अमर गोस्वामी

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अमर गोस्वामी
अमर गोस्वामी
पूरा नाम अमर गोस्वामी
जन्म 28 नवम्बर, 1945
जन्म भूमि मुल्तान (अविभाजित भारत)
मृत्यु 28 जून, 2012
मृत्यु स्थान गाज़ियाबाद
कर्म भूमि भारत
मुख्य रचनाएँ 'इस दौर में हमसफर', 'महुए का पेड़', 'धरतीपुत्र', 'महाबली', 'अपनी-अपनी दुनिया', 'कल का भरोसा', 'भूल-भुल्लैया' आदि।
भाषा हिन्दी, बांग्ला
विद्यालय 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय'
शिक्षा एम.ए.
प्रसिद्धि साहित्यकार व उपन्यासकार
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी आप 'मनोरमा' और 'गंगा' जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से लंबे समय तक जुड़े रहे थे।
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची

अमर गोस्वामी (अंग्रेज़ी: Amar Goswami; जन्म- 28 नवम्बर, 1945, मुल्तान (अविभाजित भारत); मृत्यु- 28 जून, 2012, गाज़ियाबाद) हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार तथा उपन्यासकार थे। वे 'मनोरमा' और 'गंगा' जैसी देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से लंबे समय तक जुड़े रहे थे। अमर गोस्वामी साहत्यिक संस्था 'वैचारिकी' के संस्थापक भी रहे। उन्होंने कई साहित्यिक पत्रिकाओं का संपादन भी किया था।

जन्म तथा शिक्षा

अमर गोस्वामी का जन्म 28 नवम्बर, 1945 को एक बांग्ला भाषी ब्राह्मण परिवार में मुल्तान (विभाजित भारत) में हुआ था। मुल्तान वर्तमान समय में अब पाकिस्तान का हिस्सा है। जब अमर गोस्वामी मात्र दो वर्ष के थे, तभी उनका परिवार देश के बंटवारे के दौरान मुल्तान से उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर नगर में आकर बस गया था। अपनी शिक्षा के तहत अमर गोस्वामी ने 'इलाहाबाद विश्वविद्यालय' से हिन्दी विषय के साथ स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की थी।

कार्यक्षेत्र

अमर गोस्वामी ने एक प्राध्यापक के रूप में शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया था। महिलाओं की बहुचर्चित पत्रिका 'मनोरमा' में उन्होंने बतौर उप-संपादक अपनी सेवाएँ प्रदान की थीं। उन दिनों कथाकार अमरकांत इस पत्रिका के संपादक थे। 'मनोरमा' में लगभग 6 वर्ष तक काम करने के बाद अमर गोस्वामी दिल्ली चले गए।

कृतियाँ

अमर गोस्वामी जी की प्रमुख रचनाएँ निम्नलिखित हैं-

कहानी संग्रह - हिमायती, महुए का पेड़, अरण्य में हम, धरतीपुत्र, महाबली, अपनी-अपनी दुनिया, कल का भरोसा, भूल-भुल्लैया, उदास राघवदास, बूजो बहादुर, इक्कीस कहानियाँ।
बाल साहित्य - 'शाबाश मुन्नू' सहित बच्चों की कहानियों की कुल सोलह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।
अनुवाद - बांग्ला भाषा से हिन्दी में अनूदित 50 से भी अधिक पुस्तकें
उपन्यास - इस दौर में हमसफर
अनुवाद - बांग्ला से हिन्दी में साठ से अधिक अनूदित पुस्तकें प्रकाशित

पुरस्कार एवं सम्मान

  1. 'अहिन्दी भाषी हिन्दी लेखक पुरस्कार' - 'हिमायती' कहानी संग्रह पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा
  2. 'प्रेमचंद पुरस्कार' - उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा
  3. केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, हिन्दी अकेडमी दिल्ली, इंडो सोवियत लिटरेरी सोसायटी के कई सम्मान आदि भी उन्हें मिले थे।

निधन

हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले अमर गोस्वामी का 28 जून, 2012 को गाज़ियाबाद में अपने निवास स्थान पर निधन हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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