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{प्रसिद्ध शासक कुमार पाल ने किसके प्रभाव में आकर जैन धर्म ग्रहण कर लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1265 | {प्रसिद्ध शासक [[कुमारपाल|कुमार पाल]] ने किसके प्रभाव में आकर [[जैन धर्म]] ग्रहण कर लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-253 प्रश्न-1265 | ||
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-जिनसेन | -जिनसेन | ||
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-नागर्जुन | -नागर्जुन | ||
{ | {[[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] में वाणिज्य की स्थिति के विषय में निम्नलिखित कथनों में कौन एक सही नहीं है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-290 | ||
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- | -चेट्टी व्यापार के लिए मलाया द्वीपसमूह जाते थे। | ||
- | -मालवारी सौदागर दासों का भी व्यापार करते थे और [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर राज्य]] से पोंत भर-भर का दास ले जाते थे। | ||
+ | -समुद्र पार व्यापार अधिकांशत: विदेशियों के हाथ में था। | ||
+[[मुस्लिम]] सौदागरों को अपेक्षाकृत अधिक कर देना पड़ता था | |||
{ | {तोल्लकाप्पियम कैसा ग्रंथ था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-226 प्रश्न-885 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -धर्मग्रंथ | ||
- | +व्याकरण ग्रंथ | ||
-छंद ग्रंथ | |||
- | -शास्त्र ग्रंथ | ||
{ | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में कसायिगुत्त नामक कर किस वर्ग पर लगाया गया? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-385 प्रश्न-293 | ||
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- | -व्याघ | ||
- | +[[बढ़ई]] | ||
- | -सन्यासी | ||
-[[तीर्थंकर]] | |||
{निम्नलिखित में से कौन असंगत हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-199 | {निम्नलिखित में से कौन असंगत हैं? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-379 प्रश्न-199 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-कंदाचार सैन्य विभाग | -कंदाचार - सैन्य विभाग | ||
-सेनतेओवा गाँव का हिसाब रखने वाला | -सेनतेओवा - [[गाँव]] का हिसाब रखने वाला | ||
- | -तलर - कोतवाल | ||
+महानायकाचार्य सेनापति | +महानायकाचार्य - सेनापति | ||
{निम्नलिखित में से किस | {निम्नलिखित में से किस शासक ने उदयगिरि पर अधिकार करके [[सालुव नरसिंह]] को बद्नी बना लिया था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-383 प्रश्न-262 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[फ़िरोज़शाह बहमनी]] | ||
-अलाउद्दीन हसन बहमनशाह | -अलाउद्दीन हसन बहमनशाह | ||
+पुरुषोत्तम गजपति | +[[पुरुषोत्तम गजपति]] | ||
-प्रतापरुद्र प्रथम | -प्रतापरुद्र प्रथम | ||
{ | {[[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा [[भारत]] में प्रारम्भ किया गया पहला व्यापार क्या था? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-567 प्रश्न-130 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-लोहा | -[[लोहा]] | ||
-कपास | -[[कपास]] | ||
-जूट | -[[जूट उद्योग|जूट]] | ||
+नील | +नील | ||
{प्राचीन मिस्त्र की धार्मिक पुस्तक है | {प्राचीन मिस्त्र की धार्मिक पुस्तक क्या है? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-574 प्रश्न-267 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+'मृतकों की पुस्तक' पिरामिड़ों | +'मृतकों की पुस्तक' पिरामिड़ों पर अंकित | ||
-इखानातन के भजन | -इखानातन के भजन | ||
-मिट्टी की स्लेटे पर अंकित तीन सौ पात्र | -मिट्टी की स्लेटे पर अंकित तीन सौ पात्र | ||
-पिरामिड़ों से प्राप्त मंत्र, तंत्र एवं नीति के उपदेश | -पिरामिड़ों से प्राप्त मंत्र, तंत्र एवं नीति के उपदेश | ||
{विजयनगर साम्राज्य में | {[[विजयनगर साम्राज्य]] में रत्तकोड़गै भूमि से क्या आशय था: (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-378 प्रश्न-183 | ||
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-किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | -किसानों को पट्टे पर दी जाने वाली भूमि | ||
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-मंदिरों को दान में दी जाने वाली लगान मुक्ति भूमि | -मंदिरों को दान में दी जाने वाली लगान मुक्ति भूमि | ||
{निम्नलिखित शासकों में यह प्रसिद्ध कथन किसका है कि 'एक राजा को हमेशा धर्म के अनुसार शासन करना चाहिए? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-225 | {निम्नलिखित शासकों में यह प्रसिद्ध कथन किसका है कि 'एक राजा को हमेशा [[धर्म]] के अनुसार शासन करना चाहिए? (यू.जी.सी. इतिहास,पृ.सं-381 प्रश्न-225 | ||
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-देवराय प्रथम | -[[देवराय प्रथम]] | ||
-देवराय द्वितीय | -[[देवराय द्वितीय]] | ||
+ | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
-हरिहर प्रथम | -[[हरिहर प्रथम]] | ||
11:46, 9 मार्च 2017 का अवतरण
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