"बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==संबंधित लेख==" to "==संबंधित लेख== {{बृहदारण्यकोपनिषद}}")
पंक्ति 20: पंक्ति 20:
 
[[Category:बृहदारण्यकोपनिषद]]
 
[[Category:बृहदारण्यकोपनिषद]]
 
[[Category:दर्शन कोश]]
 
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:उपनिषद]]  
+
[[Category:उपनिषद]][[Category:संस्कृत साहित्य]]  
  
 
__INDEX__
 
__INDEX__

13:45, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण

इस अध्याय में छह ब्राह्मण हैं।

  • प्रथम ब्राह्मण में डींग हांकने वाले, अर्थात बहुत बढ़-चढ़कर बोलने वाले गार्ग्य बालाकि ऋषि एवं विद्वान राजा अजातशत्रु के संवादों द्वारा 'ब्रह्म' व 'आत्मतत्त्व' को स्पष्ट किया गया है।
  • दूसरे ब्राह्मण और
  • तीसरे ब्राह्मण में 'प्राणोपासना' तथा ब्रह्म के दो मूर्त्त-अमूर्त्त रूपों का वर्णन किया गया है। इन्हें 'साकार' और 'निराकार' ब्रह्म भी कहा गया है।
  • चौथे ब्राह्मण में याज्ञवल्क्य-मैत्रेयी संवाद हैं।
  • पांचवें ब्राह्मण और
  • छठे ब्राह्मण में 'मधुविद्या' औ उसकी परम्परा का वर्णन है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-1

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 | ब्राह्मण-4 | ब्राह्मण-5 | ब्राह्मण-6

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-2

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 | ब्राह्मण-4 | ब्राह्मण-5 | ब्राह्मण-6

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-3

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 | ब्राह्मण-4 | ब्राह्मण-5 | ब्राह्मण-6 | ब्राह्मण-7 | ब्राह्मण-8 | ब्राह्मण-9

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-4

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 | ब्राह्मण-4 | ब्राह्मण-5 | ब्राह्मण-6

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-5

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 से 4 | ब्राह्मण-5 से 12 | ब्राह्मण-13 | ब्राह्मण-14 | ब्राह्मण-15

बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-6

ब्राह्मण-1 | ब्राह्मण-2 | ब्राह्मण-3 | ब्राह्मण-4 | ब्राह्मण-5