी के व्यापारी समुद्री व्यापार भी करते थे। काशी से समुद्र यात्रा के लिए नावें छूटती थीं।
  • इस नगर के धनी व्यापारियों को व्यापार के उद्देश्य से समुद्र पार जाने का उल्लेख है। जातकों में भी व्यापार के उद्देश्य से बाहर जाने का उल्लेख मिलता है। एक जातक में उल्लेख है कि बनारस के व्यापारी दिशाकाक लेकर समुद्र यात्रा को गए थे। .... और पढ़ें

पिछले विशेष आलेख → बाघ · हिन्दी · ब्रज · कोलकाता
एक पर्यटन स्थल
खजुराहो मंदिर
खजुराहो मंदिर
  • खजुराहो की मूर्तियों की सबसे अहम और महत्त्वपूर्ण ख़ूबी यह है कि इनमें गति है, देखते रहिए तो लगता है कि शायद चल रही है या बस हिलने ही वाली है, या फिर लगता है कि शायद अभी कुछ बोलेगी, मस्कुराएगी, शर्माएगी या रूठ जाएगी।
  • कमाल की बात तो यह है कि ये चेहरे के भाव और शरीर की भंगिमाऐं केवल स्त्री पुरुषों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी दिखाई देते हैं। .... और पढ़ें
ऐसा भी हुआ !!!
  • 20 हज़ार आबादी वाले एक नगर के लोगों दो हज़ार साल पहले ने स्वयं अपने नगर में आग लगा दी और अपनी स्त्रियों और बच्चों के साथ जलकर मर गए .... और पढ़ें
  • मांकड़ का अंदाज-ए-आउट बना नियम- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सिडनी टेस्ट में भारतीय गेंदबाज़ वीनू मांकड़ ने विपक्षी बल्लेबाज को कुछ ऐसे आउट किया कि सब दंग रह गए। ... और पढ़ें
  • हमारी उन्नति का एकमात्र उपाय यह है कि हम पहले वह कर्तव्य करें जो हमारे हाथ में है, और इस प्रकार धीरे–धीरे शक्ति संचय करते हुए क्रमशः हम सर्वोच्च अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। -विवेकानन्द (विवेकानन्द साहित्य, तृतीय खण्ड, पृ. 43) .... और पढ़ें
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी


भारत कोश हलचल

अंतरराष्ट्रीय संसदीय दिवस (30 जून) अन्तरराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस (30 जून) हूल क्रान्ति दिवस (30 जून) वासुदेव द्वादशी (30 जून) ईद उल ज़ुहा (29 जून) पंढरपुर यात्रा, महाराष्ट्र (29 जून) सांख्यिकी दिवस (29 जून) गोवर्धन परिक्रमा प्रारम्भ (29 जून) देवशयनी एकादशी (29 जून) गुप्त नवरात्र पूर्ण (27 जून) अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस (26 जून) दुर्गाष्टमी (26 जून) स्कन्द षष्ठी (24 जून) संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा दिवस (23 जून) अन्तरराष्ट्रीय विधवा दिवस (23 जून) विनायक चतुर्थी (22 जून) अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) विश्व संगीत दिवस (21 जून) विश्व शरणार्थी दिवस (20 जून) जगन्नाथ रथयात्रा प्रारम्भ (20 जून) विश्व एथनिक दिवस (19 जून) गुप्त नवरात्र प्रारम्भ (19 जून) पितृ दिवस (18 जून) गोवा क्रान्ति दिवस (18 जून) आषाढ़ अमावस्या (18 जून) पितृकार्येषु अमावस्या (18 जून) रोहिणी व्रत (17 जून) मासिक शिवरात्रि (16 जून) प्रदोष व्रत (15 जून) मिथुन संक्रांति (15 जून) विश्व रक्तदान दिवस (14 जून) योगिनी एकादशी (14 जून) विश्व बालश्रम निषेध दिवस (12 जून) कालाष्टमी (10 जून) विश्व नेत्रदान दिवस (10 जून) अन्तरराष्ट्रीय अभिलेख दिवस (9 जून) विश्व महासागर दिवस(8 जून) विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (8 जून) संकष्टी चतुर्थी (7 जून) विश्व पर्यावरण दिवस(5 जून) ज्येष्ठ पूर्णिमा (4 जून) पौर्णमासी व्रत(4 जून) कबीरदास जयंती (4 जून) विश्व साइकिल दिवस (3 जून)


जन्म
देवकीनन्दन खत्री (29 जून) पी. सी. महालनोबिस (29 जून) मरियप्पन थंगावेलु (28 जून) पी. वी. नरसिंह राव (28 जून) जसपाल राणा (28 जून) शिवप्रसाद गुप्त (28 जून) प्रहलाद सिंह पटेल (28 जून) पी. टी. उषा (27 जून) राहुल देव बर्मन (27 जून) आर. डी. प्रधान (27 जून) अकिलन (27 जून) पूर्णिमा वर्मन (27 जून) अमला शंकर (27 जून) नितिन मुकेश (27 जून)
मृत्यु
माइकल मधुसूदन दत्त (29 जून) दामोदर धर्मानंद कोसांबी (29 जून) सरदार बलदेव सिंह (29 जून) के.जी. सुब्रह्मण्यम (29 जून) गवरी देवी (29 जून) मेहता लज्जाराम शर्मा (29 जून) अमर गोस्वामी (28 जून) पी. सी. महालनोबिस (28 जून) रणजीत सिंह (27 जून) सैम मानेकशॉ (27 जून)

समाचार

समाचार

भूला-बिसरा भारत
  • पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- ओखली
  • पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- ओखली
  • पहले हर घर में होती थी पर आज शायद ही किसी घर में हो --- ओखली
एक व्यक्तित्व
सत्यजित राय
सत्यजित राय

पिछले लेख → सरोजिनी नायडू · रबीन्द्रनाथ ठाकुर
चयनित चित्र

हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध रिवालसर झील
हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध रिवालसर झील

रिवालसर झील, मंडी, हिमाचल प्रदेश

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>

वर्णमाला क्रमानुसार पन्ने की खोज कर सकते हैं

अं
क्ष त्र ज्ञ श्र अः