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*इस संशोधन के द्वारा व्यवस्था की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 16 की किसी भी व्यवस्था के अधीन अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए वर्ष में जितने ख़ाली सरकारी पद आरक्षित हैं यदि वे पद उस वर्ष नहीं भरे जाते हैं तो उन पर आगामी वर्ष में या वर्षों में जो नियुक्तियों को सम्बद्ध नियुक्ति वर्ष के कुल पदों के पचास प्रतिशत आरक्षित पदों की अधिकतम सीमा निर्धारित करने के लिए शामिल नहीं किया जाएगा।
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11:19, 5 जुलाई 2013 के समय का अवतरण

संविधान संशोधन- 81वाँ
भारत का संविधान
विवरण 'भारतीय संविधान' का निर्माण 'संविधान सभा' द्वारा किया गया था। संविधान में समय-समय पर आवश्यकता होने पर संशोधन भी होते रहे हैं। विधायिनी सभा में किसी विधेयक में परिवर्तन, सुधार अथवा उसे निर्दोष बनाने की प्रक्रिया को ही 'संशोधन' कहा जाता है।
संविधान लागू होने की तिथि 26 जनवरी, 1950
81वाँ संशोधन 2000
संबंधित लेख संविधान सभा
अन्य जानकारी 'भारत का संविधान' ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली के नमूने पर आधारित है, किन्तु एक विषय में यह उससे भिन्न है। ब्रिटेन में संसद सर्वोच्च है, जबकि भारत में संसद नहीं; बल्कि 'संविधान' सर्वोच्च है।

भारत का संविधान (81वाँ संशोधन) अधिनियम, 2000

  • भारत के संविधान में एक और संशोधन किया गया।
  • इस संशोधन के द्वारा व्यवस्था की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 16 की किसी भी व्यवस्था के अधीन अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए वर्ष में जितने ख़ाली सरकारी पद आरक्षित हैं यदि वे पद उस वर्ष नहीं भरे जाते हैं तो उन पर आगामी वर्ष में या वर्षों में जो नियुक्तियों को सम्बद्ध नियुक्ति वर्ष के कुल पदों के पचास प्रतिशत आरक्षित पदों की अधिकतम सीमा निर्धारित करने के लिए शामिल नहीं किया जाएगा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख