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<blockquote>'शीतांभश्च कुमुदश्च कुररी माल्यावांस्तथा बैंककप्रमुखा मेरोः पूर्वतः केसराचलाः।'<ref>[[विष्णुपुराण]] 2,2,26.</ref></blockquote>
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<blockquote>'शीतांभश्च कुमुदश्च कुररी माल्यावांस्तथा बैंककप्रमुखा मेरोः पूर्वतः केसराचलाः।'<ref>[[विष्णुपुराण]] 2,2,26.</ref></blockquote><ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=878|url=}}</ref>
 
 
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07:14, 6 दिसम्बर 2014 के समय का अवतरण

वैकक नामक एक पर्वत का उल्लेख विष्णुपुराण में हुआ है। विष्णुपुराण के अनुसार यह पर्वत मेरु के पूर्व की ओर स्थित पर्वत था-

'शीतांभश्च कुमुदश्च कुररी माल्यावांस्तथा बैंककप्रमुखा मेरोः पूर्वतः केसराचलाः।'[1]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विष्णुपुराण 2,2,26.
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 878 |

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