"बृहदारण्यकोपनिषद अध्याय-6 ब्राह्मण-1": अवतरणों में अंतर
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13:43, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण
- बृहदारण्यकोपनिषद के अध्याय छठा का यह प्रथम ब्राह्मण है।
मुख्य लेख : बृहदारण्यकोपनिषद
- यहाँ 'प्राण' की सर्वश्रेष्ठता का प्रतिपादन किया गया है।
- छान्दोग्य उपनिषद में भी इसी भांति 'प्राणतत्त्व' की श्रेष्ठता दर्शायी गयी है।
- अन्य सभी इन्द्रियों से 'प्राण' ही सर्वश्रेष्ठ हैं।
- छान्दोग्य उपनिषद के पांचवे अध्याय में भी इसका वर्नन है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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