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'''हस्त्याध्यक्ष''' [[प्राचीन भारत]] में [[मौर्य साम्राज्य]] के एक उच्च अधिकारी का पद था। यह अधिकारी राज्य का महत्त्वपूर्ण अंग था।<br />
 
'''हस्त्याध्यक्ष''' [[प्राचीन भारत]] में [[मौर्य साम्राज्य]] के एक उच्च अधिकारी का पद था। यह अधिकारी राज्य का महत्त्वपूर्ण अंग था।<br />
 
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*हस्त्याध्यक्ष जंगलों से हाथियों को पकड़वाने, हस्तिवनों की रक्षा करने तथा हाथियों के पालन और सैनिक दृष्टि से उन्हें तैयार करने का कार्य करता था। इसी तरह ऊंट, खच्चर, [[भैंस]], बकरी आदि के लिए भी साम्राज्य में पृथक उपविभाग थे।
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*हस्त्याध्यक्ष जंगलों से हाथियों को पकड़वाने, हस्तिवनों की रक्षा करने तथा हाथियों के पालन और सैनिक दृष्टि से उन्हें तैयार करने का कार्य करता था। इसी तरह [[ऊंट]], खच्चर, [[भैंस]], बकरी आदि के लिए भी साम्राज्य में पृथक उपविभाग थे।
  
 
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06:27, 10 मार्च 2021 के समय का अवतरण

हस्त्याध्यक्ष प्राचीन भारत में मौर्य साम्राज्य के एक उच्च अधिकारी का पद था। यह अधिकारी राज्य का महत्त्वपूर्ण अंग था।

  • हस्त्याध्यक्ष जंगलों से हाथियों को पकड़वाने, हस्तिवनों की रक्षा करने तथा हाथियों के पालन और सैनिक दृष्टि से उन्हें तैयार करने का कार्य करता था। इसी तरह ऊंट, खच्चर, भैंस, बकरी आदि के लिए भी साम्राज्य में पृथक उपविभाग थे।

इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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