"इतिहास सामान्य ज्ञान 12" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "स्त्रोत" to "स्रोत")
 
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 11 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
 
|
 
|
 
<quiz display=simple>
 
<quiz display=simple>
 
+
{[[वैदिक काल|ऋग्वैदिक काल]] में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?
{ऋग्वैदिक काल में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?
 
|type="()"}
 
- अनाज
 
- मुद्रा
 
+ गाय
 
- दास
 
 
 
{ऋग्वैदिक युगीन नदी 'परुष्णी' का महत्त्व क्यों है?
 
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- सर्वाधिक पवित्र नदी होने के कारण
+
-अनाज
- [[ऋग्वेद]] में सबसे अधिक बार उल्लेख होने के कारण
+
-मुद्रा
+ दाशराज्ञ युद्ध के कारण
+
+[[गाय]]
- उपर्युक्त सभी
+
-[[दास]]
 +
||[[चित्र:Cows-mathura2.jpg|right|80px|गाय तथा उसमें वास करने वाले देवता]][[हिन्दू धर्म]] में [[गाय]] की [[पूजा]] का मूल आरंभिक [[वैदिक काल]] में खोजा जा सकता है। भारोपीय लोग, जिन्होंने दूसरी सहस्राब्दी ई.पू. में [[भारत]] में प्रवेश किया, वे पशुपालक थे। पशुओं का बड़ा आर्थिक महत्त्व था, जो [[वैदिक धर्म]] में भी दिखाई देता है। यद्यपि [[प्राचीन भारत]] में [[गाय|गायों]] और बैलों की बलि दी जाती थी और उनका माँस खाया जाता था। लेकिन दुधारू गायों की बलि क्रमश: बंद की जा रही थी, जैसे [[महाभारत]] व [[मनुस्मृति]] के हिस्सों में और [[ऋग्वेद]] में दुधारू गाय को पहले से ही 'अवध्य' कहा गया था। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गाय]]
  
{[[ऋग्वेद]] में निम्न में से किसका उल्लेख नहीं मिलता है?
+
{[[ऋग्वेद]] में उल्लिखित क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- [[कृषि]]
+
-[[गंगा]]  
- यव
+
-[[यमुना]]
- ब्रीहि
+
+[[सरस्वती नदी|सरस्वती]]
+ कपास
+
-[[सिन्धु नदी|सिन्धु]]
 +
||[[चित्र:Saraswati-River.png|सरस्वती नदी|right|100px]][[स्कंद पुराण]] और [[महाभारत]] में [[सरस्वती नदी]] का विवरण बड़ी श्रद्धा-[[भक्ति]] से किया गया है। कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और [[ऋग्वेद]] में भी कहा गया है, कि हज़ारों साल पहले [[सतलुज नदी|सतलुज]] (जो [[सिन्धु नदी]] की सहायक नदी है) और [[यमुना नदी|यमुना]] (जो [[गंगा]] की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी थी, जो [[हिमालय]] से लेकर [[अरब सागर]] तक बहती थी। आज भू-गर्भीय बदलाव के कारण ये सूख गयी है। [[वैदिक काल]] में सरस्वती नदी को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी थी। उस सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं। सरस्वती नदी [[हरियाणा]], [[पंजाब]] व [[राजस्थान]] से होकर बहती थी और [[कच्छ का रण|कच्छ]] के रण में जाकर अरब सागर में मिलती थी। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सरस्वती नदी]]
  
 
{[[ऋग्वेद]] के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?
 
