कचभार

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कचभार - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत)[1]

1. केश का भार या बोझ।

उदाहरण-

सुमन भई महि में करै, जब सुकुमारि बिहार। तब सखियाँ संगहि फिरैं, हाथ लिए कचभार। - भिखारीदास ग्रंथावली[2]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 737 |
  2. भिखारीदास ग्रंथावली, भाग 2, पृष्ठ 109, सम्पादक विश्वनाथप्रसाद मिश्र, नागरी प्रचारिणी सभा, काशी, प्रथम संस्करण

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