बिक्रमजीत कंवरपाल
बिक्रमजीत कंवरपाल
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पूरा नाम | बिक्रमजीत कंवरपाल |
जन्म | 29 अगस्त, 1968 |
जन्म भूमि | सोलन, हिमाचल प्रदेश |
मृत्यु | 1 मई, 2021 |
मृत्यु स्थान | मुम्बई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय सेना, हिन्दी सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | 'पेज 3', 'पाप, करम', 'कॉरपोरेट', 'क्या लव स्टोरी है', 'खुशबू', 'हाइजैक', 'थैंक्स मां', 'रॉकेट सिंह', 'आरक्षण', 'माई फ्रेंड पिंटो' आदि। |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | बिक्रमजीत कंवरपाल ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 1989 में भारतीय सेना ज्वॉइन की थी। सेना में अपनी बहादुरी और साहस का परिचय देने के बाद 2002 में बतौर मेजर वे सेना से रिटायर हुए। |
बिक्रमजीत कंवरपाल (अंग्रेज़ी: Bikramjeet Kanwarpal, जन्म- 29 अगस्त, 1968; मृत्यु- 1 मई, 2021) हिन्दी फ़िल्मों के अभिनेता थे। उन्होंने कई धारावाहिकों में काम किया था। बिक्रमजीत कंवरपाल एक्टर बनने से पहले भारतीय सेना के अफसर रह चुके थे। उन्होंने आर्मी से रिटायर होने के बाद साल 2003 में अपना एक्टिंग डेब्यू किया। न्होंने 'पेज 3', 'रॉकेट सिंह: सेल्समैन ऑफ द ईयर', 'आरक्षण', 'मर्डर 2', '2 स्टेट्स' और 'द गाजी अटैक' जैसी फिल्मों में अभिनय किया। फिल्मों के अलावा बिक्रमजीत कंवरपाल ने टेलीविजन धारावाहिकों, जैसे- 'दीया और बाती हम', 'ये हैं चाहतें', 'दिल ही तो है' आदि में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं।
परिचय
बिक्रमजीत कंवरपाल का जन्म 29 अगस्त, 1968 को हिमाचल प्रदेश के सोलन में हुआ था। उनके पिता द्वारकानाथ कंवरपाल भारतीय सेना में आर्मी ऑफिसर थे। उन्हें 1963 में उनकी बहादुरी के लिए 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया गया था। अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए बिक्रमजीत कंवरपाल ने भी सेना को ज्वॉइन किया।
कॅरियर
बिक्रमजीत कंवरपाल ने पढ़ाई पूरी करने के बाद 1989 में इंडियन आर्मी ज्वॉइन की थी। सेना में अपनी बहादुरी और साहस का परिचय देने के बाद 2002 में बतौर मेजर वे आर्मी से रिटायर हुए। सेना से रिटायर होने के बाद भी बिक्रमजीत कंवरपाल के अंदर कुछ नया और यादगार करने की ललक कम नहीं हुई। उन्होंने अपने बचपन के सपनों का पीछा करते हुए साल 2003 में बॉलीवुड डेब्यू किया और यहां से शुरू हुआ उनकी जिंदगी का नया चैप्टर।
बिक्रमजीत कंवरपाल ने 'पेज 3', 'पाप, करम', 'कॉरपोरेट', 'क्या लव स्टोरी है', 'खुशबू', 'हाइजैक', 'थैंक्स मां', 'रॉकेट सिंह', 'आरक्षण', 'माई फ्रेंड पिंटो', 'मर्डर 2', 'जोकर', 'शौर्य', 'जब तक है जान', '1971', 'क्या सुपरकूल हैं हम', 'जंजीर', 'द गाजी अटैक', 'शिनाख्त' जैसी फिल्मों में काम किया।
फिल्मों में भले ही बिक्रमजीत ने सपोर्टिंग एक्टर का किरदार निभाया लेकिन उन्होंने अपने हर कैरेक्टर में जान डाली। निगेटिव हो या पॉजिटिव, हर किरदार के अनुसार उन्होंने खुद को ढाला। चेहरे पर हकीकत बयां करते भाव के साथ उनकी डायलॉग डिलीवरी कमाल की रही। जिस कदर फिल्मों में बिक्रमजीत ने ईमानदारी निभाई, वहीं टीवी शोज में भी नजर आया। वे 24, किस्मत, नमक हराम, सिंपली सपने, क्राइम पेट्रोल-दस्तक, अदालत, नीली छतरी वाले, सियासत, कसम तेरे प्यार की, ये है चाहतें, तेनाली रामा, स्पेशल ऑप्स में नजर आ चुके थे।
मृत्यु
18 साल के अपने फिल्मी कॅरियर में बिक्रमजीत कंवरपाल ने दर्शकों को कभी शिकायत का मौका नहीं दिया। फिल्मों और टीवी शोज में उनकी मौजूदगी हमेशा ही ऑडियंस के लिए फायदे का सौदा साबित हुई। अपने बचपन के इस अधूरे सपने को पूरा करना ही शायद बिक्रमजीत की जिंदगी का आखिरी पड़ाव था। पिछले दिनों कोरोना से संक्रमित होने के बाद 1 मई, 2021 को उन्होंने 52 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। पर्दे के इस दिग्गज कलाकार को दोबारा स्क्रीन पर ना देख पाने का मलाल उनके फैंस को हमेशा रहेगा।
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