स्वामी शिवानंद के अनमोल वचन
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- सौंदर्य पवित्रता में रहता है और गुणों में चमकता है।
- सच्ची संस्कृति मस्तिष्क, हृदय और हाथ का अनुशासन है।
- खट्टा सत्य मधुर असत्य से अधिक अच्छा है।
- मौन की भाषा वाणी की भाषा की अपेक्षा अधिक बलवती होती है।
- संकल्प शक्ति मानसिक शक्तियों का शिरोमणि है।
- आप दूसरों को तभी उठा सकते हैं, जब आप स्वयं ऊपर उठ चुके हों।
- एकाग्रता आवेश को पवित्र और शांत कर देती है, विचारधारा को शक्तिशाली और कल्पना को स्पष्ट करती है।
- महापुरुषों का विश्वास इतना प्रबल और अनन्य होता है कि वे कुछ से कुछ भी बना सकते हैं।
- संतोष से बढ़कर अन्य कोई लाभ नहीं। जो मनुष्य इस विशेष सद्गुण से संपन्न है वह त्रिलोक में सबसे धनी व्यक्ति है।
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इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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