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[[निर्मला देशपाण्डे]] [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित गांधीवादी विचारधारा वाली समाज सेविका थी  
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[[17 अक्तूबर]], [[1929]] को [[नागपुर]] में जन्मीं [[निर्मला देशपाण्डे]] [[पद्म विभूषण]] से सम्मानित गांधीवादी विचारधारा वाली समाज सेविका थी  
 
==राष्ट्रपति के पद पर चर्चा==   
 
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[[2007]] में राष्ट्रपति पद के लिए यूँ तो कई नामों पर चर्चा की गई, लेकिन अन्त में दो नाम रह गए थे, जो यू.पी.ए. और वाम मोर्चा द्वारा अन्तिम रूप से विचारित होने थे। दोनों नाम महिला उम्मीदवारों के थे-एक, गांधीवादी विचारधारा वाली निर्मला देशपाण्डे और दूसरी, [[राजस्थान]] की तत्कालीन [[राज्यपाल]] श्रीमती [[प्रतिभा पाटिल]]। [[14 जून]], [[2007]] को नाटकीय घटनाक्रम के बाद अन्तत: यू.पी.ए. और वामदलों ने [[राष्ट्रपति]] पद के उम्मीदवार का नाम अन्तिम रूप से तय कर लिया। वह नाम था-राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल शेखावत का।  
 
[[2007]] में राष्ट्रपति पद के लिए यूँ तो कई नामों पर चर्चा की गई, लेकिन अन्त में दो नाम रह गए थे, जो यू.पी.ए. और वाम मोर्चा द्वारा अन्तिम रूप से विचारित होने थे। दोनों नाम महिला उम्मीदवारों के थे-एक, गांधीवादी विचारधारा वाली निर्मला देशपाण्डे और दूसरी, [[राजस्थान]] की तत्कालीन [[राज्यपाल]] श्रीमती [[प्रतिभा पाटिल]]। [[14 जून]], [[2007]] को नाटकीय घटनाक्रम के बाद अन्तत: यू.पी.ए. और वामदलों ने [[राष्ट्रपति]] पद के उम्मीदवार का नाम अन्तिम रूप से तय कर लिया। वह नाम था-राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल शेखावत का।  
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#[[1 मई]] [[2008]] को अति प्रात: नई दिल्ली स्थित आवास में उनका निधन हो गया। 79 वर्षीय श्रीमती देशपाण्डे "दीदी" के नाम से विख्यात थीं। दीदी लगभग 60 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहीं। वह दो बार राज्यसभा के लिए मनोनीत हुर्इं। निर्मला जी अन्तिम समय तक महात्मा गांधी के सिद्धान्तों के आधार पर लोगों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करती रहीं। 17 अक्तूबर, 1929 को नागपुर में जन्मीं निर्मल जी बहुआयामी प्रतिभा की धनी थीं। उन्होंने अनेक उपन्यास, नाटक, यात्रा तथा वृत्तान्त, विनोबा भावे की जीवनी भी लिखी। उन्हें पद्म विभूषण भी मिला था।
  
 
====महत्त्वपूर्व पड़ाव====
 
====महत्त्वपूर्व पड़ाव====

15:59, 29 अप्रैल 2013 का अवतरण

17 अक्तूबर, 1929 को नागपुर में जन्मीं निर्मला देशपाण्डे पद्म विभूषण से सम्मानित गांधीवादी विचारधारा वाली समाज सेविका थी

राष्ट्रपति के पद पर चर्चा

2007 में राष्ट्रपति पद के लिए यूँ तो कई नामों पर चर्चा की गई, लेकिन अन्त में दो नाम रह गए थे, जो यू.पी.ए. और वाम मोर्चा द्वारा अन्तिम रूप से विचारित होने थे। दोनों नाम महिला उम्मीदवारों के थे-एक, गांधीवादी विचारधारा वाली निर्मला देशपाण्डे और दूसरी, राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल14 जून, 2007 को नाटकीय घटनाक्रम के बाद अन्तत: यू.पी.ए. और वामदलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम अन्तिम रूप से तय कर लिया। वह नाम था-राजस्थान की तत्कालीन राज्यपाल श्रीमती प्रतिभा पाटिल शेखावत का।

  1. 1 मई 2008 को अति प्रात: नई दिल्ली स्थित आवास में उनका निधन हो गया। 79 वर्षीय श्रीमती देशपाण्डे "दीदी" के नाम से विख्यात थीं। दीदी लगभग 60 साल तक सार्वजनिक जीवन में रहीं। वह दो बार राज्यसभा के लिए मनोनीत हुर्इं। निर्मला जी अन्तिम समय तक महात्मा गांधी के सिद्धान्तों के आधार पर लोगों को अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करती रहीं। 17 अक्तूबर, 1929 को नागपुर में जन्मीं निर्मल जी बहुआयामी प्रतिभा की धनी थीं। उन्होंने अनेक उपन्यास, नाटक, यात्रा तथा वृत्तान्त, विनोबा भावे की जीवनी भी लिखी। उन्हें पद्म विभूषण भी मिला था।

महत्त्वपूर्व पड़ाव

  1. निर्मला देशपाण्डे जी जीवनपर्यन्त सर्वोदय आश्रम टडियांवा से जुडी रहीं
  2. प्रतिभा पाटिल के समान निर्मला देशपाण्डे नेहरू-गाँधी परिवार के काफ़ी नजदीक रहीं और उनकी प्रबल समर्थक थीं।
  3. महिला कल्याणार्थ दिल्ली एवं मुम्बई में कार्यकारी महिलाओं के लिए आवासगृह स्थापित किया।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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