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*[[लंका]] में सेना सहित [[राम]] के आगमन का समाचार जानकर वृद्धा कैकसी ने रावण को समझाने का पर्याप्त प्रयत्न किया कि वह [[सीता हरण|सीता-हरण]] के कारण राम जैसे सशक्त व्यक्ति को शत्रु बनाकर अपनी मृत्यु को आमन्त्रित कर रहा है, पर रावण नहीं माना। <ref>बाल्मीकि रामायण, युद्ध कांड, सर्ग 34, श्लोक 20-25</ref> | *[[लंका]] में सेना सहित [[राम]] के आगमन का समाचार जानकर वृद्धा कैकसी ने रावण को समझाने का पर्याप्त प्रयत्न किया कि वह [[सीता हरण|सीता-हरण]] के कारण राम जैसे सशक्त व्यक्ति को शत्रु बनाकर अपनी मृत्यु को आमन्त्रित कर रहा है, पर रावण नहीं माना। <ref>बाल्मीकि रामायण, युद्ध कांड, सर्ग 34, श्लोक 20-25</ref> | ||
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14:09, 2 जून 2017 के समय का अवतरण
- कैकसी रावण की माँ का नाम था।
- लंका में सेना सहित राम के आगमन का समाचार जानकर वृद्धा कैकसी ने रावण को समझाने का पर्याप्त प्रयत्न किया कि वह सीता-हरण के कारण राम जैसे सशक्त व्यक्ति को शत्रु बनाकर अपनी मृत्यु को आमन्त्रित कर रहा है, पर रावण नहीं माना। [1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बाल्मीकि रामायण, युद्ध कांड, सर्ग 34, श्लोक 20-25
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