कंघी त्योहार
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कंघी त्योहार (अंग्रेज़ी: Kanghi Festival) मणिपुर की मरम नागा जनजाति द्वारा मनाया जाता है। मरम नागा का सात दिवसीय कंघी त्योहार दिसंबर महीने में आयोजित किया जाता है। यह युवाओं का एक भव्य उत्सव है। सात दिनों को क्रमशः लिंगसमासुइ, वांग्निमताम, नेगेदी, मतोह, सबंगहा, हंगिरा और थंगिरा कहा जाता है।
- त्योहार की शुरुआत भैंस और गायों को मारने से होती है। दूसरे दिन छोटे बच्चे मुर्गों के साथ खेलते हैं जिन मुर्गों को शाम को मार दिया जाता है।
- गांव के युवाओं के लिए कुश्ती प्रतियोगिता आयोजित की जाती है।
- लड़के और लड़कियाँ अपने युवागृहों (डोरमेटरी) में इकट्ठा होते हैं। वे त्योहार के तीसरे दिन अपने युवागृहों में भोजन और मांस तैयार करते हैं। खाद्य पदार्थों का परस्पर आदान-प्रदान किया जाता है और गाँव के लोग भव्य दावत में भाग लेते हैं।
- लड़कों द्वारा एक कुत्ते को मारा जाता है और कुत्ते का सिर लड़कियों के युवागृह में दे दिया जाता है ताकि लड़कियां भोजन की तैयारी कर सकें।
- विवाहित महिलाएं अपने माता-पिता को मदिरा परोसती हैं। इस अवसर पर लंबी कूद प्रतियोगिता, कुश्ती प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाती है।
- प्रतियोगिता शुरू करने से पहले सभी पुरुष प्रतिभागी अनिवार्य रूप से स्नान करने के लिए पास के झरने में जाते हैं जिसे 'एडुई कुंग' कहा जाता है। खुल्लकापा से आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उसकी उपस्थिति में प्रतियोगिता शुरू होती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मणिपुर के पर्व–त्योहार (हिंदी) apnimaati.com। अभिगमन तिथि: 28 सितम्बर, 2021।
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