"चंद्रशेखर वैद्य": अवतरणों में अंतर
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'''चंद्रशेखर वैद्य''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandrashekhar Vaidya'', जन्म- [[7 जुलाई]], [[1922]]; मृत्यु- [[16 जून]], [[2021]]) भारतीय सिने अभिनेता थे। उन्हें मुख्यत: चंद्रशेखर के नाम से ही जाना जाता था। वैसे तो उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन उन्हें मुख्य पहचान रामानंद सागर के टीवी धारावाहिक 'रामायण' में अपने किरदार आर्य सुमंत के कारण मिली। [[रामायण]] की [[कथा]] के अनुसार सुमंत महाराजा दशरथ के महामंत्री थे। धारावाहिक में चंद्रशेखर ने सुमंत की भूमिका में जान डाल दी थी। चंद्रशेखर का अभिनय कॅरियर सिर्फ रामायण तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए। उन्होंने 50 से लेकर 90 के दशक तक 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'बरसात की रात', 'कटी पतंग', 'द बर्निंग ट्रेन', 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर', 'शराबी', 'त्रिदेव' जैसी फिल्मों में काम किया। | {{सूचना बक्सा कलाकार | ||
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}}'''चंद्रशेखर वैद्य''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Chandrashekhar Vaidya'', जन्म- [[7 जुलाई]], [[1922]]; मृत्यु- [[16 जून]], [[2021]]) भारतीय सिने अभिनेता थे। उन्हें मुख्यत: चंद्रशेखर के नाम से ही जाना जाता था। वैसे तो उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन उन्हें मुख्य पहचान रामानंद सागर के टीवी धारावाहिक 'रामायण' में अपने किरदार आर्य सुमंत के कारण मिली। [[रामायण]] की [[कथा]] के अनुसार सुमंत महाराजा दशरथ के महामंत्री थे। धारावाहिक में चंद्रशेखर ने सुमंत की भूमिका में जान डाल दी थी। चंद्रशेखर का अभिनय कॅरियर सिर्फ रामायण तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए। उन्होंने 50 से लेकर 90 के दशक तक 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'बरसात की रात', 'कटी पतंग', 'द बर्निंग ट्रेन', 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर', 'शराबी', 'त्रिदेव' जैसी फिल्मों में काम किया। | |||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
चंद्रशेखर वैद्य का जन्म 7 जुलाई, 1922 को [[हैदराबाद]] में हुआ था। उनके [[पिता]] सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे। चंद्रशेखर जब छोटे थे, तब उनकी मां गुजर गई। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। उनकी सौतेली मां इनसे छोटी थी। चंद्रशेखर वैद्य को आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा। सन [[1940]] में वह अपनी दादी के साथ [[बैंगलोर]] चले गए। इस दौरान उनकी पत्नी उनके साथ नहीं थीं। एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्होंने चौकीदार का भी काम किया। साल [[1942]] में [[भारत छोड़ो आंदोलन]] का हिस्सा भी बने।