कंधाना - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी) क्रिया अरबी (हिन्दी कंधा)[1]
1. कंधे पर लेना।
2. कंधा लगाना।
उदाहरण-
भनत गणेश महापात्र को खिताब दै के, पालकी चढ़ाय लै अकबर कंधाते हैं। - अकबरी दरबार के हिन्दी कवि[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 726 |
- ↑ अकबरी दरबार के हिन्दी कवि, पृष्ठ 75, डॉ. सूरजप्रसाद अग्रवाल, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ, संस्करण 2007
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