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'''उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना।''' जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना। इसी तरह 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन), 'सम्' जोड़ने से संहार (विनाश) तथा 'वि' जोड़ने से 'विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे। उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। हिंदी में प्रचलित उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।  
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'''उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] के समीप आ कर नया शब्द बनाना।''' जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना। इसी तरह 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन), 'सम्' जोड़ने से संहार (विनाश) तथा 'वि' जोड़ने से 'विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे। उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। [[हिन्दी]] में प्रचलित उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।  
#संस्कृत के उपसर्ग,  
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#हिंदी के उपसर्ग,
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#उर्दू और फ़ारसी के उपसर्ग,  
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#उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय।  
 
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09:13, 14 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

उपसर्ग = उप (समीप) + सर्ग (सृष्टि करना) का अर्थ है- किसी शब्द के समीप आ कर नया शब्द बनाना। जो शब्दांश शब्दों के आदि में जुड़ कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता लाते हैं, वे उपसर्ग कहलाते हैं। 'हार' शब्द का अर्थ है पराजय। परंतु इसी शब्द के आगे 'प्र' शब्दांश को जोड़ने से नया शब्द बनेगा - 'प्रहार' (प्र + हार) जिसका अर्थ है चोट करना। इसी तरह 'आ' जोड़ने से आहार (भोजन), 'सम्' जोड़ने से संहार (विनाश) तथा 'वि' जोड़ने से 'विहार' (घूमना) इत्यादि शब्द बन जाएँगे। उपर्युक्त उदाहरण में 'प्र', 'आ', 'सम्' और 'वि' का अलग से कोई अर्थ नहीं है, 'हार' शब्द के आदि में जुड़ने से उसके अर्थ में इन्होंने परिवर्तन कर दिया है। इसका मतलब हुआ कि ये सभी शब्दांश हैं और ऐसे शब्दांशों को उपसर्ग कहते हैं। हिन्दी में प्रचलित उपसर्गों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. संस्कृत के उपसर्ग,
  2. हिन्दी के उपसर्ग,
  3. उर्दू और फ़ारसी के उपसर्ग,
  4. अंग्रेज़ी के उपसर्ग,
  5. उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय।

संस्कृत के उपसर्ग

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 अति अधिक अत्यधिक, अत्यंत, अतिरिक्त, अतिशय
2 अधि ऊपर, श्रेष्ठ अधिकार, अधिपति, अधिनायक
3 अनु पीछे, समान अनुचर, अनुकरण, अनुसार, अनुशासन
4 अप बुरा, हीन अपयश, अपमान, अपकार
5 अभि सामने, चारों ओर, पास अभियान, अभिषेक, अभिनय, अभिमुख
6 अव हीन, नीच अवगुण, अवनति, अवतार, अवनति
7 तक, समेत आजीवन, आगमन
8 उत् ऊँचा, श्रेष्ठ, ऊपर उद्गम, उत्कर्ष, उत्तम, उत्पत्ति
9 उप निकट, सदृश, गौण उपदेश, उपवन, उपमंत्री, उपहार
10 दुर् बुरा, कठिन दुर्जन, दुर्गम, दुर्दशा, दुराचार
11 दुस् बुरा, कठिन दुश्चरित्र, दुस्साहस, दुष्कर
12 निर् बिना, बाहर, निषेध निरपराध, निर्जन, निराकार, निर्गुण
13 निस् रहित, पूरा, विपरित निस्सार, निस्तार, निश्चल, निश्चित
14 नि निषेध, अधिकता, नीचे निवारण, निपात, नियोग, निषेध
15 परा उल्टा, पीछे पराजय, पराभव, परामर्श, पराक्रम
16 परि आसपास, चारों तरफ परिजन, परिक्रम, परिपूर्ण, परिणाम
17 प्र अधिक, आगे प्रख्यात, प्रबल, प्रस्थान, प्रकृति
18 प्रति उलटा, सामने, हर एक प्रतिकूल, प्रत्यक्ष, प्रतिक्षण, प्रत्येक
19 वि भिन्न, विशेष विदेश, विलाप, वियोग, विपक्ष
20 सम् उत्तम, साथ, पूर्ण संस्कार, संगम, संतुष्ट, संभव
21 सु अच्छा, अधिक सुजन, सुगम, सुशिक्षित, सुपात्र