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.timesnowhindi.com/entertainment/celebrity-news/article/chandrashekhar-vaidya-aka-ramayan-serial-arya-sumant-passes-away-at-98-years-of-age/350687 |title=नहीं रहे रामायण के 'आर्य सुमंत' चंद्रशेखर वैद्य|accessmonthday=18 जून|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=timesnowhindi.com |language=हिंदी}}</ref> | चंद्रशेखर वैद्य का जन्म 7 जुलाई, 1922 को [[हैदराबाद]] में हुआ था। उनके [[पिता]] सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे। चंद्रशेखर जब छोटे थे, तब उनकी मां गुजर गई। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। उनकी सौतेली मां इनसे छोटी थी। चंद्रशेखर वैद्य को आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा। सन [[1940]] में वह अपनी दादी के साथ [[बैंगलोर]] चले गए। इस दौरान उनकी पत्नी उनके साथ नहीं थीं। एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्होंने चौकीदार का भी काम किया। साल [[1942]] में [[भारत छोड़ो आंदोलन]] का हिस्सा भी बने।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.timesnowhindi.com/entertainment/celebrity-news/article/chandrashekhar-vaidya-aka-ramayan-serial-arya-sumant-passes-away-at-98-years-of-age/350687 |title=नहीं रहे रामायण के 'आर्य सुमंत' चंद्रशेखर वैद्य|accessmonthday=18 जून|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=timesnowhindi.com |language=हिंदी}}</ref> | ||
==अभिनय कॅरियर== | ==अभिनय कॅरियर== | ||
[[चित्र:Chandrashekhar-Vaidya.jpg|thumb|220px|आर्य सुमंत की भूमिका में चंद्रशेखर वैद्य]] | |||
घर लौटने के बाद चंद्रशेखर वैद्य ने राम गोपाल मिल्स में काम किया। इसके बाद दोस्तों के कहने पर फिल्मों में किस्मत आजमाने [[मुंबई]] आ गए। उस वक्त इनकी जेब में केवल 40 रुपए थे। कई वक्त तक उन्होंने स्टूडियो के चक्कर काटे और आखिर में एक पार्टी सीन में छोटा-सा रोल मिल गया। चंद्रशेखर कुछ वक्त जूनियर आर्टिस्ट काम करने के बाद मुंबई छोड़कर [[पुणे]] में बतौर सिंगर काम किया। इसके बाद इन्होंने [[भारत भूषण]] के साथ मिलकर तीन फिल्में बनाई। साल [[1950]] में फिल्म 'बेबस' से अपने कॅरियर की शुरुआत की। | घर लौटने के बाद चंद्रशेखर वैद्य ने राम गोपाल मिल्स में काम किया। इसके बाद दोस्तों के कहने पर फिल्मों में किस्मत आजमाने [[मुंबई]] आ गए। उस वक्त इनकी जेब में केवल 40 रुपए थे। कई वक्त तक उन्होंने स्टूडियो के चक्कर काटे और आखिर में एक पार्टी सीन में छोटा-सा रोल मिल गया। चंद्रशेखर कुछ वक्त जूनियर आर्टिस्ट काम करने के बाद मुंबई छोड़कर [[पुणे]] में बतौर सिंगर काम किया। इसके बाद इन्होंने [[भारत भूषण]] के साथ मिलकर तीन फिल्में बनाई। साल [[1950]] में फिल्म 'बेबस' से अपने कॅरियर की शुरुआत की। | ||
08:26, 18 जून 2021 के समय का अवतरण
चंद्रशेखर वैद्य
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पूरा नाम | चंद्रशेखर वैद्य |
जन्म | 7 जुलाई, 1922 |
जन्म भूमि | हैदराबाद, तेलंगाना |
मृत्यु | 16 जून, 2021 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय सिनेमा |
मुख्य फ़िल्में | 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'बरसात की रात', 'कटी पतंग', 'द बर्निंग ट्रेन', 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर', 'शराबी', 'त्रिदेव' आदि। |
प्रसिद्धि | अभिनेता |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | 65 साल की उम्र में चंद्रशेखर वैद्य रामायण में आर्य सुमंत के रोल में नजर आए थे। चंद्रेशेखर वैद्य रामायण सीरियल के सबसे बुजुर्ग एक्टर थे। दरअसल वह और रामानंद सागर दोनों अच्छे दोस्त थे। |
चंद्रशेखर वैद्य (अंग्रेज़ी: Chandrashekhar Vaidya, जन्म- 7 जुलाई, 1922; मृत्यु- 16 जून, 2021) भारतीय सिने अभिनेता थे। उन्हें मुख्यत: चंद्रशेखर के नाम से ही जाना जाता था। वैसे तो उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया लेकिन उन्हें मुख्य पहचान रामानंद सागर के टीवी धारावाहिक 'रामायण' में अपने किरदार आर्य सुमंत के कारण मिली। रामायण की कथा के अनुसार सुमंत महाराजा दशरथ के महामंत्री थे। धारावाहिक में चंद्रशेखर ने सुमंत की भूमिका में जान डाल दी थी। चंद्रशेखर का अभिनय कॅरियर सिर्फ रामायण तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए। उन्होंने 50 से लेकर 90 के दशक तक 'गेटवे ऑफ इंडिया', 'बरसात की रात', 'कटी पतंग', 'द बर्निंग ट्रेन', 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर', 'शराबी', 'त्रिदेव' जैसी फिल्मों में काम किया।
परिचय
चंद्रशेखर वैद्य का जन्म 7 जुलाई, 1922 को हैदराबाद में हुआ था। उनके पिता सरकारी अस्पताल में डॉक्टर थे। चंद्रशेखर जब छोटे थे, तब उनकी मां गुजर गई। इसके बाद पिता ने दूसरी शादी कर ली। उनकी सौतेली मां इनसे छोटी थी। चंद्रशेखर वैद्य को आर्थिक तंगी के कारण स्कूल छोड़ना पड़ा। सन 1940 में वह अपनी दादी के साथ बैंगलोर चले गए। इस दौरान उनकी पत्नी उनके साथ नहीं थीं। एक वक्त ऐसा भी आया, जब उन्होंने चौकीदार का भी काम किया। साल 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन का हिस्सा भी बने।[1]
अभिनय कॅरियर

घर लौटने के बाद चंद्रशेखर वैद्य ने राम गोपाल मिल्स में काम किया। इसके बाद दोस्तों के कहने पर फिल्मों में किस्मत आजमाने मुंबई आ गए। उस वक्त इनकी जेब में केवल 40 रुपए थे। कई वक्त तक उन्होंने स्टूडियो के चक्कर काटे और आखिर में एक पार्टी सीन में छोटा-सा रोल मिल गया। चंद्रशेखर कुछ वक्त जूनियर आर्टिस्ट काम करने के बाद मुंबई छोड़कर पुणे में बतौर सिंगर काम किया। इसके बाद इन्होंने भारत भूषण के साथ मिलकर तीन फिल्में बनाई। साल 1950 में फिल्म 'बेबस' से अपने कॅरियर की शुरुआत की।
इसके अलावा 'बारादरी', 'काली टोपी लाल रुमाल', 'स्ट्रीट सिंगर' में वह लीड रोल में नजर आए। इसके अलावा वह 'नमक हलाल', 'डिस्को डांसर', 'शराबी', 'हुकूमत', 'अनपढ़', 'साजन बिना सुहागन', 'संसार' जैसी कई फिल्मों में कैरेक्टर रोल में नजर आए। 65 साल की उम्र में वह रामायण में आर्य सुमंत के रोल में नजर आए थे। चंद्रेशेखर वैद्य रामायण सीरियल के सबसे बुजुर्ग एक्टर थे। दरअसल वह और रामानंद सागर दोनों अच्छे दोस्त थे। उनके कहने पर ही चंद्रेशेखर ने आर्य सुमंत का किरदार निभाया था। 78 साल की उम्र में 'खौफ' के बाद वह इंडस्ट्री से रिटायर हो गए। वह 1964 में आई फिल्म 'चा चा चा' और 'स्ट्रीट सिंगर' (1966) के प्रोड्यूसर और डायरेक्टर भी रहे।
मृत्यु
राजा दशरथ के महामंत्री सुमंत का किरदार निभाने वाले अभिनेता चंद्रशेखर वैद्य का उम्र संबंधी दिक्कतों के चलते 16 जून, 2021 को निधन हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नहीं रहे रामायण के 'आर्य सुमंत' चंद्रशेखर वैद्य (हिंदी) timesnowhindi.com। अभिगमन तिथि: 18 जून, 2021।