ब्रह्म उपनिषद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रेणु (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:57, 1 अगस्त 2010 का अवतरण ('*'ब्रह्मा' के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त, जो...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
  • 'ब्रह्मा' के सम्बन्ध में एक महत्वपूर्ण सिद्धान्त, जो छान्दोग्य उपनिषद[1], के एक संवाद का विषय है, ब्रह्मोपनिषद कहलाता है।
  • संन्यास मार्गी एक उपनिषद है।
  • इसका प्रारम्भिक भाग तो कम से कम उतना ही प्राचीन है जितना कि मैत्रायणी उपनिषद, किन्तु उत्तरभाग आरुणेय, जाबाल, परमहंस उपनिषदों का समसामयिक है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

सम्बंधित लिंक

श्रुतियाँ
  1. छान्दोग्य उपनिषद, 3।11।3