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'''आँखें फेरना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
 
'''आँखें फेरना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
  
'''अर्थ'''- किसी से स्नेहपूर्ण या [[मधुर! बादल, और बादल, और बादल -माखन लाल चतुर्वेदी|मधुर]] संबंध खत्म करना।
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'''अर्थ'''- किसी से स्नेहपूर्ण या मधुर संबंध खत्म करना।
  
 
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#उन्हें क्या ख़बर कि [[चौधरी दिगम्बर सिंह|चौधरी]] आज [[आँख|आँखें]] बदल लें तो यह सारी [[ईद]] [[मुहर्रम]] हो जाए। - ([[प्रेमचंद]])
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#उन्हें क्या ख़बर कि चौधरी आज [[आँख|आँखें]] बदल लें तो यह सारी [[ईद]] [[मुहर्रम]] हो जाए। - ([[प्रेमचंद]])
 
#एक बार उन आँखों से आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - ([[शिवानी]])
 
#एक बार उन आँखों से आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - ([[शिवानी]])
  

10:21, 25 अक्टूबर 2015 का अवतरण

आँखें फेरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- किसी से स्नेहपूर्ण या मधुर संबंध खत्म करना।

प्रयोग-

  1. उन्हें क्या ख़बर कि चौधरी आज आँखें बदल लें तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए। - (प्रेमचंद)
  2. एक बार उन आँखों से आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - (शिवानी)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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