"छटीकरा": अवतरणों में अंतर
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|विवरण=छटीकरा [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] से सम्बंधित [[ब्रज|ब्रजमण्डल]] के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। छटीकरा [[दिल्ली]]-[[मथुरा]] राजमार्ग पर [[मथुरा]] से चार मील एवं [[वृन्दावन]] से लगभग दो मील की दूरी पर स्थित है। | |||
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'''छटीकरा''' [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]] से सम्बंधित [[ब्रज|ब्रजमण्डल]] के [[ऐतिहासिक स्थान|ऐतिहासिक स्थानों]] में से एक है। इस स्थान को पहले 'शकटीकरा' कहा जाता था। छटीकरा [[दिल्ली]]-[[मथुरा]] राजमार्ग पर मथुरा से चार मील एवं [[वृन्दावन]] से लगभग दो मील की दूरी पर स्थित है। | |||
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07:15, 24 जुलाई 2016 के समय का अवतरण
छटीकरा
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विवरण | छटीकरा भगवान श्रीकृष्ण से सम्बंधित ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। छटीकरा दिल्ली-मथुरा राजमार्ग पर मथुरा से चार मील एवं वृन्दावन से लगभग दो मील की दूरी पर स्थित है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | मथुरा |
कब जाएँ | कभी भी |
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बस कार ऑटो आदि |
संबंधित लेख | प्रेम मन्दिर, इस्कॉन मंदिर वृन्दावन, बाँके बिहारी मंदिर, रंगनाथ जी मन्दिर, वृन्दावन, रंगजी मन्दिर, वृन्दावन, कुमुदवन
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बाहरी कड़ियाँ | श्रीकृष्ण, बलराम यहीं से मधुर वृन्दावन एवं आस-पास के क्षेत्रों में गोवत्स और गोचारण के लिए जाते थे। यहीं से उन्होंने ब्रज की रासादि लीलाओं का सम्पादन किया। |
अद्यतन | 12:45, 24 जुलाई 2016 (IST)
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छटीकरा भगवान श्रीकृष्ण से सम्बंधित ब्रजमण्डल के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इस स्थान को पहले 'शकटीकरा' कहा जाता था। छटीकरा दिल्ली-मथुरा राजमार्ग पर मथुरा से चार मील एवं वृन्दावन से लगभग दो मील की दूरी पर स्थित है।
- गोकुल-महावन में असुरों का उत्पात देखकर नन्दबाबा सारे ब्रजवासियों के साथ इस स्थान पर आ गये थे। ब्रजवासियों ने अपने लाखों शकटों (बैलगाड़ियाँ) से अर्द्धचन्द्राकार रूप में अपना निवास स्थान प्रस्तुत किया। शकटों से वासस्थान निर्मित होने के कारण ही यह स्थान शकटीकरा के नाम से प्रसिद्ध हुआ था। बाद में शकटीकरा से ही यह छटीकरा हो गया।
- श्रीकृष्ण-बलराम यहीं से मधुर वृन्दावन एवं आस-पास के क्षेत्रों में गोवत्स और गोचारण के लिए जाते थे। यहीं से उन्होंने ब्रज की रासादि लीलाओं का सम्पादन किया। उस समय वृन्दावन समृद्ध नगर नहीं, बल्कि नाना प्रकार के कुञ्ज, लता एवं रमणीय वनों से सुसज्जित श्रीकृष्ण लीलाविलास का स्थल था।
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