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'''शकीला''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shakila'', जन्म- [[1 जनवरी]], [[1936]]) [[हिन्दी सिनेमा]] में सन [[1950]]-[[1960|60]] की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उनको [[गुरुदत्त]] की फिल्म 'आर पार' ([[1954]]) और 'सी.आई.डी.' के लिए याद किया जाता है। शकीला ने [[शक्ति सामंत]] की फिल्म 'चाईना टाउन' ([[1963]]) में अपने समय के प्रसिद्ध अभिनेता [[शम्मी कपूर]] के साथ अभिनय किया था। इस फिल्म का गीत 'बार बार देखो, हज़ार बार देखो...' आज तक लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। शकीला जी ने [[1961]] में फिल्मों से संन्यास ले लिया और [[विवाह]] करके वह [[भारत]] से बाहर बस गयीं। उनकी बहन नूरजहाँ का विवाह प्रसिद्ध हास्य अभिनेता [[जॉनी वॉकर]] के साथ हुआ था।
 
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अभिनेत्री शकीला का जन्म 1 जनवरी सन 1936 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम 'बादशाहजहाँ' था। शकीला जी के अनुसार- "मेरे पूर्वज [[अफ़ग़ानिस्तान]] और [[ईरान]] के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे। मेरा जन्म 1 जनवरी, 1936 को मध्यपूर्व में हुआ था। राजगद्दी पर कब्ज़े के खानदानी झगड़ों में मेरे दादा-दादी और मां मारे गए थे। मैं तीन बहनों में सबसे बड़ी थी और हम तीनों बच्चियों को साथ लेकर मेरे पिता और बुआ जान बचाकर [[मुम्बई]] भाग आए थे। उस वक़्त मैं क़रीब 4 साल की थी।"<ref name="a">{{cite web |url=http://beetehuedin.blogspot.in/2016/03/dil-ko-laakh-sambhala-ji-shakila.html |title=शकीला |accessmonthday=23 जून|accessyear=2017 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=beetehuedin.blogspot.in |language=हिंदी }}</ref>
 
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==कॅरियर==
 
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05:53, 24 जून 2017 का अवतरण

शकीला विषय सूची
शकीला
शकीला
पूरा नाम बादशाहजहाँ
प्रसिद्ध नाम शकीला
जन्म 1 जनवरी, 1936
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिन्दी सिनेमा
मुख्य फ़िल्में 'चाईना टाउन', 'आरपार', 'सीआईडी', 'दो बीघा ज़मीन', 'अलिफ़ लैला', 'झांसी की रानी', 'हातिमताई', 'अब्दुल्ला' तथा 'काली टोपी लाल रूमाल' आदि।
प्रसिद्धि अभिनेत्री
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शकीला जी को असली पहचान 1954 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म ‘आरपार’ से मिली। इस फिल्म के निर्माता-निर्देशक और नायक गुरु दत्त थे। ‘आरपार’ गुरु दत्त की बतौर निर्माता पहली फ़िल्म थी। संगीतकार ओ.पी. नैयर को भी इसी फ़िल्म से पहली सफलता मिली थी।
बाहरी कड़ियाँ

शकीला (अंग्रेज़ी: Shakila, जन्म- 1 जनवरी, 1936) हिन्दी सिनेमा में सन 1950-60 की प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। उनको गुरुदत्त की फिल्म 'आर पार' (1954) और 'सी.आई.डी.' के लिए याद किया जाता है। शकीला ने शक्ति सामंत की फिल्म 'चाईना टाउन' (1963) में अपने समय के प्रसिद्ध अभिनेता शम्मी कपूर के साथ अभिनय किया था। इस फिल्म का गीत 'बार बार देखो, हज़ार बार देखो...' आज तक लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय है। शकीला जी ने 1961 में फिल्मों से संन्यास ले लिया और विवाह करके वह भारत से बाहर बस गयीं। उनकी बहन नूरजहाँ का विवाह प्रसिद्ध हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर के साथ हुआ था।

परिचय

शकीला अपने पिता के साथ

अभिनेत्री शकीला का जन्म 1 जनवरी सन 1936 को हुआ था। उनका वास्तविक नाम 'बादशाहजहाँ' था। शकीला जी के अनुसार- "मेरे पूर्वज अफ़ग़ानिस्तान और ईरान के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे। मेरा जन्म 1 जनवरी, 1936 को मध्यपूर्व में हुआ था। राजगद्दी पर कब्ज़े के खानदानी झगड़ों में मेरे दादा-दादी और मां मारे गए थे। मैं तीन बहनों में सबसे बड़ी थी और हम तीनों बच्चियों को साथ लेकर मेरे पिता और बुआ जान बचाकर मुम्बई भाग आए थे। उस वक़्त मैं क़रीब 4 साल की थी।"[1]

कॅरियर

‘दास्तान’ के बाद शकीला जी ने ‘गुमास्ता’ (1951), ‘खूबसूरत’, ‘राजरानी दमयंती’, ‘सलोनी’, सिंदबाद द सेलर’ (सभी 1952) और ‘आगोश’, ‘अरमान’, ‘झांसी की रानी’ (सभी 1953) में बतौर बाल कलाकार अभिनय किया। सोहराब मोदी की फिल्म ‘झांसी की रानी’ में शकीला जी ने रानी लक्ष्मीबाई (अभिनेत्री मेहताब) के बचपन की भूमिका की थी। साल 1953 में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘मदमस्त’ में वह पहली बार नायिका बनीं। इस फिल्म में उनके नायक एन.ए. अंसारी थे। फिल्म ‘मदमस्त’ को पार्श्वगायक महेंद्र कपूर की पहली फिल्म के तौर पर भी जाना जाता है। उन्होंने अपने कॅरियर का पहला गीत ‘किसी के ज़ुल्म की तस्वीर है मज़दूर की बस्ती’ इसी फिल्म में, गायिका धन इन्दौरवाला के साथ गाया था। साल 1953 में शकीला जी की बतौर नायिका दो और फिल्में ‘राजमहल’ और ‘शहंशाह’ प्रदर्शित हुईं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शकीला (हिंदी) beetehuedin.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 23 जून, 2017।

संबंधित लेख

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