"राजकीय संग्रहालय मथुरा": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "रूचि" to "रुचि") |
||
(7 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 11 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा संग्रहालय | |||
[[मथुरा]] | |चित्र=Mathura-Museum-1.jpg | ||
|चित्र का नाम=राजकीय संग्रहालय, मथुरा | |||
[[चित्र:Kambojika-1.jpg|thumb|200px|left|[[कम्बोजिका]] | |विवरण=भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं।<ref>व्यक्ति प्रतिमाओं के विशेष अध्ययन के लिए देखिये: टी.जी.अर्वमुनाथन् , Portrait Sculpture in South India ,लंदन, 1931</ref> | ||
राजकीय संग्रहालय, [[मथुरा]]]] | |राज्य=[[उत्तर प्रदेश]] | ||
भारतीय कला को मथुरा की यह विशेष देन | |नगर=[[मथुरा]] | ||
|निर्माण= | |||
|स्थापना=[[1874]] में [[ग्राउस|एफ़. एस. ग्राउस]] (मथुरा ज़िलाधिकारी) द्वारा | |||
|भौगोलिक स्थिति= | |||
|मार्ग स्थिति= | |||
|प्रसिद्धि=[[कुषाण]] सम्राट वेमकटफिश, [[कनिष्क]] एवं पूर्ववर्ती शासक [[चष्टन]] की मूर्तियां [[माँट]] नामक स्थान से पहले ही मिल चुकी हैं जो इस संग्रहालय में मौजूद हैं। | |||
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.co.in/maps?saddr=Mathura+Junction+Railway+Station,+Mathura,+Uttar+Pradesh&daddr=Government+Museum,&hl=en&ll=27.49038,77.67643&spn=0.038755,0.084543&sll=27.493292,77.676516&sspn=0.009688,0.021136&geocode=FTVIowEdIC-hBCltdkApRnFzOTFiQJPDVXfh7A%3BFeuMowEdhEqhBCHDX0_-BtC8DClv-Hj2FHFzOTHDX0_-BtC8DA&oq=Mathura+&mra=ls&t=h&z=14 गूगल मानचित्र] | |||
|संबंधित लेख=[[जैन संग्रहालय मथुरा]] | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''राजकीय संग्रहालय मथुरा''' [[उत्तर प्रदेश]] राज्य के [[मथुरा ज़िला|मथुरा ज़िले]] के मुख्यालय [[मथुरा]] में स्थित है। ये राजकीय संग्रहालय देश के अनेक संग्रहालयों में बंट चुका है। यहाँ की सामग्री [[लखनऊ]] के राज्य संग्रहालय में, कलकत्ते के भारतीय संग्रहालय में, [[बम्बई]] और [[वाराणसी]] के संग्रहालयों में तथा विदेशों में मुख्यत: अमेरिका के बोस्टन संग्रहालय में, पेरिस व जुरिख के संग्रहालयों व लन्दन के ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित है। परन्तु इसका सबसे बड़ा भाग मथुरा संग्रहालय में सुरक्षित है। इसके अतिरिक्त कतिपय व्यक्तिगत संग्रहों में भी मथुरा की कलाकृतियां हैं। मथुरा का यह संग्रहालय यहाँ के तत्कालीन ज़िलाधीश श्री ऍफ़ एस ग्राउज द्वारा सन् [[1874]] में स्थापित किया गया था। | |||
[[चित्र:Kambojika-1.jpg|thumb|200px|left|[[कम्बोजिका]], राजकीय संग्रहालय, [[मथुरा]]]] | |||
==विशेषता== | |||
