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06:37, 25 जून 2016 का अवतरण

आज का दिन - 10 मई 2024 (भारतीय समयानुसार)

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भारतकोश हलचल

भारतकोश हलचल

विनायक चतुर्थी (11 मई) राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) परशुराम जयन्ती (10 मई) अक्षय तृतीया (10 मई) बदरीनाथ-केदारनाथ दर्शन प्रारम्भ (10 मई) रोहिणी व्रत (10 मई) शिवाजी जयन्ती (09 मई) वैशाख अमावस्या (08 मई) विश्व रेडक्रॉस दिवस (08 मई) विश्व थैलेसिमिया दिवस (08 मई) विश्व अस्थमा दिवस (07 मई) सीमा सड़क संगठन स्थापना दिवस (07 मई) विश्व एथलेटिक्स दिवस (07 मई) मासिक शिवरात्रि (06 मई) प्रदोष व्रत (05 मई) विश्व हास्य दिवस (05 मई) वरूथिनी एकादशी (04 मई) बल्लभाचार्य जयन्ती (04 मई) अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस (03 मई) अन्तरराष्ट्रीय सूर्य दिवस (03 मई) शीतला अष्टमी व्रत (01 मई) कालाष्टमी (01 मई) अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस (01 मई) गुजरात स्थापना दिवस (01 मई) महाराष्ट्र स्थापना दिवस (01 मई) अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस (29 अप्रॅल) विश्व बौद्धिक सम्पदा दिवस (26 अप्रॅल) चेरनोबिल दिवस (26 अप्रॅल) विश्व पशु चिकित्सा दिवस (26 अप्रॅल) विश्व मलेरिया दिवस (25 अप्रॅल) राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस (24 अप्रॅल) पौर्णमासी व्रत (23 अप्रॅल) हनुमान जयन्ती (23 अप्रॅल) विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस (23 अप्रॅल)


जन्म
मृणालिनी साराभाई (11 मई) सआदत हसन मंटो (11 मई) एस. एम. श्रीनागेश (11 मई) के. वी. के. सुंदरम (11 मई) शक्ति सिन्हा (11 मई) सागर सरहदी (11 मई) योगेन्द्र सिंह यादव (10 मई) पंकज मलिक (10 मई) रामेश्वर नाथ काव (10 मई) सुभाष सी. कश्यप (10 मई) बी. एस. केसवन (10 मई) विचित्र नारायण शर्मा (10 मई) वी. के. सिंह (10 मई)
मृत्यु
आबिदा सुल्तान (11 मई) कैफ़ी आज़मी (10 मई) छत्रपति साहू महाराज (10 मई) हरि वासुदेवन (10 मई) मैक मोहन (10 मई) शिवकुमार शर्मा (10 मई) मुख़्तार अहमद अंसारी (10 मई) अनिल भल्ला (10 मई) सुधाकरराव नाईक (10 मई)

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भारतकोश सम्पादकीय

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

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कौऔं का वायरस

         यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र शर्मदार की मौत


एक आलेख

एक आलेख

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        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल

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एक व्यक्तित्व

एक व्यक्तित्व

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        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण

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एक रचना

एक रचना
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         पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा गया एक महाकाव्य है, जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन-चरित्र का वर्णन किया गया है। यह महाकवि चंदबरदाई की रचना है, जो पृथ्वीराज के अभिन्न मित्र तथा राजकवि थे। इसमें दिल्लीश्वर पृथ्वीराज के जीवन की घटनाओं का विशद वर्णन है। यह तेरहवीं शती की रचना है। डॉ. माताप्रसाद गुप्त इसे 1400 विक्रमी संवत के लगभग की रचना मानते हैं। इसमें पृथ्वीराज व उनकी प्रेमिका संयोगिता के परिणय का सुन्दर वर्णन है। यह ग्रंथ ऐतिहासिक कम काल्पनिक अधिक है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'हिन्दी साहित्य का इतिहास' में लिखा है- 'पृथ्वीराज रासो ढाई हज़ार पृष्ठों का बहुत बड़ा ग्रंथ है जिसमें 69 समय (सर्ग या अध्याय) हैं। प्राचीन समय में प्रचलित प्राय: सभी छंदों का व्यवहार हुआ है। मुख्य छंद हैं कवित्त (छप्पय), दूहा, तोमर, त्रोटक, गाहा और आर्या। ...और पढ़ें

पिछले लेख रामचरितमानस वंदे मातरम् पद्मावत

एक त्योहार

एक त्योहार
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        दीपावली अथवा 'दिवाली' भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। त्योहारों का जो वातावरण धनतेरस से प्रारम्भ होता है, वह आज के दिन पूरे चरम पर आता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार कार्तिक अमावस्या को भगवान श्रीराम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने श्रीराम के राज्यारोहण पर दीपमालाएं जलाकर महोत्सव मनाया था। रात्रि के समय प्रत्येक घर में धनधान्य की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी, विघ्न-विनाशक गणेश जी और विद्या एवं कला की देवी मातेश्वरी सरस्वती की पूजा-आराधना की जाती है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इस अर्धरात्रि में महालक्ष्मी स्वयं भूलोक में आती हैं और प्रत्येक सद्गृहस्थ के घर में विचरण करती हैं। जो घर हर प्रकार से स्वच्छ, शुद्ध और सुंदर तरीक़े से सुसज्जित और प्रकाशयुक्त होता है, वहां अंश रूप में ठहर जाती हैं। ... और पढ़ें


पिछले लेख नवरात्र गणेशोत्सव

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