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[[चित्र:nidhivan-gate.jpg|निधिवन, [[वृन्दावन]]<br />Nidhivan, Vrindavan|thumb|200px]]
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*श्री राधारानी की अष्ट सखियों में प्रधान श्री [[ललिता सखी]] जी के अवतार रसिक संत संगीत शिरोमणि श्री स्वामी हरिदास जी महाराज की यह साधना स्थली है।
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*इनका समाधि-मंदिर इसी घने कुंज के अन्दर बना है।  कहा जाता है कि वृन्दावन के बिहारी जी के प्रसिद्ध मंदिर की मूर्ति हरिदास को निधिवन से ही प्राप्त हुई थी। किंवदंती है कि हरिदास [[तानसेन]] के संगीतगुरु थे और मुग़ल सम्राट [[अकबर]] ने तानसेन के साथ छद्मवेश में इस संत के दर्शन निधिवन में ही किए थे।
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*यहाँ पर श्री प्रिया-प्रियतम आज भी रात्रि में रास रचाते हैं। यहाँ श्री स्वामी हरिदास जी की समाधि, रंग महल, बाँके बिहारी जी का प्राकट्य स्थल, राधा रानी बंशी चोर आदि दर्शनीय हैं।
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*यह वृन्दावन का एक प्रसिद्ध स्थान है, जो श्रीकृष्ण की [[रासलीला|महारास]] स्थली माना जाता है।  
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*स्वामी हरिदास इस वन में कुटी बनाकर रहते थे। हरिदासजी का जन्म 1512 ई. के लगभग हुआ था।   
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*नित्य [[यमुना]] स्नान करके स्वामी हरिदास यहीं पर प्रिया-प्रियतम की साधना किया करते थे। यहीं पर उन्होंने श्री बाँके बिहारीजी महाराज को प्रकट किया था।
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*यह पावन स्थली आज भी वृन्दावन के प्राचीन रूप को संजोये हुए है।
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*स्वामी हरिदास का समाधि-मंदिर इसी घने कुंज के अन्दर बना है, कहा जाता है कि वृन्दावन के बिहारीजी के प्रसिद्ध मंदिर की मूर्ति हरिदासजी को निधिवन से ही प्राप्त हुई थी।
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*कहते हैं कि हरिदास तानसेन के संगीत गुरु थे और मुग़ल बादशाह अकबर ने तानसेन के साथ छद्मवेश में इस संत के दर्शन निधिवन में ही किए थे।
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07:05, 13 अगस्त 2016 के समय का अवतरण

निधिवन वृन्दावन
निधिवन, वृन्दावन
विवरण निधिवन वृन्दावन मथुरा का एक प्रसिद्ध स्थान है। यह श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध लीला स्थलों में से एक है।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि हिन्दू धार्मिक स्थल
कब जाएँ कभी भी
यातायात बस, कार, ऑटो, रिक्शा आदि।
क्या देखें स्वामी हरिदासजी की समाधि, रंग महल, बाँके बिहारीजी का प्राकट्य स्थल, राधा रानी, बंशी चोर।
कहाँ ठहरें होटल तथा धर्मशालाएँ आदि।
संबंधित लेख काम्यवन, वृन्दावन, मथुरा, कोकिलावन, श्रीकृष्ण, राधा, बाँके बिहारी आदि।


अन्य जानकारी स्वामी हरिदास का समाधि-मंदिर इसी घने कुंज के अन्दर बना है, कहा जाता है कि वृन्दावन के बिहारीजी के प्रसिद्ध मंदिर की मूर्ति हरिदासजी को निधिवन से ही प्राप्त हुई थी।
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'निधिवन' भगवान श्रीकृष्ण की प्रसिद्ध लीला स्थलियों में से एक है। यह धार्मिक नगरी मथुरा में वृन्दावन के प्रसिद्ध स्थलों में से है। श्री राधारानी की अष्टसखियों में प्रधान ललिता सखी के अवतार रसिक संत संगीत शिरोमणि स्वामी हरिदासजी महाराज की यह साधना स्थली है।

  • यह वृन्दावन का एक प्रसिद्ध स्थान है, जो श्रीकृष्ण की महारास स्थली माना जाता है।
  • स्वामी हरिदास इस वन में कुटी बनाकर रहते थे। हरिदासजी का जन्म 1512 ई. के लगभग हुआ था।
  • नित्य यमुना स्नान करके स्वामी हरिदास यहीं पर प्रिया-प्रियतम की साधना किया करते थे। यहीं पर उन्होंने श्री बाँके बिहारीजी महाराज को प्रकट किया था।
  • यह पावन स्थली आज भी वृन्दावन के प्राचीन रूप को संजोये हुए है।
  • स्वामी हरिदास का समाधि-मंदिर इसी घने कुंज के अन्दर बना है, कहा जाता है कि वृन्दावन के बिहारीजी के प्रसिद्ध मंदिर की मूर्ति हरिदासजी को निधिवन से ही प्राप्त हुई थी।
  • कहते हैं कि हरिदास तानसेन के संगीत गुरु थे और मुग़ल बादशाह अकबर ने तानसेन के साथ छद्मवेश में इस संत के दर्शन निधिवन में ही किए थे।
  • निधिवन में श्री प्रिया-प्रियतम आज भी रात्रि में रास रचाते हैं। यहाँ स्वामी हरिदासजी की समाधि, रंग महल, बाँके बिहारीजी का प्राकट्य स्थल, राधा रानी, बंशी चोर आदि दर्शनीय स्थल हैं।












वीथिका

संबंधित लेख

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