[[कला|भारतीय कला]] को मथुरा की यह विशेष देन है। भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं।<ref>व्यक्ति प्रतिमाओं के विशेष अध्ययन के लिए देखिये: टी.जी.अर्वमुनाथन् , Portrait Sculpture in South India ,लंदन, 1931</ref> कुषाण सम्राट वेमकटफिश, [[कनिष्क]] एवं पूर्ववर्ती शासक [[चष्टन]] की मूर्तियां [[माँट]] नामक स्थान से पहले ही मिल चुकी हैं। एक और मूर्ति जो संभवत: [[हुविष्क]] की हो सकती है, इस समय गोकर्णेश्वर के नाम से मथुरा में पूजी जाती है। ऐसा लगता है कि [[कुषाण]] राजाओं को अपने और पूर्वजों के प्रतिमा-मन्दिर या देवकुल बनवाने की विशेष रुचि थी। इस प्रकार का एक देवकुल तो [[माँट]] में था और दूसरा संभवत: गोकर्णेश्वर में। इन स्थानों से उपरोक्त लेखांकित मूर्तियों के अतिरिक्त अन्य राजपुरुषों की मूर्तियां भी मिली हैं, पर उन पर लेख नहीं है।<ref> सी.एम.कीफर, Kushana Art and the Historical Effigies of Mat and Surkh Kotal, मार्ग, खण्ड 15,संख्या 2,मार्च 1962, पृ.43-48 </ref> । इस संदर्भ में यह बतलाना आवश्यक है कि कुषाणों का एक और देवकुल, जिसे वहां बागोलांगो (bagolango) कहा गया है, [[अफ़ग़ानिस्तान]] के सुर्ख कोतल नामक स्थान पर था। हाल में ही यहाँ की खुदाई से इस देवकुल की सारी रूपरेखा स्पष्ट हुई हैं। | |||
{{seealso|संग्रहालय वीथिका मथुरा|संग्रहालय वीथिका मथुरा 2|संग्रहालय वीथिका मथुरा 3}} | {{seealso|संग्रहालय वीथिका मथुरा|संग्रहालय वीथिका मथुरा 2|संग्रहालय वीथिका मथुरा 3}} | ||
== | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==वीथिका== | ==वीथिका== | ||
<gallery | <gallery> | ||
चित्र:shaka-1.jpg|[[शक]] राज पुरुष<br />Saka King (Mastan) | चित्र:shaka-1.jpg|[[शक]] राज पुरुष<br />Saka King (Mastan) | ||
चित्र:Buddha-3.jpg|[[बुद्ध]] प्रतिमा<br />Buddha Image | चित्र:Buddha-3.jpg|[[बुद्ध]] प्रतिमा<br />Buddha Image | ||
पंक्ति 27: | पंक्ति 47: | ||
चित्र:Goat-Headed-Jaina-Mathura-Museum-51.jpg|अजमुखी [[जैन]] मातृदेवी<br />Goat Headed Jaina | चित्र:Goat-Headed-Jaina-Mathura-Museum-51.jpg|अजमुखी [[जैन]] मातृदेवी<br />Goat Headed Jaina | ||
</gallery> | </gallery> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | |||
*[http://www.bharatonline.com/uttar-pradesh/travel/mathura/government-museum.html Mathura Museum] | |||
*[http://www.mathura-vrindavan.com/mathura/museum.htm Government Museum, Mathura] | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}{{संग्रहालय}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}{{संग्रहालय}} | ||
पंक्ति 32: | पंक्ति 57: | ||
[[Category:कला कोश]] | [[Category:कला कोश]] | ||
[[Category:संग्रहालय कोश]] | [[Category:संग्रहालय कोश]] | ||
[[Category:पर्यटन कोश]] | |||
[[Category:उत्तर प्रदेश के पर्यटन स्थल]] | |||
[[Category:ब्रज]] | |||
[[Category:संग्रहालय]] | |||
__INDEX__ | |||
__NOTOC__ |
07:48, 3 जनवरी 2016 के समय का अवतरण
राजकीय संग्रहालय मथुरा
| |
विवरण | भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं।[1] |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
नगर | मथुरा |
स्थापना | 1874 में एफ़. एस. ग्राउस (मथुरा ज़िलाधिकारी) द्वारा |
प्रसिद्धि | कुषाण सम्राट वेमकटफिश, कनिष्क एवं पूर्ववर्ती शासक चष्टन की मूर्तियां माँट नामक स्थान से पहले ही मिल चुकी हैं जो इस संग्रहालय में मौजूद हैं। |
![]() |
गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | जैन संग्रहालय मथुरा |
राजकीय संग्रहालय मथुरा उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा ज़िले के मुख्यालय मथुरा में स्थित है। ये राजकीय संग्रहालय देश के अनेक संग्रहालयों में बंट चुका है। यहाँ की सामग्री लखनऊ के राज्य संग्रहालय में, कलकत्ते के भारतीय संग्रहालय में, बम्बई और वाराणसी के संग्रहालयों में तथा विदेशों में मुख्यत: अमेरिका के बोस्टन संग्रहालय में, पेरिस व जुरिख के संग्रहालयों व लन्दन के ब्रिटिश संग्रहालय में प्रदर्शित है। परन्तु इसका सबसे बड़ा भाग मथुरा संग्रहालय में सुरक्षित है। इसके अतिरिक्त कतिपय व्यक्तिगत संग्रहों में भी मथुरा की कलाकृतियां हैं। मथुरा का यह संग्रहालय यहाँ के तत्कालीन ज़िलाधीश श्री ऍफ़ एस ग्राउज द्वारा सन् 1874 में स्थापित किया गया था।

विशेषता
भारतीय कला को मथुरा की यह विशेष देन है। भारतीय कला के इतिहास में यहीं पर सर्वप्रथम हमें शासकों की लेखों से अंकित मानवीय आकारों में बनी प्रतिमाएं दिखलाई पड़ती हैं।[2] कुषाण सम्राट वेमकटफिश, कनिष्क एवं पूर्ववर्ती शासक चष्टन की मूर्तियां माँट नामक स्थान से पहले ही मिल चुकी हैं। एक और मूर्ति जो संभवत: हुविष्क की हो सकती है, इस समय गोकर्णेश्वर के नाम से मथुरा में पूजी जाती है। ऐसा लगता है कि कुषाण राजाओं को अपने और पूर्वजों के प्रतिमा-मन्दिर या देवकुल बनवाने की विशेष रुचि थी। इस प्रकार का एक देवकुल तो माँट में था और दूसरा संभवत: गोकर्णेश्वर में। इन स्थानों से उपरोक्त लेखांकित मूर्तियों के अतिरिक्त अन्य राजपुरुषों की मूर्तियां भी मिली हैं, पर उन पर लेख नहीं है।[3] । इस संदर्भ में यह बतलाना आवश्यक है कि कुषाणों का एक और देवकुल, जिसे वहां बागोलांगो (bagolango) कहा गया है, अफ़ग़ानिस्तान के सुर्ख कोतल नामक स्थान पर था। हाल में ही यहाँ की खुदाई से इस देवकुल की सारी रूपरेखा स्पष्ट हुई हैं।
इन्हें भी देखें: संग्रहालय वीथिका मथुरा, संग्रहालय वीथिका मथुरा 2 एवं संग्रहालय वीथिका मथुरा 3
|
|
|
|
|
वीथिका
-
शक राज पुरुष
Saka King (Mastan) -
बुद्ध प्रतिमा
Buddha Image -
आसवपायी कुबेर
Bacchanalian Group -
यक्ष
Yaksha -
बुद्ध
Buddha -
विम तक्षम
Vima Taktu -
कनिष्क
Kanishka -
हरिनैगमेश
Harinaigmesha -
मौर्य कालीन मृण्मूर्ति
Maurya Terracottas -
भारवाही यक्ष
Atlantas -
शुंग कालीन मृण्मूर्ति
Shunga Terracottas -
यक्ष
Yaksha -
बोधसत्व मूर्ति
Colossal Bodhisattva -
तीर्थंकर पार्श्वनाथ
Parsvanatha -
पगड़ी पहिने दण्डधारी पुरुष
Holding An Ornamental -
अजमुखी जैन मातृदेवी
Goat Headed Jaina
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ व्यक्ति प्रतिमाओं के विशेष अध्ययन के लिए देखिये: टी.जी.अर्वमुनाथन् , Portrait Sculpture in South India ,लंदन, 1931
- ↑ व्यक्ति प्रतिमाओं के विशेष अध्ययन के लिए देखिये: टी.जी.अर्वमुनाथन् , Portrait Sculpture in South India ,लंदन, 1931
- ↑ सी.एम.कीफर, Kushana Art and the Historical Effigies of Mat and Surkh Kotal, मार्ग, खण्ड 15,संख्या 2,मार्च 1962, पृ.43-48
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख