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'''छाहेरी गाँव''' [[भांडीरवन]] के अंतर्गत [[भांडीरवट]] एवं वंशीवट के बीच में बसा हुआ है। यह गाँव [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की लीला स्थलियों में से एक है।
'''छाहेरी गाँव''' [[भांडीरवन]] के अंतर्गत [[भांडीरवट]] एवं वंशीवट के बीच में बसा हुआ है। यह गाँव [[कृष्ण|श्रीकृष्ण]] की लीला स्थलियों में से एक है।


*श्रीकृष्ण सखाओं के साथ भांडीरवन में विविध प्रकार की क्रीड़ाओं के पश्चात पेड़ों की छाया में बैठकर नाना प्रकार की भोजन-सामग्री क्रीड़ा-कौतुक के साथ ग्रहण करते थे।
*श्रीकृष्ण सखाओं के साथ भांडीरवन में विविध प्रकार की क्रीड़ाओं के पश्चात् पेड़ों की छाया में बैठकर नाना प्रकार की भोजन-सामग्री क्रीड़ा-कौतुक के साथ ग्रहण करते थे।
*'छाया' शब्द से ही छाहेरी नाम बना है। इस गाँव का नामान्तर बिजौली भी है। [[भांडीरवट]] के पास ही बिजौली ग्राम है।
*'छाया' शब्द से ही छाहेरी नाम बना है। इस गाँव का नामान्तर बिजौली भी है। [[भांडीरवट]] के पास ही बिजौली ग्राम है।



07:48, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

छाहेरी गाँव भांडीरवन के अंतर्गत भांडीरवट एवं वंशीवट के बीच में बसा हुआ है। यह गाँव श्रीकृष्ण की लीला स्थलियों में से एक है।

  • श्रीकृष्ण सखाओं के साथ भांडीरवन में विविध प्रकार की क्रीड़ाओं के पश्चात् पेड़ों की छाया में बैठकर नाना प्रकार की भोजन-सामग्री क्रीड़ा-कौतुक के साथ ग्रहण करते थे।
  • 'छाया' शब्द से ही छाहेरी नाम बना है। इस गाँव का नामान्तर बिजौली भी है। भांडीरवट के पास ही बिजौली ग्राम है।


इन्हें भी देखें: भांडीरवन, ब्रज एवं कृष्ण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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