{[[ऋग्वेद]] के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- योद्धा
+
-योद्धा
- पुरोहित
+
-[[पुरोहित]]
+ शूद्र
+
+[[शूद्र]]
- चाण्डाल
+
-चाण्डाल
|| 'ॠक' का अर्थ होता है छन्दोबद्ध रचना या श्लोक। [[चित्र:Rigveda.jpg|right|100px|ऋग्वेद का आवरण पृष्ठ]]<br />ऋग्वेद के सूक्त विविध [[देवता|देवताओं]] की स्तुति करने वाले भाव भरे गीत हैं। इनमें भक्तिभाव की प्रधानता है। यद्यपि ऋग्वेद में अन्य प्रकार के सूक्त भी हैं, परन्तु देवताओं की स्तुति करने वाले स्रोतों की प्रधानता है। <br />ऋग्वेद में कुल दस मण्डल हैं और उनमें 1,029 सूक्त हैं और कुल 10,580 ॠचाएँ हैं। ये स्तुति मन्त्र हैं। <br />ऋग्वेद के दस मण्डलों में कुछ मण्डल छोटे हैं और कुछ मण्डल बड़े हैं। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[ऋग्वेद]]
+
||[[चित्र:Rigveda.jpg|right|100px|ऋग्वेद का आवरण पृष्ठ]]भारतीय समाज व्यवस्था में चतुर्थ वर्ण या जाति [[शूद्र]] कहलाती है। [[वायु पुराण]], [[वेदांत|वेदांतसूत्र]] और [[छांदोग्य उपनिषद|छांदोग्य]] एवं वेदांतसूत्र के शांकरभाष्य में 'शुच' और 'द्रु' धातुओं से 'शूद्र' शब्द व्युत्पन्न किया गया। [[ऋग्वेद]] के पुरुषसूक्त से पुरुष के पदों से शूद्र की उत्पत्ति का उल्लेख है। पुरुषोत्पत्ति का यह सिद्धांत [[ब्राह्मण ग्रंथ]], वाजसनेयी संहिता, [[महाभारत]], [[पुराण]] में शूद्रदेव पूषा से शूद्र की उत्पत्ति बतलाई गई है। [[विष्णु]] और वायु पुराण के अनुसार यज्ञनिष्पत्ति के लिए चतुर्वर्णों का सर्जन हुआ। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[शूद्र]]
 
 
{[[ऋग्वेद]] में उल्लिखित कुल क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?
 
|type="()"}
 
- [[गंगा नदी]]
 
- [[यमुना नदी]]
 
+ [[सरस्वती नदी]]
 
- [[सिन्धु नदी]]
 
|| कई भू-विज्ञानी मानते हैं, और [[ऋग्वेद]] में भी कहा गया है, [[चित्र:Saraswati-River.png|सरस्वती नदी<br /> Saraswati River|right|100px]] कि हज़ारों साल पहले [[सतलुज नदी|सतलुज]] (जो [[सिन्धु नदी|सिन्धु]] नदी की सहायक नदी है) और [[यमुना नदी|यमुना]] (जो [[गंगा नदी|गंगा]] की सहायक नदी है) के बीच एक विशाल नदी थी, जो [[हिमालय]] से लेकर [[अरब सागर]] तक बहती थी। आज ये भूगर्भी बदलाव के कारण सूख गयी है। ऋग्वेद में, [[वैदिक काल]] में इस नदी सरस्वती को 'नदीतमा' की उपाधि दी गयी है। उस सभ्यता में सरस्वती ही सबसे बड़ी और मुख्य नदी थी, गंगा नहीं। सरस्वती नदी [[हरियाणा]], [[पंजाब]] [[राजस्थान]] से होकर बहती थी और कच्छ के रण में जाकर अरब सागर में मिलती थी। तब सरस्वती के किनारे बसा राजस्थान भी हराभरा था। उस समय यमुना, [[सतलुज नदी|सतलुज]] व घग्गर इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ थीं। बाद में सतलुज व यमुना ने भूगर्भीय हलचलों के कारण अपना मार्ग बदल लिया और सरस्वती से दूर हो गईं। हिमालय की पहाड़ियों में प्राचीन काल से हीभूगर्भीय गतिविधियाँ चलती रही हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सरस्वती नदी]]
 
  
{[[ऋग्वेद]] में 'जन' और 'विश' का उल्लेख क्रमश: कितनी बार हुआ है?
+
{'[[आर्य]]' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
 
|type="()"}
 
|type="()"}
- 250,175
+
-वीर
- 275,175
+
+श्रेष्ठ या [[कुलीन]]
- 200,150
+
-विद्वान
+ 275,170
+
-यज्ञकर्ता
  
{ऋग्वैदिक युग की सर्वाधिक प्राचीन संस्था कौन-सी थी?
+
{[[बोधगया]] में स्थित वह बोधिवृक्ष, जिसके नीचे [[बुद्ध]] को ज्ञान प्राप्त हुआ था, किस शासक द्वारा कटवा दिया गया?
|type="()"}
 
- सभा
 
- समिति
 
+ विद्थ
 
- परिषद
 
 
 
