"लक्ष्मी नारायण साहू": अवतरणों में अंतर
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*लक्ष्मी नारायण साहू का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। | |चित्र=Laxmi-Narayan-Sahu.jpg | ||
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}}'''लक्ष्मी नारायण साहू''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Laxmi Narayan Sahu'', जन्म- [[3 अक्टूबर]], [[1890]]; [[बालासौर]]; मृत्यु- [[18 जनवरी]], [[1963]]) [[उड़ीसा]] के समाजसेवी और सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। वह [[1947]] में ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए। वह [[भारत]] की [[संविधान सभा]] के सदस्य भी थे। लक्ष्मी नारायण साहू [[संविधान]] का मसौदा तैयार करते समय अपनी उग्र और तथ्यात्मक बहस के लिए जाने जाते थे। [[साहित्य]] और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष [[1955]] में [[पद्म श्री]] से सम्मानित किया गया था। ओडिशा के [[इतिहास]] पर उनके कार्यों और लेखन के लिए उन्हें 'इतिहासरत्न' की उपाधि दी गई थी। | |||
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* | *‘सहकार’, ‘वैतरणी’, और ‘स्टार ऑफ़ उत्कल’ जैसे पत्रों का सम्पादन लक्ष्मी नारायण साहू ने किया। | ||
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*उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे। | *उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे। | ||
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लक्ष्मी नारायण साहू
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पूरा नाम | लक्ष्मी नारायण साहू |
जन्म | 3 अक्टूबर, 1890 ई. |
जन्म भूमि | बालासौर, उड़ीसा |
मृत्यु | 18 जनवरी, 1963 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | समाज सेवा और सार्वजनिक कार्यकर्ता। |
पुरस्कार-उपाधि | भारत तीर्थ |
विशेष योगदान | अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे। |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | लक्ष्मी नारायण साहू ने 1936 में वर्तमान उड़ीसा राज्य के गठन से पूर्व ‘उत्कल यूनियन कांफ़्रेंस’ की स्थापना की थी। |
लक्ष्मी नारायण साहू (अंग्रेज़ी: Laxmi Narayan Sahu, जन्म- 3 अक्टूबर, 1890; बालासौर; मृत्यु- 18 जनवरी, 1963) उड़ीसा के समाजसेवी और सार्वजनिक कार्यकर्ता थे। वह 1947 में ओडिशा विधानसभा के लिए चुने गए। वह भारत की संविधान सभा के सदस्य भी थे। लक्ष्मी नारायण साहू संविधान का मसौदा तैयार करते समय अपनी उग्र और तथ्यात्मक बहस के लिए जाने जाते थे। साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें वर्ष 1955 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। ओडिशा के इतिहास पर उनके कार्यों और लेखन के लिए उन्हें 'इतिहासरत्न' की उपाधि दी गई थी।
- लक्ष्मी नारायण साहू का जन्म एक धनी परिवार में हुआ था। उन्होंने पाँच विषयों में एम.ए. की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की थी।
- वे उदार विचारों के व्यक्ति थे। उनके अन्दर ईसाई, ब्रह्म समाज, आर्य समाज, थियोसफ़ी आदि धर्मों और विचार धाराओं के प्रति सम्मान का भाव था।
- साहू सामाजिक परिवर्तन के लिए पश्चिमी ढंग की शिक्षा प्रणाली का समर्थन करते थे।
- ‘सहकार’, ‘वैतरणी’, और ‘स्टार ऑफ़ उत्कल’ जैसे पत्रों का सम्पादन लक्ष्मी नारायण साहू ने किया।
- सन 1936 में उड़ीसा के वर्तमान राज्य के गठन से पूर्व उन्होंने ‘उत्कल यूनियन कांफ़्रेंस’ की स्थापना की थी।
- वह 1947 में उड़ीसा विधानसभा के और देश की संविधान परिषद के सदस्य चुने गए।
- उन्होंने अस्पृश्यता के विरुद्ध आन्दोलन किया और महिलाओं की स्थिति सुधारने के कार्यों में भी अग्रणी रहे।
- लक्ष्मी नारायण साहू प्रदेश की अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध थे।
- आन्ध्र प्रदेश के 'इतिहास शोध संस्थान' ने उन्हें ‘भारत तीर्थ’ से, कुछ अन्य संस्थाओं ने ‘इतिहास रत्न’ और ‘विद्या रत्न’ के अलंकरणों से तथा भारत सरकार ने 'पद्म श्री' से सम्मानित किया था।
- लक्ष्मी नारायण साहू का 18 जनवरी, 1963 को देहान्त हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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