कजात - (काव्य प्रयोग, पुरानी हिन्दी, प्रान्तीय प्रयोग) क्रिया विशेषण (संस्कृत कदाचित्)[1]
कदाच।
उदाहरण-
जौ हारौ तौ देस दिय, अनुचर होइ अपार। जौ कजात जीतहिं नृपति, तौ तुम हूजौ पार। - पृथ्वीराज रासो[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 745 |
- ↑ पृथ्वीराज रासो, खंड 5, पृष्ठ 105, सं. मोहनलाल विष्णुलाल पंड्या, श्यामसुंदर दास, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण
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