{'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?
 
|type="()"}
 
- वीर
 
+ श्रेष्ठ या कुलीन
 
- विद्वान
 
- यज्ञकर्ता
 
 
 
{[[बोधगया]] में स्थित वह बोधिवृक्ष, जिसके नीचे [[बुद्ध]] को ज्ञान प्राप्त हुआ था, किस शासक के द्वारा कटवा दिया गया?
 
 
|type="()"}
 
|type="()"}
 
-[[पुष्यमित्र शुंग]]
 
-[[पुष्यमित्र शुंग]]
-[[हूण]] राजा मिहिरकुल
+
-[[हूण]] राजा [[मिहिरकुल]]
+गौड़ के राजा शशांक
+
+[[गौड़]] के राजा [[शशांक]]
 
-[[महमूद गज़नवी]]
 
-[[महमूद गज़नवी]]
 
+
||'शशांक' को [[बंगाल]] के यशस्वी शासकों में गिना जाता है। उसने बंगाल प्रदेश की सीमाओं के बाहर भी अपने राज्य का बहुत विस्तार किया। उसका वंश अज्ञात है और [[गुप्त वंश]] के साथ उसको सम्बन्धित करना केवल अनुमान मात्र है। उसकी उत्पत्ति चाहे जिस वंश में भी हुई हो, लेकिन इतना निश्चित है कि 606 ई. के पूर्व ही वह [[गौड़]] अथवा बंगाल का शासक बन चुका था। [[शशांक]] के सिक्कों से स्पष्ट है कि वह [[शिव]] का उपासक था, किन्तु चीनी यात्री [[ह्वेनसांग]] द्वारा वर्णित उसके [[बौद्ध धर्म]] से विद्वेष और [[बौद्ध|बौद्धों]] पर अत्याचार की कहानियों में कितनी सत्यता है, यह निश्चय कर पाना कठिन है। - अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[शशांक]]
{[[भारत]] में पूजित पहली मानव प्रतिमा कौन-सी थी?
 
|type="()"}
 
+[[बुद्ध|भगवान बुद्ध]]
 
-[[इन्द्र|इन्द्र भगवान]]
 
-[[महावीर|महावीर स्वामी]]
 
-[[कृष्ण|वासुदेव कृष्ण]]
 
 
 
{उत्तरवैदिक काल के महत्त्वपूर्ण देवता कौन थे?
 
|type="()"}
 
- [[रुद्र]]
 
- [[विष्णु]]
 
+ प्रजापति
 
- पूषन
 
 
 
{[[भारत]] का राष्ट्रीय आदर्श वाक्य '[[सत्यमेव जयते]]' कहाँ से उद्धृत है?
 
|type="()"}
 
+ [[मुण्डकोपनिषद]] से
 
- [[कठोपनिषद]] से
 
- [[छान्दोग्य उपनिषद]] से
 
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
 
||यह उपनिषद अथर्ववेदीय शौनकीय शाखा से सम्बन्धित है। इसमें अक्षर-ब्रह्म 'ॐ: का विशद विवेचन किया गया है। इसे मन्त्रोपनिषद नाम से भी पुकारा जाता है। इसमें तीन मुण्डक हैं और प्रत्येक मुण्डक के दो-दो खण्ड हैं तथा कुल चौंसठ मन्त्र हैं। 'मुण्डक' का अर्थ है- मस्तिष्क को अत्यधिक शक्ति प्रदान करने वाला और उसे अविद्या-रूपी अन्धकार से मुक्त करने वाला। इस उपनिषद में महर्षि [[अंगिरा]] ने शौनक को 'परा-अपरा' विद्या का ज्ञान कराया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[मुण्डकोपनिषद]]
 
 
 
{उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों की रचना लगभग 1000 ई. पू. 600 ई. पू. के मध्य किन स्थानों पर की गई?
 
|type="()"}
 
- सैन्धव घाटी के मैदान में
 
- आर्यावर्त के मैदान में
 
+ गंगा के उत्तरी मैदान में
 
- मध्य एशिया के मैदान में
 
 
 
{'सभा और समिति प्रजापति की दो पुत्रियाँ थीं' का उल्लेख किस ग्रंथ में मिलता है?
 
