वाक्य भेद

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वाक्य अनेक प्रकार के हो सकते हैं। उनका विभाजन हम दो आधारों पर कर सकते हैं।

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित आठ भेद हैं।

विधानवाचक

जिन वाक्यों में क्रिया के करने या होने की सूचना मिले, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- मैंने दूध पिया। वर्षा हो रही है।

निषेधवाचक

जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- मैंने दूध नहीं पिया। मैंने खाना नहीं खाया।

आज्ञावाचक

जिन वाक्यों में आज्ञा, प्रार्थना, उपदेश आदि का ज्ञान होता है, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- बाज़ार जाकर फल ले आओ। बड़ों का सम्मान करो।

प्रश्नवाचक

जिन वाक्यों से किसी प्रकार का प्रश्न पूछने का ज्ञान होता है, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- सीता तुम कहाँ से आ रही हो? तुम क्या पढ़ रहे हो?

इच्छावाचक

जिन वाक्यों से इच्छा आशीष एवं शुभकामना आदि का ज्ञान होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- तुम्हारा कल्याण हो। भगवान तुम्हें लंबी उमर दे।

संदेहवाचक

जिन वाक्यों से संदेह या संभावना व्यक्त होती है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- शायद शाम को वर्षा हो जाए। वह आ रहा होगा, पर हमें क्या मालूम। हो सकता है राजेश आ जाए।

विस्मयवाचक

जिन वाक्यों से आश्चर्य, घृणा, क्रोध शोक आदि भावों की अभिव्यक्ति होती है, उन्हें विस्मयवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- वाह-कितना सुंदर दृश्य है। उसके माता-पिता दोनों ही चल बसे। शाबाश तुमने बहुत अच्छा काम किया।

संकेतवाचक

जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर होता है। उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं; जैसे- यदि परिश्रम करोगे तो अवश्य सफल होंगे। पिताजी अभी आते तो अच्छा होता। अगर वर्षा होगी तो फ़सल भी होगी।

रचना के आधार पर वाक्य के भेद

रचना के आधार पर वाक्य के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं-

सरल वाक्य/साधारण वाक्य

जिन वाक्यों में केवल एक ही उद्देश्य और एक ही विधेय होता है, उन्हें सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं, इन वाक्यों में एक ही क्रिया होती है; जैसे- मुकेश पढ़ता है। राकेश ने भोजन किया।

संयुक्त वाक्य

जिन वाक्यों में दो-या दो से अधिक सरल वाक्य समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते है; जैसे- वह सुबह गया और शाम को लौट आया। प्रिय बोलो पर असत्य नहीं।

मिश्रित/मिश्र वाक्य

जिन वाक्यों में एक मुख्य या प्रधान वाक्य हो और अन्य आश्रित उपवाक्य हों, उन्हें मिश्रित वाक्य कहते हैं। इनमें एक मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक से अधिक समापिका क्रियाएँ होती हैं, जैसे- ज्यों ही उसने दवा पी, वह सो गया। यदि परिश्रम करोगे तो, उत्तीर्ण हो जाओगे। मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।

इन्हें भी देखें: वाक्य, वाक्य परिवर्तन एवं वाक्य विश्लेषण


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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