हिन्दी के उपसर्ग

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 अभाव, निषेध अछूता, अथाह, अटल
2 अन अभाव, निषेध अनमोल, अनबन, अनपढ़
3 कु बुरा कुचाल, कुचैला, कुचक्र
4 दु कम, बुरा दुबला, दुलारा, दुधारू
5 नि कमी निगोड़ा, निडर, निहत्था, निकम्मा
6 हीन, निषेध औगुन, औघर, औसर, औसान
7 भर पूरा भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार
8 सु अच्छा सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल
9 अध आधा अधपका, अधकच्चा, अधमरा, अधकचरा
10 उन एक कम उनतीस, उनसठ, उनहत्तर, उंतालीस
11 पर दूसरा, बाद का परलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित
12 बिन बिना, निषेध बिनब्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने

अरबी-फ़ारसी के उपसर्ग

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 कम थोड़ा, हीन कमज़ोर, कमबख़्त, कमअक्ल
2 खुश अच्छा खुशनसीब, खुशखबरी, खुशहाल, खुशबू
3 गैर निषेध गैरहाज़िर, गैरक़ानूनी, गैरमुल्क, गैर-ज़िम्मेदार
4 ना अभाव नापसंद, नासमझ, नाराज़, नालायक
5 और, अनुसार बनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर
6 बा सहित बाकायदा, बाइज्ज़त, बाअदब, बामौका
7 बद बुरा बदमाश, बदनाम, बदक़िस्मत,बदबू
8 बे बिना बेईमान, बेइज्ज़त, बेचारा, बेवकूफ़
9 ला रहित लापरवाह, लाचार, लावारिस, लाजवाब
10 सर मुख्य सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार
11 हम समान, साथवाला हमदर्दी, हमराह, हमउम्र, हमदम
12 हर प्रत्येक हरदिन, हरसाल, हरएक, हरबार

 

अंग्रेज़ी के उपसर्ग

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 सब अधीन, नीचे सब-जज सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टर
2 डिप्टी सहायक डिप्टी-कलेक्टर, डिप्टी-रजिस्ट्रार, डिप्टी-मिनिस्टर
3 वाइस सहायक वाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-प्रेसीडेंट
4 जनरल प्रधान जनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी
5 चीफ़ प्रमुख चीफ़-मिनिस्टर, चीफ़-इंजीनियर, चीफ़-सेक्रेटरी
6 हेड मुख्य हेडमास्टर, हेड क्लर्क

 

उपसर्ग के समान प्रयुक्त होने वाले संस्कृत के अव्यय

क्रम उपसर्ग अर्थ शब्द
1 अधः नीचे अधःपतन, अधोगति, अधोमुखी, अधोलिखित
2 अंतः भीतरी अंतःकरण, अंतःपुर, अंतर्मन, अंतर्देशीय
3 अभाव अशोक ,अकाल, अनीति
4 चिर बहुत देर चिरंजीवी, चिरकुमार, चिरकाल, चिरायु
5 पुनर् फिर पुनर्जन्म, पुनर्लेखन, पुनर्जीवन
6 बहिर् बाहर बहिर्गमन, बहिष्कार
7 सत् सच्चा सज्जन, सत्कर्म, सदाचार, सत्कार्य
8 पुरा पुरातन पुरातत्त्व, पुरावृत्त
9 सम समान समकालीन, समदर्शी, समकोण, समकालिक
10 सह साथ सहकार, सहपाठी, सहयोगी, सहचर

 

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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