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'''नगई''' [[गुलबर्गा ज़िला]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित एक ग्राम है। मालखेड़, सिराम और नगई ग्राम प्राचीन [[मान्यखेट]] के स्थान पर बसे हुए हैं। नगई दिगम्बर [[जैन|जैनों]] का प्राचीन [[तीर्थ स्थान]] है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= | '''नगई''' [[गुलबर्गा ज़िला]], [[महाराष्ट्र]] में स्थित एक ग्राम है। मालखेड़, सिराम और नगई ग्राम प्राचीन [[मान्यखेट]] के स्थान पर बसे हुए हैं। नगई दिगम्बर [[जैन|जैनों]] का प्राचीन [[तीर्थ स्थान]] है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=474|url=}}</ref> | ||
*दिगम्बर जैन नगई को अब भी एक पवित्र तीर्थ के रूप में मानते हैं। | *दिगम्बर जैन नगई को अब भी एक पवित्र तीर्थ के रूप में मानते हैं। |
12:16, 17 जून 2013 के समय का अवतरण
नगई गुलबर्गा ज़िला, महाराष्ट्र में स्थित एक ग्राम है। मालखेड़, सिराम और नगई ग्राम प्राचीन मान्यखेट के स्थान पर बसे हुए हैं। नगई दिगम्बर जैनों का प्राचीन तीर्थ स्थान है।[1]
- दिगम्बर जैन नगई को अब भी एक पवित्र तीर्थ के रूप में मानते हैं।
- नगई में 16 नक़्क़ाशीदार स्तम्भों का एक भव्य मण्डप है, जो किसी प्राचीन मन्दिर का प्रवेश द्वार था।
- इस मन्दिर का आधार ताराकार है, जो चालुक्य वास्तुकला का लक्षण माना जाता है। इसमें काले पत्थर के दो अभिलिखित पट्ट जड़े हैं।
- मन्दिर के समीप ही हनुमान का मन्दिर है, जिसका सुन्दर दीप-स्तम्भ गर्जराकार बना है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 474 |