गजराज उपाध्याय
गजराज उपाध्याय की उपस्थिति शिव सिंह सरोज ने संवत् 1874 में मानी है। इनके द्वारा रचित पिंगल भाषा का ग्रंथ ‘वृहत्तर तथा रामायण’ कहा जाता है।[1]
गजराज उपाध्याय की उपस्थिति शिव सिंह सरोज ने संवत् 1874 में मानी है। इनके द्वारा रचित पिंगल भाषा का ग्रंथ ‘वृहत्तर तथा रामायण’ कहा जाता है।[1]