क्रमांक | सूक्तियाँ | सूक्ति कर्ता |
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(1) | कुमंत्रणा से राजा का, कुसंगति से साधु का, अत्यधिक दुलार से पुत्र का और अविद्या से ब्राह्मण का नाश होता है। ~ | विदुर |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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क्रमांक | सूक्तियाँ | सूक्ति कर्ता |
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(1) | कुमंत्रणा से राजा का, कुसंगति से साधु का, अत्यधिक दुलार से पुत्र का और अविद्या से ब्राह्मण का नाश होता है। ~ | विदुर |