|type="()"}
 
- [[ऋग्वेद]] में
 
+[[अथर्ववेद]] में
 
- [[यजुर्वेद]] में
 
- [[सामवेद]] में
 
||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|right|100px|अथर्ववेद का आवरण पृष्ठ]] अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के आधार पर ऐसा माना जाता है कि इस [[वेद]] की रचना सबसे बाद में हुई। अथर्ववेद के दो पाठों (शौनक और पैप्पलद) में संचरित हुए लगभग सभी स्तोत्र ॠग्वेदीय स्तोत्रों के छदों में रचित हैं। दोनो वेदों में इसके अतिरिक्त अन्य कोई समानता नहीं है। अथर्ववेद में दैनिक जीवन से जुड़े तांत्रिक धार्मिक सरोकारों को व्यक्त करता है, इसका स्वर [[ऋग्वेद]] के उस अधिक पुरोहिती स्वर से भिन्न है, जो महान [[देवता|देवों]] को महिमामंडित करता है और [[सोम रस|सोम]] के प्रभाव में कवियों की उत्प्रेरित दृष्टि का वर्णन करता है। [[यज्ञ|यज्ञों]] व देवों को अनदेखा करने के कारण वैदिक पुरोहित वर्ग इसे अन्य तीन वेदों के बराबर नहीं मानता था। इसे यह दर्जा बहुत बाद में मिला। इसकी भाषा ऋग्वेद की भाषा की तुलना में स्पष्टतः बाद की है और कई स्थानों पर ब्राह्मण ग्रंथों से मिलती है। अतः इसे लगभग 1000 ई.पू. का माना जा सकता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अथर्ववेद]]
 
 
 
{उत्तर वैदिककालीन ग्रंथों में किस आश्रम का उल्लेख नहीं मिलता?
 
|type="()"}
 
+ सन्यास
 
- ब्रह्मचर्य
 
- गृहस्थ
 
- वानप्रस्थ
 
 
</quiz>
 
</quiz>
 
|}
 
|}
पंक्ति 122: पंक्ति 51:
 
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
 
{{इतिहास सामान्य ज्ञान}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
 
{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}}
{{प्रचार}}
 
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]
 
[[Category:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]]
पंक्ति 129: पंक्ति 57:
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 +
{{Review-G}}

13:46, 15 फ़रवरी 2023 के समय का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान


इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- इतिहास प्रांगण, इतिहास कोश, ऐतिहासिक स्थान कोश

पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

1 ऋग्वैदिक काल में विनिमय के माध्यम के रूप में किसका प्रयोग किया जाता था?

अनाज
मुद्रा
गाय
दास

2 ऋग्वेद में उल्लिखित क़रीब 25 नदियों में से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नदी कौन-सी थी?

गंगा
यमुना
सरस्वती
सिन्धु

3 ऋग्वेद के दसवें मण्डल में किसका उल्लेख पहली बार मिलता है?

योद्धा
पुरोहित
शूद्र
चाण्डाल

4 'आर्य' शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?

वीर
श्रेष्ठ या कुलीन
विद्वान
यज्ञकर्ता

5 बोधगया में स्थित वह बोधिवृक्ष, जिसके नीचे बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, किस शासक द्वारा कटवा दिया गया?

पुष्यमित्र शुंग
हूण राजा मिहिरकुल
गौड़ के राजा शशांक
महमूद गज़नवी

पन्ने पर जाएँ
1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213| 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237| 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321 | 322 | 323 | 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339 | 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | 370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476 | 477 | 478 | 479 | 480 | 481 | 482 | 483 | 484 | 485 | 486 | 487 | 488 | 489 | 490 | 491 | 492 | 493 | 494 | 495 | 496 | 497 | 498 | 499 | 500 | 501 | 502 | 503 | 504 | 505 | 506 | 507 | 508 | 509 | 510 | 511 | 512 | 513 | 514 | 515 | 516 | 517 | 518 | 519 | 520 | 521 | 522 | 523 | 524 | 525 | 526 | 527 | 528 | 529 | 530 | 531 | 532 | 533 | 534 | 535 | 536 | 537 | 538 | 539 | 540 | 541 | 542 | 543 | 544 | 545 | 546 | 547 | 548 | 549 | 550 | 551 | 552 | 553 | 554 | 555 | 556 | 557 | 558 | 559 | 560 | 561 | 562 | 563 | 564 | 565 | 566

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान