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चन्द्रपुर ज़िला [[महाराष्ट्र]] में स्थित है। यह [[ब्रिटिश]] शासन के दौरान चांद नाम से जाना जाता था। इस स्थान का प्राचीन नाम लोकपुरा भी था, जो आगे चलकर इन्दूर और उसके बाद चन्द्रपुर के नाम से जाना गया। इस जिले के प्राचीन स्थल  वैरंगढ, कोसल, भद्रावती और मरकड हैं। चन्द्रपुर पर काफ़ी लंबे समय तक हिन्दू और बौद्ध राजाओं का शासन रहा है। बाद में गोंड राजाओं ने इस पर अधिकार कर लिया जिन्होंनें 1751 तक यहाँ शासन किया। बाद में इसे [[ब्रिटिश शासन]] में मिला लिया गया। पर्यटकों के देखने लायक यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्‍य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं।
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चन्द्रपुर (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी [[महाराष्ट्र]] राज्य, पश्चिम [[भारत]] में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। चंद्रपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी है।
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==इतिहास==
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12वीं से 18वीं शताब्दी तक चंद्रपुर गोंड वंश की राजधानी था। बाद में [[नागपुर]] के [[मराठा]] भोंसले ने इसे जीत लिया। 1854 से [[1947]] में भारत के स्वतंत्र होने तक यह ब्रिटिश मध्य प्रांत का हिस्सा था।
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यह [[ब्रिटिश शासन]] के दौरान चांद नाम से जाना जाता था। इस स्थान का प्राचीन नाम लोकपुरा भी था, जो आगे चलकर इन्दूर और उसके बाद चन्द्रपुर के नाम से जाना गया। इस ज़िले के प्राचीन स्थल  वैरंगढ, [[कोसल]], [[भद्रावती]] और मरकड हैं। चन्द्रपुर पर काफ़ी लंबे समय तक हिन्दू और [[बौद्ध]] राजाओं का शासन रहा है। बाद में गोंड राजाओं ने इस पर अधिकार कर लियाजिन्होंने 1751 तक यहाँ शासन किया। बाद में इसे [[ब्रिटिश शासन]] में मिला लिया गया।
  
==चन्द्रपुर के पर्यटन स्थल==
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==यातायात और परिवहन==
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;<u>वायु मार्ग</u>
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चन्द्रपुर का नज़दीकी हवाई अड्डा [[नागपुर]] में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर हवाई अड्डा है जो देश के अनेक शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
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[[मुंबई]] वर्धा चन्द्रपुर रेल लाइन से महाराष्ट्र का यह ज़िला जुड़ा है। महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहाँ के लिए नियमित रेलगाड़ियाँ हैं।
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;<u>सड़क मार्ग</u>
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मुंबई [[नासिक]] चन्द्रपुर सड़क मार्ग चन्द्रपुर को महाराष्ट्र और देश के अन्य शहरों से जोड़ता है। राज्य परिवहन के अलावा अनेक निजी बसें चन्द्रपुर के लिए चलती हैं।
  
'''श्री भद्रवती तीर्थ'''<br />
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==उद्योग और व्यापार==
 
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*प्रमुख रेल तथा सड़क मार्ग पर स्थित यह शहर आसपास के क्षेत्रों में उगने वाले कपास, अनाज और अन्य फ़सलों का वाणिज्यिक केंद्र है।  
चन्द्रपुर के भद्रावती में स्थित श्री [[भद्रवती तीर्थ चन्द्रपुर|भद्रवती तीर्थ]] के [[जैन मन्दिर]] पूरे जिले में प्रसिद्ध हैं। भगवान केसरिया जी [[पार्श्वनाथ]] इन मन्दिरों के मुख्य आराध्य देव हैं। उनकी काले रंग की प्रतिमा काफी आकर्षक है। मूर्ति अर्धपदमासन मुद्रा में स्थापित है। जिस की ऊंचाई 152 सेमी. के करीब है। भद्रवती गाँव के निकट एक खूबसूरत बगीचे में स्थित इस दो मंज़िला मन्दिर की मुख्य विशेषता चतुर्मुख मूर्ति है।
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*स्थानीय खनिजों पर आधारित उद्योगों में कोयले की कई खानें तथा शीशे का सामान बनाने के उद्योग शामिल हैं।
 
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*यह शहर रेशम के कपड़े और अलंकृत चप्पलें जैसे विलास-वस्तुओं के उत्पादन के लिए भी विख्यात है।
'''मरकड महादेव मन्दिर'''<br />
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==जनसंख्या==
 
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[[2001]] की जनगणना के अनुसार चन्द्रपुर नगर पालिका क्षेत्र की जनसंख्या 2,97,612 है।
यह प्राचीन मन्दिर 12वीं शताब्दी में बना था, [[शिव|भगवान शिव]] को समर्पित है। इस मन्दिर का गर्भगृह सात रथ की आकृति से सुसज्जित है। इस मन्दिर का वास्तुशिल्प खजुराहो के मन्दिरों से काफ़ी मिलता-जुलता है। मरकड गए़चिरौली से 47 कि॰ मी॰ और [[नागपुर]] से करीब 177 कि॰ मी॰ की दूरी पर स्थित है। नागपुर से मरकड के लिए बसें चलती हैं।
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==पर्यटन==
 
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'''नंगरगोटा'''<br />
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पर्यटकों के देखने लायक़ यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्‍य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। चंद्रपुर के उत्तर में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इसके 45 किमी दक्षिण में मानिकगढ़ वन पर्यावरण सैरगाह है। यहाँ कई प्रकार के बांस व दूसरे वृक्ष, [[बाघ]], तेंदुआ, जंगली कुत्ते, भालू गौर, सांबर, मुंतजाक हिरन जैसे जानवर व अनेक प्रजातियों के जंगली पक्षी पाए जाते हैं।
 
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{{प्रचार}}
[[नंगरगोटा चन्द्रपुर|नंगरगोटा]] एक खूबसूरत पर्यटन स्थल है जो पहाड़ी को काटकर बनाई गई गुफाओं के लिए चर्चित है। गुफ़ा में किसी प्रकार की कोई तस्वीर या चित्र नहीं हैं। लोग इस गुफा को देखकर दंग रह जाते हैं कि कैसे 350 फीट ऊंची गुफा को काटकर बनाया गया होगा। यह गुफा चन्द्रपुर के नगबीड में स्थित है।
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{{लेख प्रगति
 
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'''गणेश मन्दिर'''<br />
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|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
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|माध्यमिक=
मन्दिर की वास्तुकला और मूर्तियाँ अपने आप में अद्वितीय हैं। भरमगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य- चन्द्रपुर जिले का यह वन्यजीव अभ्यारण्य 105 वर्ग कि॰ मी॰ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभ्यारण्य में वन्यजीवों की विविध प्रजातियां पाई जाती हैं। [[तेंदुए]], [[मुर्गा|जंगली मुर्गा]], [[वाइल्ड बोर]], [[स्लोथ बीयर]] यहाँ मुख्यत: रुप से पाए जाते हैं। साथ ही [[बार्किंग डीयर]], [[नीलगाय]], [[मोर]], उडने वाली [[गिलहरी]] आदि पशु-पक्षियों को भी यहां देखा जा सकता है। हिमलकासी लोक बिरादरी प्रोजेक्ट इस अभ्यारण्य के अन्तर्गत आता है।
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|पूर्णता=
 
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|शोध=
'''चिपराला वन्यजीव अभ्यारण्य'''<br />
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}}
 
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==संबंधित लेख==
शुष्क वनों से घिरा यह अभ्यारण्य 134 वर्ग कि॰मी॰ के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह अभ्यारण्य मुख्यत: बड़ी गिलहरियों के लिए जाना जाता है। साथ ही अनेक दुर्लभ पशु जैसे टाईगर, तेंदुए, जंगली बिल्ली, स्लोथ बीयर, जंगली [[कुत्ता]] आदि भी यहाँ देखे जा सकते हैं। [[अजगर]] और [[गोह]] जैसे सरीसृप भी यहाँ दिखाई देते हैं। फरवरी से मई का समय यहाँ आने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
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{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
 
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{{महाराष्ट्र के नगर}}
'''तरोबा राष्ट्रीय पार्क'''<br />
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[[Category:महाराष्ट्र]]
 
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[[Category:महाराष्ट्र के नगर]]
यह राष्ट्रीय पार्क चन्द्रपुर से 45 कि॰मी॰ की दूरी पर है। कान्हा राष्ट्रीय पार्क से दक्षिण पश्चिम में स्थित इस राष्ट्रीय पार्क को [[टाईगर]], [[तेंदुए]], सांभर [[हिरन]], [[वाइल्ड बोर]], [[भेड़िए]], [[गोर]], [[चीतल]], [[नीलगाय]], दलदली [[मगरमच्छ]] और अनेक जलपक्षियों का घर माना जाता है। टीस और बांस के पेड़ इस पार्क की सुंदरता में वृद्धि करते हैं। नवंबर से जून का महीना यहां आने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। पार्क में ठहरने के लिए रेस्ट हाउस की उचित व्यवस्था है।
 
