भास के अनमोल वचन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
भास के अनमोल वचन
  • उपकार के बदले में उपकार चाहने वाले मनुष्य को विपत्ति के रूप में फल मिलता है।
  • दिन बीत जाने पर रात्रि की प्रतीक्षा की जाती है। कुशलपूर्वक प्रभात होने पर फिर दिन की चिंता होती है। भविष्य के अनिष्टों की चिंता करने वालों को शांति तो बीते समय का स्मरण करके ही मिलती है।
  • मिथ्या प्रशंसा बहुत कष्टप्रद होती है।
  • राजलक्ष्मी तो सर्प की जिह्वा के समान चंचल होती है।
  • प्रियजन द्वारा कही गई प्रिय बातें प्रियतर होती हैं।
  • विनयी जनों को क्रोध कहां? और निर्मल अंत:करण में लज्जा का प्रवेश कहां?


इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत



टीका टिप्पणी और संदर्भ


संबंधित लेख