बांके बिहारी मन्दिर

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बांके बिहारी मन्दिर
बांके बिहारी जी मन्दिर, वृन्दावन
बांके बिहारी जी मन्दिर, वृन्दावन
विवरण मन्दिर निर्माण के शुरुआत में किसी दान-दाता का धन इसमें नहीं लगाया गया। श्रीहरिदास स्वामी विषय उदासीन वैष्णव थे। उनके भजन-कीर्तन से प्रसन्न हो निधिवन से श्री बाँके बिहारी जी प्रकट हुये थे।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि हिन्दू धार्मिक स्थल
कब जाएँ कभी भी
बस अड्डा वृन्दावन
यातायात बस, कार, ऑटो आदि
क्या देखें शाह जी का मन्दिर वृन्दावन, निधिवन वृन्दावन, कालियदह, चीरघाट वृन्दावन
कहाँ ठहरें गैस्ट हाउस, धर्मशाला आदि
क्या खायें कुलैया, माखन मिश्री, पेड़े
क्या ख़रीदें बाँसुरी, ठाकुर जी की पोशाक व श्रृंगार सामग्री
एस.टी.डी. कोड 05664
ए.टी.एम लगभग सभी
सावधानी बन्दरों से सावधान रहें
संबंधित लेख श्रीकृष्ण, गोविन्द देव मन्दिर वृन्दावन, शाह जी मन्दिर, रंगनाथ जी मन्दिर, वृन्दावन, रंगजी मन्दिर, वृन्दावन, द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा दर्शन ग्रीष्म काल-प्रात: 7:00 से 12:00 तक, आरती- 7:45 से 8:00 के बीच, सांय 5:30 से 9:30 तक

शीत काल-प्रात: 8:45 से 1:00 तक, सांय 4:30 से 8:30 तक।

पिन कोड 281121
अन्य जानकारी यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। वैशाख मास की अक्षय तृतीया के दिन श्री बाँके बिहारी के श्रीचरणों के दर्शन होते हैं।
अद्यतन‎

बांके बिहारी मंदिर मथुरा ज़िले के वृंदावनधाम में रमण रेती पर स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। 'बांके बिहारी' भगवान श्रीकृष्ण का ही एक रूप है, जो इसमें प्रदर्शित किया गया है। श्रीधाम वृन्दावन एक ऐसी पावन भूमि है, जिस भूमि पर आने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। ऐसा आख़िर कौन व्यक्ति होगा, जो इस पवित्र भूमि पर आना नहीं चाहेगा तथा श्री बाँके बिहारी जी के दर्शन कर अपने को कृतार्थ करना नहीं चाहेगा। यह मन्दिर श्री वृन्दावन धाम के एक सुन्दर इलाके में स्थित है। कहा जाता है कि इस मन्दिर का निर्माण स्वामी श्री हरिदास जी के वंशजोंं के सामूहिक प्रयास से संवत 1921 के लगभग किया गया था।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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