 
 
'''आनंदवन आश्रम'''<br />
 
 
 
वरोरा नगर स्थित यह आश्रम प्रसिद्ध समाजसेवी बाबा आमटे की कर्मभूमि रही है। बाबा आमटे का जीवन कुष्ठरोगियों के लिए समर्पित रहा है। इस आश्रम में उनके पुनर्वास और देखभाल की उचित व्यवस्था की गई है। विदेशों से आने वाले पर्यटक यहाँ नियमि रूप से आते रहते हैं।
 
 
 
==कैसे जाएं==
 
 
 
'''वायु मार्ग'''<br />
 
 
 
चन्द्रपुर का नजदीकी एयरपोर्ट [[नागपुर]] में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर एयरपोर्ट है जो देश के अनेक शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।<br />
 
 
 
'''रेल मार्ग'''<br />
 
 
 
[[मुंबई]]-वर्धा-चन्द्रपुर रेल लाइन से महाराष्ट्र का यह ज़िला जुड़ा है। महाराष्ट्र और पडोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित रेलगाड़ियां हैं।<br />
 
 
 
'''सड़क मार्ग'''<br />
 
 
 
मुंबई-[[नासिक]]-चन्द्रपुर सड़क मार्ग चन्द्रपुर को महाराष्ट्र और देश के अन्य शहरों से जोड़ता है। राज्य परिवहन के अलावा अनेक निजी बसें चन्द्रपुर के लिए चलती हैं।
 
 
 
'''कहां ठहरें'''<br />
 
 
 
चन्द्रपुर में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है लेकिन चन्द्रपुर से 160 किमी. दूर नागपुर में ठहरने के लिए होटलों की उत्तम व्यवस्था है।
 
 
 
[[Category:महाराष्ट्र के ज़िले]]
 
 
[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]]
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[[Category:भारत के नगर]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
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14:10, 12 अगस्त 2013 के समय का अवतरण

चन्द्रपुर चन्द्रपुर पर्यटन चन्द्रपुर ज़िला

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चन्द्रपुर (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम भारत में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। चंद्रपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी है।

इतिहास

12वीं से 18वीं शताब्दी तक चंद्रपुर गोंड वंश की राजधानी था। बाद में नागपुर के मराठा भोंसले ने इसे जीत लिया। 1854 से 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक यह ब्रिटिश मध्य प्रांत का हिस्सा था। यह ब्रिटिश शासन के दौरान चांद नाम से जाना जाता था। इस स्थान का प्राचीन नाम लोकपुरा भी था, जो आगे चलकर इन्दूर और उसके बाद चन्द्रपुर के नाम से जाना गया। इस ज़िले के प्राचीन स्थल वैरंगढ, कोसल, भद्रावती और मरकड हैं। चन्द्रपुर पर काफ़ी लंबे समय तक हिन्दू और बौद्ध राजाओं का शासन रहा है। बाद में गोंड राजाओं ने इस पर अधिकार कर लियाजिन्होंने 1751 तक यहाँ शासन किया। बाद में इसे ब्रिटिश शासन में मिला लिया गया।

यातायात और परिवहन

वायु मार्ग

चन्द्रपुर का नज़दीकी हवाई अड्डा नागपुर में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर हवाई अड्डा है जो देश के अनेक शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

मुंबई वर्धा चन्द्रपुर रेल लाइन से महाराष्ट्र का यह ज़िला जुड़ा है। महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहाँ के लिए नियमित रेलगाड़ियाँ हैं।

सड़क मार्ग

मुंबई नासिक चन्द्रपुर सड़क मार्ग चन्द्रपुर को महाराष्ट्र और देश के अन्य शहरों से जोड़ता है। राज्य परिवहन के अलावा अनेक निजी बसें चन्द्रपुर के लिए चलती हैं।

उद्योग और व्यापार

  • प्रमुख रेल तथा सड़क मार्ग पर स्थित यह शहर आसपास के क्षेत्रों में उगने वाले कपास, अनाज और अन्य फ़सलों का वाणिज्यिक केंद्र है।
  • स्थानीय खनिजों पर आधारित उद्योगों में कोयले की कई खानें तथा शीशे का सामान बनाने के उद्योग शामिल हैं।
  • यह शहर रेशम के कपड़े और अलंकृत चप्पलें जैसे विलास-वस्तुओं के उत्पादन के लिए भी विख्यात है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार चन्द्रपुर नगर पालिका क्षेत्र की जनसंख्या 2,97,612 है।

पर्यटन

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संबंधित लेख

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